वॉशिंग्टन – अमरिकी संसद ने कर्ज़ की मर्यादा बढ़ाने के लिए उचित समय पर कदम नहीं उठाए तो अमरीका ‘डिफॉल्टर’ हो सकती है, यह इशारा अमरिकी अध्ययन मंड़ल ने दिया| ‘बायपार्टिसन पॉलिसी सेंटर’ नामक अध्ययन मंड़ल के इस इशारे में १५ दिसंबर से पहले पुख्ता निर्णय ज़रूरी होने का इशारा भी दिया| १५ दिसंबर और उसके बाद प्रशासन को कुछ अहम भुगतान करना है और तभी मौजूदा उपलब्ध निधि खत्म होने की संभावना है, यह दावा वर्णित अध्ययन मंड़ल ने किया| इससे पहले अमरिकी वित्तमंत्री जैनेट येलेन ने भी कर्ज़ की मर्यादा के मुद्दे पर संसद को खत के जरिए आवाहन किया था| इसमें अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँच सकता है, इस ओर ध्यान आकर्षित किया गया था|
अमरिकी सरकार के कर्ज़ का भार २९ ट्रिलियन डॉलर्स तक जा पहुँचा है| अन्य सार्वजनिक एवं निजी कर्ज़ मिलाएँ तो अमरीका के कर्ज़ का भार कुल ८५ ट्रिलियन डॉलर्स तक जा पहुँचता है| अमरीका के मौजूदा ‘जीडीपी’ की तुलना में यह राशि चार गुना से अधिक है| सिर्फ सरकारी कर्ज़ का विचार करें तो अमरीका के हरएक नागरिक पर तकरीबन ८५ हज़ार डॉलर्स कर्ज़ होने की बात कही जाती है| इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी अध्ययन मंड़ल का यह इशारा ध्यान आकर्षित करता है|
‘बायपार्टिसन पॉलिसी सेंटर’ के इशारे में कर्ज़ मर्यादा के लिए निर्णायक साबित होनेवाला दिन (एक्स डेट) मात्र कुछ हफ्ते दूरी पर होने का इशारा दिया है| इस दिन के बाद अमरिकी प्रशासन अपने सभी भुगतान पूरी तरह से और समय पर कर नहीं पाएगा, ऐसा इस अध्ययन मंड़ल ने कहा है| इससे पहले यह दिन वर्ष २०२२ में यानी नए वर्ष का हो सकता है, यह कहा गया था| लेकिन, नई जानकारी के अनुसार यह दिवस २१ दिसंबर या उसके बाद का कोई भी हो सकता है, इस बात का अहसास वर्णित अध्ययन मंड़ल ने कराया है|
इसके साथ ही अमरिकी संसद को अब तेज़ कदम उठाकर कर्ज की मर्यादा बढ़ाने का विधेयक पारित करना होगा, यह सलाह भी दी गई है| ऐसा करने में यदि संसद असफल रही तो अमरीका पर ‘डिफॉल्टर’ (कर्ज़ा डुबानेवाले देश) बनने का संकट उभरेगा, ऐसी गंभीर चेतावनी ‘बायपार्टिसन पॉलिसी सेंटर’ ने दी| दिसंबर के अन्त तक या उसके बाद कर्ज़ की मर्यादा से संबंधित विधेयक पारित किया गया तब भी चलेगा, ऐसा जो सोचते हैं वे इतना जान लें कि, वे गलतफहमी में हैं, यह इशारा वर्णित अध्ययन मंड़ल ने दिया है|
‘अमरीका के कर्ज़ की मर्यादा बढ़ाने में असफलता देश के आधुनिक इतिहास में अभूतपूर्व घटना साबित हो सकती है| अमरीका की जनता को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे| देश को कर्ज़ का भुगतान करने में प्राप्त हुई असफलता अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी झटके देगी| कोरोना के नए वेरिएंट की वजह से निर्माण हुई अनिश्चितता और अर्थव्यवस्था सामान्य होने की प्रक्रिया की पृष्ठभूमि पर यह बात काफी गंभीर साबित होगी’, यह इशारा इस अध्ययन मंड़ल ने दिया है| अपने इस इशारे में वर्णित अध्ययन मंड़ल ने वर्ष २०११ में निर्माण हुई स्थिति का भी ज़िक्र किया है|
वर्ष २०११ में अमरिकी संसद कर्ज़ की मर्यादा बढ़ाने में असफल हुई थी| इससे अमरिकी प्रशासन पर ‘शटडाऊन’ का संकट टूटा था| विश्व की प्रमुख वित्तसंस्थाओं ने अमरिकी अर्थव्यवस्था का मानांकन भी कम किया था|
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