अंतरिक्ष के उपग्रह एवं हायपरसोनिक वेपन्स को लक्ष्य करने की क्षमता वाली ‘एस-५५०’ मिसाइल प्रणाली रशियन रक्षाबलों में शामिल

मास्को/वॉशिंग्टन – अंतरिक्ष के ‘लो ऑर्बिट सैटेलाईटस्‌’, परमाणु हथियार एवं ‘ऑर्बिटल हायपरसोनिक वेपन्स’ को लक्ष्य करने की क्षमता वाली ‘एस-५५०’ मिसाइल प्रणाली रशियन रक्षाबलों में तैनात की गई है। रशियन वृत्तसंस्था ‘तास’ ने इससे संबंधित खबर जारी की है। अंतरिक्ष क्षेत्र के विशेषज्ञ एवं विश्‍लेषकों ने रशिया की इस नई प्रणाली का ज़िक्र ‘स्टार वॉर्स मिसाइल’ के तौर पर किया है और यह नई प्रणाली अंतरिक्ष में हथियारों की स्पर्धा अधिक तीव्र करगी, यह चिंता भी जताई है।

मिसाइल प्रणाली

रशिया के रक्षामंत्री सर्जेई शोईगु ने पिछले महीने एक वार्तापरिषद के दौरान मिसाइल प्रणालियों का विकास और तैनाती का ज़िक्र किया था। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने ‘एस-३५०’, ‘एस-५००’ एवं ‘एस-५५०’ मिसाइल प्रणालियों की रक्षाबलों में तैनाती बढ़ाने के लिए तीव्र भूमिका अपनाने की बात शोईगु ने कही थी। इनमें से ‘एस-३५०’ और ‘एस-५००’ रशियन रक्षाबलों में पहले ही तैनात हैं और ‘एस-५५०’ का परीक्षण शुरू होने की बात समझी जा रही थी। कुछ रशियन माध्यमों ने यह प्रणाली २०२५ तक सक्रिय होगी, ऐसे दावे किए थे।

मिसाइल प्रणाली

लेकिन, बुधवार को ‘तास’ नामक सरकारी वृत्तसंस्था ने ‘एस-५५०’ रशियन रक्षाबलों में शामिल होने की खबर जारी करके नया झटका दिया। ‘एस-५५०’ मिसाइल प्रणाली ने सभी आवश्‍यक परीक्षण सफलता पूर्वक पूरे किए हैं। ‘एस-५५०’ का पहला बैच रशियन रक्षाबलों में तैनात किया गया है’, ऐसा ‘तास’ ने अपनी खबर में कहा है। ‘एस-५५०’ अंतरमहाद्विपीय परमाणु हथियारों को लक्ष्य करने की क्षमता वाली पहली ‘मोबाईल मिसाईल सिस्टम’ होने का दावा भी रशिया ने किया है। रशिया के किसी भी हिस्से में इस यंत्रणा की तैनाती करना मुमकिन होने की बात रशियन सूत्रों ने कही है।

लेकिन, ‘एस-५५०’ असल में अंतरिक्ष के संघर्ष के लिए विकसित किए जाने की बात समझी जा रही है। इस प्रणाली के लिए इस्तेमाल किए गए मिसाइल अंतरिक्ष में स्थित उपग्रह एवं हायपरसोनिक वेपन्स को भी लक्ष्य कर सकते हैं। इसी कारण इस प्रणाली के माध्यम से रशिया ने अंतरिक्ष युद्ध के लिए अपनी तैयारी अधिक मज़बूत की हुई दिख रही है। पिछले महीने रशिया ने उपग्रह विरोधी मिसाइल का परीक्षण करके सनसनी निर्माण की थी। यह परीक्षण ‘एस-५५०’ के लिए इस्तेमाल की गई मिसाइल का था, ऐसा कहा जा रहा है।

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