अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के कड़े प्रतिबंधों के खतरनाक परिणाम रशिया को भुगतने होंगे

- ‘जी ७’ गुट की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘यूक्रैन की सीमा पर रशिया की फौज का जमावड़ा बड़ी गंभीर बात है और अगर रशिया ने यूक्रैन पर हमला किया तो अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। इन प्रतिबंधों के खतरनाक परिणाम रशिया को भुगतने होंगे’, ऐसी चेतावनी ‘जी ७’ गुट ने दी है। अमरीका, ब्रिटेन और नाटो ने, आनेवाले कुछ दिनों में रशिया किसी भी क्षण यूक्रैन पर हमला करेगा, यह चेतावनी दी है। इस पृष्ठभूमि पर ‘जी ७’ की चेतावनी रशिया पर अधिक दबाव बढ़ाने की कोशिश समझी जा रही है।

खतरनाक परिणाम

सोमवार की सुबह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख देशों के ‘जी ७’ गुट ने रशिया-यूक्रैन मुद्दे पर स्वतंत्र निवदेन जारी किया। इस निवेदन में ‘जी ७’ ने चेतावनी दी कि अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय रशिया पर कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है। ‘जी ७’ की प्राथमिकता, फिलहाल निर्माण हुई तनाव की स्थिति में सुधार करने के लिए सहायता करने की ही है। लेकिन, फिर भी अगर रशिया ने यूक्रैन पर सैन्य कार्रवाई करने का निर्णय किया, तो जी ७ एकसाथ रशिया पर सख्त आर्थिक एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं। इन प्रतिबंधों के रशियन अर्थव्यवस्था पर खतरनाक असर होंगे’, यह चेतावनी ‘जी ७’ ने दी है।

खतरनाक परिणाम

रशिया पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही, यूक्रैन की अर्थव्यवस्था को आवश्‍यक आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए भी ‘जी ७’ गुट के देश तैयार होने की बात निवेदन में स्पष्ट की गई है। इस निवेदन से पहले जर्मनी की विदेशंत्री का एक बयान भी सामने आया है। रशिया पर प्रतिबंध लगाने का समय आया, तो इसके लिए आवश्‍यक कीमत चुकाने के लिए जर्मनी तैयार हैं, ऐसा जर्मन विदेशमंत्री ऐनालिना बेअरबॉक ने कहा था। पिछले हफ्ते अमरीका, ब्रिटेन और युरोपीय महासंघ, रशिया पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया पर सहमत होने की बात कही जा रही है।

अमरीका समेत युरोपीय देशों ने पहले भी रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाये हैं। रशिया ने २०१४ में यूक्रैन पर किया हमला, क्रिमिया पर किया कब्ज़ा, साइबर हमलें, चुनावों में हुई दखलअंदाज़ी, मानव अधिकारों का उल्लंघन, यूक्रैन में विमान गिराने की घटना जैसें मुद्दों पर पश्‍चिमी समुदाय ने रशिया पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। पश्‍चिमी देशों के इन प्रतिबंधों का प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया ने भी प्रतिबंधों का ऐलान किया था। रशिया पर लगाए प्रतिबंधों से रशियन अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ने के दावे पश्‍चिमी अभ्यासगुटों ने किए हैं। लेकिन, रशिया ने इन दावों से इन्कार किया हैं और उल्टा इन प्रतिबंधों की वजह से युरोपीय देशों को अधिक नुकसान पहुँचने की बात कही है।

रशियन राष्ट्राध्यक्ष प्रतिबंधों की धमकियों की परवाह नहीं करते – रशियन राजदूत का दावा

मास्को – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन, पश्‍चिमी देशों द्वारा प्रतिबंध लगाने की दी जा रही धमकियों की परवाह नहीं करते, ऐसा सनसनीखेज़ बयान स्वीड़न में नियुक्त रशियन राजदूत ने किया है। ‘रशिया पर पहले से ही काफी प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों का रशियन अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर हुआ हैं। नए प्रतिबंध कुछ अच्छी बात नहीं होगी, लेकिन पश्‍चिमी देश जो भी दावे कर रहें हैं उतनी बुरी भी नहीं हैं। पश्‍चिमी देशों ने रशिया पर अधिक दबाव बनाने की कोशिश की, तो रशिया का प्रत्युत्तर भी उतना भी जोरदार होगा। प्रतिबंधों से रशिया स्वावलंबी हुआ है और रशिया की निर्यात भी बढ़ी है’, ऐसा बयान स्वीड़न में नियुक्त रशियन राजदूत विक्टर तातारिन्तसेव्ह ने किया हैं।

इसी बीच, फ़रवरी महीने में रशिया का विदेशी मुद्रा भंड़ार करीबन ६३५ अरब डॉलर्स तक पहुँचने की जानकारी रशिया की सेंट्रल बैंक ने साझा की है।

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