नूर सुल्तान/मास्को – कजाकिस्तान के विभिन्न शहरों में पिछले हफ्ते छिड़ी हिंसाओं के पीछे सुनियोजित साज़िश थी। कजाकिस्तान में तख्ता पलटने की साज़िश विदेशी हस्तकों ने रचि थी। इसके लिए कजाकिस्तान में हायब्रिड आतंकी हमला किया गया। वर्ष २०१४ में यूक्रैन में किए गए विद्रोह की तरह कजाकिस्तान में भी हिंसा करनी थी, ऐसे गंभीर आरोप कजाकिस्तान और रशिया के राष्ट्राध्यक्षों ने लगाए हैं। किसी के नाम का ज़िक्र भले ही ना किया गया हो, फिर भी इसके पीछे अमरीका के होने के संकेत कजाकिस्तान एवं रशिया के राष्ट्राध्यक्ष दे रहे हैं।
कम से कम १६४ लोगों की मौत का कारण बनी कजाकिस्तान की इस हिंसा पर चर्चा करने के लिए सोमवार को रशिया के नेतृत्व में पूर्व सोवियत देशों की ‘कलेक्टिव सिक्युरिटी ट्रीटि ऑर्गनाइजेशन’ (सीएटीओ) की बैठक हुई। इस बैठक में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और कजाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष कैसिम-जोमार्ट तोकायेव ने र्इंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ किए गए यह प्रदर्शन यकायक नहीं हुए थे, यह दावा किया है।
‘कजाकिस्तान में अराजकता फैलाने के लिए विदेशी आतंकी हमारे देश में घुसे हैं। यह सशस्त्र आतंकी घात करने की तैयारी में थे और अवसर पाकर उन्होंने हिंसा करके सत्ता हथिया ने की कोशिश की। यह आतंकी तख्ता पलटने की तैयारी में थे’, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने ‘सीएसटीओ’ की बैठक में लगाया। इसके साथ ही देश में अंदरुनी एवं बाहरी गुट साथ मिले हुए हैं और उन्होंने आतंकियों का इस्तेमाल करके ‘हायब्रिड टेररिस्ट अटैक’ किया, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने समाचार चैनल से बातचीत करते समय लगाया।
रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने वर्ष २०१४ में यूक्रैन के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष विक्टर यान्कोविच के खिलाफ किए गए हमले की याद दिलाई। रशिया समर्थक यान्कोविच को सत्ता से हटाने के लिए सशस्त्र विद्रोहियों ने यूक्रैन के पार्लियामेंट पर हमला किया था। इसके बाद हुई हिंस्सा में १२५ लोग मारे गए थे और लगभग ७०० लोग लापता हुए थे। इसके बाद यूक्रैन में तख्ता पलटा और रशिया विरोधी सरकार का गठन हुआ था, इस ओर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ध्यान आकर्षित किया। कजाकिस्तान की हिंसा भी इसी तरह की पूर्वनियोजित साजिश थी, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने लगाया।
पाकिस्तानी और अफ़गान चरमपंथियों ने दंगे भड़काए
अल्माटी – कजाकिस्तान के अल्माटी में भीषण हिंसा के पीछे पाकिस्तान के तब्लिगी और अफ़गानिस्तान के चरमपंथी गुट होने की खबर सामने आ रही है। रशियन सुरक्षा यंत्रणा से जुड़े हुए अधिकारी ने वृत्तसंस्था से बातचीत करते समय यह जानकारी साझा की।
अफ़गानिस्तान में प्रशिक्षित चरमपंथी कजाकिस्तान में हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान के चरमपंथी संगठन मध्य एशिया में अपना जोर बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। किरगिज़िस्तान के रास्ते कजाकिस्तान के अल्माटी में प्रवेश करके इन दोनों गुटों ने इस क्षेत्र में हिंसा भड़काई होगी, यह संभावना जताई जा रही है। अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के बाद दोनों देशों के चरमपंथियों को बल प्राप्त हुआ है और एशियाई देश इससे खतरे में होने की बात कजाकिस्तान में हुए दंगों से स्पष्ट हो रही है।
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