मास्को – यूरोप में परमाणु हथियारों की तैनाती ना करने का प्रस्ताव नाटो ने ठुकराया तो रशिया भी यूरोप में परमाणु हथियार तैनात करेगी, यह इशारा उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने दिया है| नाटो ने बीते महीने में सक्रिय की हुई ‘५६ आर्टिलरी कमांड’ और पिछले कुछ दिनों से हो रहे बयानों से नाटो यूरोप में परमाणु हथियार तैनात करने की तैयारी की कोशिश में होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं, यह दावा भी रिब्कोव ने इस दौरान किया| रशिया ने यूक्रैन के प्रति आक्रामक भूमिका अपनाई है और इन देशों में नाटो की तैनाती ‘रेड लाईन’ होगी, यह इशारा पहले ही दिया है|
‘यूक्रैन से जुड़ा तनाव खत्म करने की मंशा होती हो तो पश्चिमी देशों को रशिया की सुरक्षा की गारंटी देनी पड़ेगी| यूरोप में मध्यम दूरी के परमाणु हथियार तैनात करने पर पाबंदी भी इसी का हिस्सा है| पश्चिमी देश इस प्रस्ताव में शामिल नहीं हुए तो रशिया कार्रवाई करने के लिए मज़बूर होगी| रशिया सैन्य स्तर पर परमाणु हथियार तैनात करके प्रत्युत्तर देगी’, यह इशारा उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने दिया| पिछले कुछ दिनों से नाटो यूरोप में तैनाती करने के अप्रत्यक्ष संकेत दे रही है, इसी कारण रशिया ऐसा रवैया अपनाने के लिए मज़बूर है, यह इशारा भी रिब्कोव ने दिया|
वर्ष १९८७ में किए गए ‘आईएनएफ ट्रीटि’ के अनुसार यूरोप में मध्यम दूरी के परमाणु हथियारों की तैनाती करने पर पाबंदी थी| अमरीका और रशिया के समझौते के बाद दोनों देशों ने लगभग ढ़ाई हज़ार से अधिक मध्यम दूरी के परमाणु हथियार नष्ट किए थे| लेकिन, वर्ष २०१९ में अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘आईएनएफ ट्रीटि’ से पीछे हटने का निर्णय किया था| इसके बाद रशिया भी इस समझौते से पीछे हटी| इन गतिविधियों के बाद अमरीका और रशिया दोनों ने मध्यम दूरी के परमाणु हथियार विकसित करने के साथ ही इनका परीक्षण एवं तैनाती की तैयारी शुरू करने की बात सामने आयी थी| रशिया द्वारा पहले ही मध्यम दूरी के परमाणु हथियार विकसित करने का आरोप अमरीका ने लगाया था|
यूक्रैन के तनाव की पृष्ठभूमि पर यह मुद्दा अब फिर से सामने आया है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रैन पर हमला करने की बड़ी तैयारी करने की खबरें और दावे पिछले कुछ दिनों से प्रसिद्ध हो रहे हैं| यह दावे करने वाले माध्यम एवं यंत्रणाओं ने साथ में रशिया की सैन्य गतिविधियों की जानकारी साझा करनेवाले फोटो प्रसिद्ध करने से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ने की शुरूआत हुई है| लेकिन, रशिया ने यूक्रैन पर हमला करने के दावे ठुकराए हैं और आरोप भी लगाया है कि, वास्तव में अमरीका एवं नाटो उकसानेवाली गतिविधियॉं कर रहे हैं| यूक्रैन का तनाव खत्म करने के लिए रशिया ने एक प्रस्ताव भी पेश किया था|
इसमें नाटो को यूक्रैन और जॉर्जिया को सदस्यता प्रदान करने का प्रस्ताव हटाना होगा और इस क्षेत्र में रक्षा तैनाती नहीं होनी चाहिए, यह मॉंग की गई थी| लेकिन, अमरीका और नाटो ने रशिया की इस मॉंग को नाकारा है| इस वजह से रशिया अधिकाधिक आक्रामक होती जा रही है| परमाणु हथियारों की तैनाती का इशारा देने से पहले रिब्कोव ने यूक्रैन को रशिया विरोधी गतिविधियों का नया केंद्र ना बनाने की गारंटी दें, वरना बड़े संघर्ष का खतरा मोल लें, यह इशारा दिया था|
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