बगदाद – इराक के बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर छह रॉकेट हमले हुए। यहां के यात्री विमान के कॉकपिट पर एक रॉकेट गिरने के बाद हवाईअड्डे पर तनाव निर्माण हुआ था। यहां के अमेरिकी लश्करी तल को लक्ष्य करने के लिए हमले हुए ऐसा प्रतीत होता है। अमेरिका के सेनावापसी की मांग करनेवाले इराक में ईरानसंलग्न आतंकवादी गुट इसके पीछे होने का शक व्यक्त किया जा रहा है।
शुक्रवार की सुबह को इराकी राजधानी बगदाद में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की सीमा में एक के बाद एक छह रॉकेट हमले हुए। इनमें से कुछ रॉकेट्स हवाईअड्डे के धावन-पथ और पार्किंग क्षेत्र पर गिरे। तो इनमें से एक रॉकेट धावन-पथ से दूर खडे इराकी एअरवेज कंपनी के ’बोईंग 767’ यात्री हवाईअड्डे पर गिरा। यह विमान मरम्मत के लिए आया होने की वजह से पिछले कुछ हफ्तों से इसे इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था।
बगदाद हवाईअड्डे पर अमेरिकी लश्कर के ’कैम्प विकटरी’ को लक्ष्य करने के लिए यह हमले किए जाने की संभावना बताई जाती है। रॉकेट प्रक्षेपित किए गए स्थान पर इराक के लश्कर ने कार्यवाही करके कुछ रॉकेट्स एवं लॉन्चर्स जप्त किए हैं। शुक्रवार के इस रॉकेट हमलों की जिम्मेदारी किसी भी संघटना ने नहीं स्वीकारी है। मगर इससे पहले इराक के अमेरिकी लश्करी, हवाईअड्डों पर ड्रोन्स, रॉकेट्स और मिसाईलों के हमले हुए थे।
दो वर्ष पूर्व ईरान के कुद्स फोर्सस के प्रमुख जनरल कासेम सुलेमानी और इराक मे पॉप्युलर मोबिलाइज़ेशन फोर्सस के प्रमुख अबू महदी अल-मुहानदीस को अमेरिका ने ड्रोन हमले में मारा डाला था। तत्पश्चात इराक में अमेरिका के लश्करी स्थलों पर हमलों की तीव्रता बढी है। इसके लिए इराक में ईराणसंलग्न आतंकी संघटनाएं होने का आरोप लगाया जाता है।
अमेरिका अफगानिस्तान की तरह इराक से पूर्णरूप से सेनावापसी करे, ऐसी मांग यहां के ईराणसंलग्न राजकीय गुट तथा सशस्त्र संघटनाएं कर रही हैं। इराक के भूतपूर्व प्रधानमंत्री नवाब नूरी अल-मलिकि भी ईराणसंलग्न गुटों की मांग का समर्थन कर रहे हैं। बायडेन प्रशासन ने भी इराक से सेनावापसी की घोषणा की थी, मगर पिछले कुछ सप्ताहों से उक्त निर्णय धीमा पड गया है। ऐसी स्थिति में इराक में अमेरिकी हितों पर रॉकेट हमले बढे हैं।
तो, पिछले कुछ सप्ताहों से ’आयएस’ आतंकी संघटना के इराक में हमले भी तीव्र हुए हैं। हफ्ताभर पहले इराक के दियाला प्रांत में आयएस के आतंकियों ने इराक के लश्कर के ११ जवानों की निर्मम हत्या करने की खबरें सामने आई थीं। तो इसके बाद कुछ ही घंटों में आयएस के आतकियों ने सीरिया के जेल पर हमले करके अपने सैंकडों साथियों को छुडाया था। तत्पश्चात आयएस के आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए इराक ने अपनी सीमा बंद की थी।
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