टोकियो/ताइपे – रशिया ने युक्रैन पर हमला करके क्रिमिया पर कब्ज़ा किया और इस क्षेत्र को अपने देश का हिस्सा बना दिया। इसी तरह से चीन ताइवान पर हमला करेगा, ऐसा इशारा जापान के रक्षामंत्री नोबुओ किशी ने दिया है। अमरिकी अध्ययन मंड़ल द्वारा आयोजित एक समारोह में जापान के रक्षामंत्री ने इस विषय पर बयान करने की बात सामने आयी है। चीन और रशिया के युद्धपोतों की ‘सी ऑफ जापान’ में हो रही संयुक्त गश्त की पृष्ठभूमि पर जापान के रक्षामंत्री का यह इशारा ध्यान आकर्षित करता है।
चीनी हुकूमत बीते कुछ महीनों से ताइवान के खिलाफ अधिकाधिक आक्रामक हो रही है। इस महीने के पहले चार दिनों में ही चीन के लगभग डेढ़ सौ विमानों ने ताइवान के ‘एअर डिफेन्स आयडेंटिफिकेशन ज़ोन’ (एडीआयज़ेड) में घुसपैठ की। यह अब तक की सबसे बड़ी घुसपैठ है। इसके बाद चीन का विलयन सच्चाई में उतरेगा और इसे शांति से करना ही ताइवान की जनता के हित में रहेगा, ऐसी धमकी चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने दी थी।
विमानों की घुसपैठ और राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के इशारे के अलावा चीन ने ताइवान पर हमला करने के लिए अलग अलग हिस्सों में युद्धाभ्यास शुरू करने के साथ तैनाती बढ़ाने की जानकारी भी सामने आ रही है। चीनी माध्यमों ने इसी बीच इशारा देते हुए ऐसा कहा है कि, ताइवान को ‘डूम्सडे’ का सामना करना पड़ेगा। साथ ही चीन के रक्षा विभाग ने ताइवान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ अलर्ट पर होने का बयान किया था। इससे चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम स्तर पर जा पहुँचा है और कई विश्लेषक एवं विशेषज्ञों ने संघर्ष होने का अनुमान भी व्यक्त किया है। इस वजह से जापान के रक्षामंत्री के इशारे की अहमियत प्रचंड़ मात्रा में बढ़ी है।
अमरीका के ‘सीएसआयएस’ नामक अध्ययन मंड़ल ने कुछ दिन पहले आयोजित किए एक कार्यक्रम के दौरान जापान के रक्षामंत्री ने रशिया की क्रिमिया पर कार्रवाई का ज़िक्र किया। ‘रशिया की गतिविधि गैरकानूनी थी। लेकिन, लष्करी तैनाती किए बगैर रशिया ने क्रिमिया में अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया था। इससे पहले सायबर हमले भी किए गए थे। इसी तरह किसी को पता लगे बिना लष्करी ताकत का इस्तेमाल किए बगैर ताईवान के खिलाफ युद्ध की शुरूआत होगी’, यह इशारा जापान के रक्षामंत्री नोबुओ किशी ने दिया। रक्षामंत्री किशी का यह इशारा ताइवान पर चीन के संभावित हमले से संबंधित है, यह दावा जापान के शीर्ष अखबार ‘निक्केई’ ने किया है।
इस कार्यक्रम के अन्य वक्ताओं ने चीन ने ताइवान के खिलाफ शुरू किया हुआ ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ एवं ‘हायब्रिड वॉरफेअर’ को लेकर गंभीर चिंता जताई। रशिया का क्रिमिया पर कब्ज़ा एवं चीन द्वारा इस्तेमाल हो रहे ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ की नीति में समानता है, इस ओर ध्यान आकर्षित किया गया है। अमरीका के पूर्व उप-विदेशमंत्री रिचर्ड आर्मिटेज ने भी चीन द्वारा ताइवान पर ड़ाले जा रहे दबाव को लेकर सावधान रहेने की बात सामने आयी है।
इसी बीच जापान ने अपने समुद्री क्षेत्र के करीब चीन और रशिया ने नौसेना युद्धाभ्यास करने पर तीव्र चिंता जताई है। जापान सरकार इन गतिविधियों पर नज़र रखे हुए है और अपनी समुद्री एवं हवाई सीमा की सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी उपाय किए जाएंगे, ऐसा जापान के वरिष्ठ अधिकारी योशिहिको इसोज़ाकी ने कहा है। चीन और रशिया के युद्धपोतों ने जापान के होक्कायडो एवं क्युशु द्विपों के करीबी क्षेत्र से यात्रा करने की जानकारी भी जापान के अधिकारी ने साझा की।
जापान के समुद्री क्षेत्र के करीब यात्रा करनेवाले चीन और रशिया के युद्धपोतों ने पैसिफिक क्षेत्र में संयुक्त गश्त लगाने की बात भी स्पष्ट हुई है। रशिया के साथ लगाई गई यह गश्त अमरीका और मित्रदेशों की गतिविधियों को प्रत्युत्तर देने के लिए थी, यह दावा चीन के सरकारी माध्यमों ने किया था।
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