यूक्रैन पर गारंटी दें या बड़े संघर्ष का ख़तरा उठाएँ

- रशिया की पश्‍चिमी देशों को चेतावनी

संघर्षाचा धोका, हमी द्या, संघर्ष का ख़तरा, यूक्रैन

मास्को – नाटो की रशिया विरोधी गतिविधियों के लिए यूक्रैन अड्डा नहीं बनेगा, इसकी गारंटी दें, अन्यथा बड़े संघर्ष का ख़तरा उठाएँ, ऐसी सख्त चेतावनी रशिया के उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिबकोव्ह ने दी| रशिया के प्रतिद्वंद्वी देश यह बात सुनेंगे, यही उम्मीद होने का बयान भी रिबकोव्ह ने किया हैं| लेकिन, अमरीका के साथ नाटो ने रशिया की यह मांग स्वीकारने से इन्कार किया है| अमरीका और ब्रिटेन समेत ‘जी ७’ देशों ने, यूक्रैन पर हमला करना यह रशिया की बड़ी गलती साबित हो सकती है, इसका फिर से अहसास कराया है| तभी यूक्रैन को नाटो की सदस्यता प्रदान करने संबंधित निर्णय ३० सदस्य देश करेंगे और अन्य कोई भी इसमें दखलअंदाज़ी नहीं कर सकेगा, ऐसा नाटो के प्रमुख ने सुनाया है|

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रैन पर हमला करने की पूरी तैयारी रखी होेने की खबरें और दावें, बीते कुछ दिनों से जारी हो रहे हैं| दावे करनेवाले माध्यम एवं यंत्रणाओं ने, इसके साथ रशिया की सैनिकी गतिविधियों की जानकारी साझा करनेवाले फोटो जारी करने से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ना शुरू हुआ है| इससे पहले २०१४ में भी रशिया ने इसी तरह सेना तैनाती बढ़ाकर यकायक हमला किया था, इसकी याद भी ताज़ा की जा रही है|

संघर्षाचा धोका, हमी द्या, संघर्ष का ख़तरा

इस पृष्ठभूमि पर रशिया और पश्‍चिमी देशों की जुबानी मुठभेड़ शुरू हुई है और राजनीतिक गतिविधियॉं भी तेज़ हुई हैं| यूक्रैन के मुद्दे पर निर्माण हुआ तनाव कम करने के लिए कुछ दिन पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की चर्चा हुई थी| इस दौरान पुतिन ने स्पष्ट शब्दों में यह मॉंग रखी थी कि रशिया की दिशा में विस्तार करने की हो रही प्रक्रिया नाटो तुरंत रोक दें| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इसपर कोई भी पुख्ता वादा नहीं किया था| लेकिन, इसके बाद यूक्रैन और पूर्वी यूरोप के देशों की हुई बैठक के दौरान अमरीका ने संबंधित देशों में रक्षा तैनाती और सहयोग बढ़ाने का वादा किया था|

संघर्षाचा धोका, हमी द्या, संघर्ष का ख़तरा

रशिया की मॉंग को अमरीका ने अनदेखा करने से रशिया में नाराज़गी है और रशिया ने फिर से आक्रामक रवैया अपनाने के संकेत दिए हैं| उप-विदेशमंत्री रिबकोव्ह की यह चेतावनी भी इसी का हिस्सा बनती है| ‘रशिया के प्रतिद्वंद्वी अमरीका और उसके समविचारी देशों ने हमारे प्रस्ताव को ठुकराने की या नाकाम करने की कोशिश की, तो उनकी सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण हो सकता है| रशिया के प्रस्ताव का स्वीकार ना करना, यह बड़े संघर्ष की शुरुआत होने का खतरा ही होगा’, यह चेतावनी उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिबकोव्ह ने दी| अमरीका और नाटो ने पूर्वी युरोप में रक्षा क्षमता बढ़ाने के मुद्दे पर भी उन्होंने नाराज़गी जताई| इस बढ़ती तैनाती से युरोप में नए ‘मिसाइल क्रायसिस’ का निर्माण हो सकता है, इस ओर रशियन मंत्री ने ध्यान आकर्षित किया|

लेकिन, रशिया की चेतावनियों के बाद पश्‍चिमी देशों के साथ नाटो ने भी जवाब दिया है| ब्रिटेन में आयोजित ‘जी ७’ बैठक के दौरान, यूक्रैन पर हमला करना रशिया की रणनीतिक भूल साबित होगी और इसके गंभीर परिणाम उसे भुगतने पड़ेंगे, इसका अहसास कराया गया है| यूक्रैन के मुद्दे पर पश्‍चिमी देश रशिया का एकजूट के साथ सामना करेंगे, यह वादा भी किया गया है| नाटो के प्रमुख जेन्स जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने भी, नाटो के विस्तार में रशिया की दखलअंदाज़ी बर्दाश्त नही होगी, यह चेतावनी दी है|

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