चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार कम होने की बात प्रधानमंत्री ली केकिआंग ने स्वीकारी

बीजिंग – चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो रही है, यह बात प्रधानमंत्री केकिआंग ने स्वीकारी है। बीते कुछ महीनों में चीन की अर्थव्यवस्था को लगातार झटके लग रहे हैं और विकास दर में लगातार गिरावट हो रही है। कई वित्तसंस्थाओं ने चीन की अर्थव्यवस्था की मंदी की ओर ध्यान आकर्षित किया है और इन झटकों की तीव्रता और बढ़ेगी, यह अनुमान भी जताया है। अर्थव्यवस्था को लग रहें झटकों की पृष्ठभूमि पर, अगले वर्ष होनेवाले कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में शी जिनपिंग के नेतृत्व को चुनौती प्राप्त हो सकती है, यह दावा अमरिकी अभ्यासगुट ने किया है।

ली केकिआंग, केकिआंग ने स्वीकारी

चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने बीते वर्ष निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद कर्ज़ के भार की वजह से चीन के रिअल इस्टेट क्षेत्र की कंपनियों को झटके लगने शुरू हुए। इसी दौरान चीन में बिजली की माँग बढ़ने से ऊर्जा संकट तीव्र हुआ। इसमें कोरोना का विस्फोट रोकने के लिए थोंपे गए प्रतिबंध भी सामने आए हैं। इस सभी का असर चीन की अर्थव्यवस्था पर होता दिखाई देने लगा है और आर्थिक विकास दर की भी गिरावट हुई है। चीन के अधिकारी एवं यंत्रणा इस गिरावट की सीधे कबुली दिए बगैर ये दावे कर रहे हैं कि आर्थिक सुधारों की वजह से ये बदलाव हो रहे हैं।

ली केकिआंग, केकिआंग ने स्वीकारी

इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री ली केकिआंग ने, अर्थव्यवस्था की रफ्तार कम होने की बात कबुल करना अहमियत रखता है। प्रधानमंत्री केकिआंग ने इस मंदी के कारण स्पष्ट किए नही हैं, लेकिन इससे बाहर निकलने के लिए कुछ प्रावधानों के संकेत दिए हैं। इसमें छोटे और मध्यम उद्योगों को करों में सहूलियत एवं अलग अलग शुल्क कम करने के प्रस्तावों का समावेश है। साथ ही, अर्थव्यवस्था के दीर्घकालीन प्रदर्शनों का विचार करके मुद्रा और आर्थिक नीति सख्त करने होंगे, यह इशारा भी केकिआंग ने दिया।

केकिआंग के इस कबुलनामे की गूँज चीन के शेअर बाज़ार में सुनाई दी है। चीन के शांघाई, शेन्झेन, सीएआय३०० इन सभी निदेशांकों में गिरावट हुई है। हाँगकाँग के हैंगसैंग इंडेक्स में भी १ प्रतिशत गिरावट हुई। बीते कुछ हफ्तों में निजी कंपनियों के खिलाफ जारी कार्रवाई और रिअल इस्टेट क्षेत्र की गतिविधियों से शेअर बाज़ार को झटके लग रहे थे। इसमें अब प्रधानमंत्री केकिआंग ने अर्थव्यवस्था की मंदी का किया हुआ ज़िक्र, चीन में निवेशकों के मन में भरा ड़र और असुरक्षितता को अधिक बढ़ानेवाला होने का बयान विश्‍लेषकों ने किया है।

ली केकिआंग, केकिआंग ने स्वीकारी

चीन की अर्थव्यवस्था में हो रही गिरावट का असर चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी पर भी होता दिख रहा है, यह दावा ‘जेम्सटाऊन फाऊंडेशन’ नामक अमरिकी अभ्यासगुट ने किया है। अगले वर्ष कम्युनिस्ट पार्टी का सम्मेलन होगा और इसमें पार्टी और देश के नेतृत्व पर मुहर लगेगी। बीते वर्ष तक यह माना जा रहा था कि ये दोनों पद जिनपिंग के हाथ ही रहेंगे और उन्हें वे आखिर तक संभालेंगे।

लेकिन, अर्थव्यवस्था को लग रहें झटकों की पृष्ठभूमि पर चीन की अंदरुनि राजनीतिक व्यवस्था को झटके लगने शुरू हुए हैं। कम्युनिस्ट पार्टी का एक गुट जिनपिंग पर नाराज़ होने की बात सामने आ रही है। इसमें पूर्व राष्ट्राध्यक्ष जिआंग झेमिन के करीबी झेंग किंगहाँग और उप-राष्ट्राध्यक्ष वैंग किशैन का समावेश होने का दावा अमरिकी अभ्यासगुट ने किया हैं। जिनपिंग के इन विरोधियों ने पार्टी एवं सुरक्षा यंत्रणा की सहायता से जिनपिंग के विरोध में कार्रवाई शुरू की है, ऐसा अमरिकी अभ्यासगुट ने कहा है। बीते दशक में जिनपिंग ने पार्टी पर बनाई पकड़ थोड़ी ढ़िली हुई हैं और उनके विश्‍वसनीय सहयोगी भी अब विरोधी गुट में शामिल हुए हैं, यह दावा भी ‘जेम्सटाऊन फाऊंडेशन’ ने किया है।

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