एव्हरग्रैन्ड क्रायसिस, बिजली की किल्लत की पृष्ठभूमि पर चीन की अर्थव्यवस्था की गिरावट शुरू

‘वर्ल्ड बैंक’ समेत प्रमुख वित्तसंस्थाओं का दावा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – रिअल इस्टेट क्षेत्र की ‘एव्हरग्रैन्ड’ कंपनी पर बना दिवालिया होने का संकट और बिजली की किल्लत के कारण उत्पादन में कमी होने की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था की फिर से गिरावट होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। वर्ल्ड बैंक समेत गोल्डमन सैक्स और नोमुला जैसीं शीर्ष वित्तसंस्थाओं ने इससे संबंधित जताया अनुमान सामने आ रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय वित्तसंस्था चीन की अर्थव्यवस्था को लग रहें झटकों को लेकर नए दावे कर रही हैं और इसी बीच चिनी माध्यमों ने उलटी बयानबाजी करना शुरू किया है। सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईस्म’ ने चिनी नहीं, बल्कि अमरिकी अर्थव्यवस्था संकट में होने की फटकार लगाई है।

घसरण, गिरावट

इस वर्ष के शुरू से ही चीन के कर्ज़ का बोझ प्रचंड मात्रा में बढ़ना शुरू हुआ है और निजी क्षेत्र के क्रेडिट की भी गिरावट होती सामने आयी थी। लेकिन, कर्ज का बोझ और इससे संबंधित खतरें कम करने के लिए चीन की हुकूमत, किसी भी तरह के कदम उठाती नहीं देखी जा रही है। उल्टा कुछ महीनों में चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत निजी उद्योगों पर अपनी पकड़ अधिक मज़बूत करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए नए सख्त नियम जारी किए गए हैं और बैंकों को कर्ज़ अपनी मर्ज़ी से वितरित करने के लिए मनाई की गई है।

इसके तीव्र परिणाम सामने आ रहे हैं और रिअल इस्टेट क्षेत्र की ‘एव्हरग्रैन्ड’ कंपनी का संकट इसी का हिस्सा समझा जाता है। इस कंपनी पर ३०५ अरब डॉलर्स का भारी कर्ज़ है और इस कर्ज़े की किश्‍त अदा करने में भी यह कंपनी असफल हुई है। इस वजह से चीन के साथ एशिया, युरोप और अमरिकी शेअर बाज़ारों को बड़ा झटका लगा है। निर्माण कार्य के क्षेत्र की अन्य कंपनियों को भी इससे नुकसान पहुँचा है और इसका असर स्टील एवं अन्य क्षेत्रों पर होगा, यह इशारा भी दिया गया है।

इसी दौरान, चीन में बीते कुछ दिनों से कई प्रांतों में बिजली की किल्लत नुकसान पहुँचा रही है और कई विदेशी एवं देसी कारखाने बंद रखने की मजबुरी सामने आयी है। इससे उत्पादन क्षेत्र को नुकसान पहुँचा है और चीन के साथ वैश्‍विक स्तर की कुछ बड़ी कंपनियों पर असर होता दिखाई दिया है। इस पृष्ठभूमि पर विश्‍व की प्रमुख वित्तसंस्थाओं ने, चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट होने के अनुमान जताना शुरू किया है।

घसरण

अमरीका के ‘ब्लूमबर्ग’ समेत शीर्ष माध्यमों ने विश्‍लेषक एवं आर्थिक विशेषज्ञों का हवाला देकर यह दावा किया है कि बिजली की किल्लत चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाएगी। इसके बाद नामांकित ‘नोमुरा’ वित्तसंस्था ने, चीन के विकास दर में ०.५ प्रतिशत गिरावट होने का अनुमान व्यक्त किया है। अमरीका की शीर्ष वित्तसंस्था ‘गोल्डमन सैक्स’ ने भी चीन के जीडीपी में ०.४ प्रतिशत गिरावट होने का दावा किया है।

‘वर्ल्ड बैंक’ की रपट में चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार होने का दावा किया गया है, फिर भी इस प्रक्रिया के बीच झटके लग सकते हैं, ऐसा भी कहा है। चीन के विकास दर की बढ़ोतरी की गति कम होने का बयान भी ‘वर्ल्ड बैंक’ ने किया है। अलग अलग वित्तसंस्थाओं के ऐसें दावे सामने आने के दौरान ही, चीन के औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में गिरावट होने की जानकारी भी सामने आयी है। लगातार छह महीनों से इन कंपनियों के मुनाफे में गिरावट हो रही है और जुलाई महीने की तुलना में अगस्त महीने में छह प्रतिशत गिरावट होने की बात कही जा रही है। कच्चे सामान की बढ़ती कीमतें, बिजली की किल्लत और कोरोना से लगाए गए लॉकडाऊन की वजह से, मुनाफे में लगातार गिरावट जारी होने की बात कही गई है।

चीन की अर्थव्यवस्था को झटके लगने के मुद्दे को लेकर व्यक्त किए जा रहें अनुमान अतिशयोक्ति से भरे होने की चिल्लाहट चिनी प्रसारमाध्यम कर रहे हैं। सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने, अमरिकी अर्थव्यवस्था पर आपत्ति टूट गिरेगी, यह दावा किया है। अमरीका के अर्थमंत्री एवं अन्य अभ्यासगुटों द्वारा, कर्ज की परिसिमा को लेकर दीं जा रहीं चेतावनियों का हवाला भी इसके लिए दिया गया है। अमरिकी अर्थव्यवस्था से संबंधित विधेयकों के मुद्दों पर संसद में हो रहें राजनीतिक संघर्ष का ज़िक्र भी चिनी अखबार ने किया है।

English  मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info