काबुल – पाकिस्तान की सीमा से करीबी अफ़गानिस्तान के कंदहार प्रांत में स्थित शिया पंथियों के प्रार्थना स्थान पर शुक्रवार के दिन आत्मघाती हमला हुआ और इस हमले में ६० लोग मारे गए। बीते हफ्ते से अफ़गानिस्तान में शिया पंथियों के प्रार्थना स्थान पर यह दूसरा हमला है। इस हमले की ज़िम्मेदारी अभी किसी ने भी नहीं स्वीकारी है। लेकिन, तालिबान की हुकूमत को चुनौति दे रही ‘आयएस-खोरासन’ नामक आतंकी संगठन ही इस हमले की पीछे होने की संभावना जताई जा रही है। तालिबान का प्रवक्ता ज़बिउल्ला मुजाहिद ने इस हमले का निषेध किया है और दोषियों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी, यह दावा भी किया।
कंदहार प्रांत की राजधानी कंदहार में शुक्रवार के दिन शिया पंथियों के प्रार्थना स्थान में काफी बड़ा विस्फोट हुआ। आत्मघाती आतंकी ने यह विस्फोट किया होने की बात कही जा रही है। लेकिन, इस घटना के गवाह के अनुसार दो आत्मघाती आतंकियों ने इस प्रार्थना स्थान के मुख्य दरवाज़े के करीब विस्फोट किया। अन्य दो आतंकियों ने प्रार्थना स्थान में घुसकर विस्फोट किए। इस दौरान वर्णित प्रार्थना स्थान में कम से कम ५०० लोग मौजूद थे, इस वजह से मृतकों की संख्या बढ़ने की चिंता जताई जा रही है।
ब्रिटीश अखबार ने कंदहार के इस विस्फोट में ६० से अधिक लोगों के मारे जाने के अलावा ७० लोग घायल होने का बयान किया है। ईरान की वृत्तसंस्था भी इस हमले के मृतकों की संख्या ५० से अधिक होने का दावा करी रही है। इसी दौरान अफ़गान वृत्तसंस्था ने इस हमले में मारे गए लोगों की संख्या ३७ होने का दावा किया है। लेकिन हमले के गवाहों ने अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था को प्रदान की हुई जानकारी में चार आत्मघाती हमलावरों ने इस हमले को अंजाम दिया और इस हमले के वीडियो देखने के बाद मृतकों की संख्या ६० होने के दावे किए गए हैं।
बीते हफ्ते से अफ़गानिस्तान में शिया पंथियों के प्रार्थना स्थान पर यह दूसरा बड़ा हमला है। बीते शुक्रवार के दिन अफ़गानिस्तान के उत्तरी क्षेत्र के कुंदूज़ प्रांत में स्थित प्रार्थना स्थान पर हुए आत्मघाती हमले में कम से कम १०० लोग मारे गए थे। अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत के खिलाफ संघर्ष कर रहे आतंकी ‘आयएस-खोरासन’ संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकारी थी। इसी वजह से कंदहार के इस विस्फोट के पीछे भी ‘आयएस’ का ही हाथ होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
तालिबान का प्रवक्ता ज़बिउल्ला मुजाहिद ने कंदहार प्रांत में हुए इस विस्फोट की घटना का निषेध किया। बीते हफ्ते में भी तालिबान ने शिया पंथियों के प्रार्थना स्थान में हुए हमले की सिर्फ आलोचना की थी। इस विस्फोट के लिए ज़िम्मेदार ‘आयएस’ के खिलाफ तालिबान ने कदम नहीं उठाए, यह आरोप ईरान के नेता लगा रहे हैं। तालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा करने के अलावा ‘आयएस’ ने तालिबान की हुकूमत को चुनौती दी है।
इसी बीच, अफ़गानिस्तान में ‘आयएस’ के बढ़ते हमलों पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने चिंता जताई है। इराक और सीरिया से अफ़गानिस्तान पहुँचे ‘आयएस’ के आतंकी सेंट्रल एशिया के देशों की सुरक्षा के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं, यह बयान भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया था। अफ़गानिस्तान अब आतंकियों के लिए अनुकूल स्थान साबित होने का खतरा बढ़ा है, यह इशारा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया। अगले हफ्ते रशिया में अफ़गानिस्तान की गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए विशेष बैठक का आयोजन हो रहा है। इस बैठक में तालिबान भी शामिल हो रही है और सदस्य देशों में भारत का भी समावेश होगा।
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