अमरीका और यूरोपिय मित्रराष्ट्रों ने रशियन बैंकों को ‘स्विफ्ट’ से अलग करने का किया सख्त निर्णय

- रशियन केंद्रीय बैंक के कारोबार पर भी प्रतिबंध लगाने के संकेत

‘स्विफ्ट’

वॉशिंग्टन/लंदन – विश्‍वभर की प्रमुख बैंकों की एक-दूसरे के साथ कारोबार के लिए इस्तेमाल होनेवाली अंतरराष्ट्रीय ‘स्विफ्ट’ यंत्रणा से कुछ रशियन बैंकों को अलग किया जा रहा है| अमरीका, ब्रिटेन और यूरोपिय मित्रराष्ट्रों ने इस निर्णय का ऐलान किया है| साथ ही, रशिया की सेंट्रल बैंक के कारोबर पर भी प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए गए हैं| पश्‍चिमी देशों के यह नए प्रतिबंध रशियन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाएंगे, यह दावा किया जा रहा है|

रशिया ने पिछले हफ्ते दो प्रांतों को स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर स्वीकृति देने के बाद अमरीका, यूरोपिय महासंघ और जापान ने रशिया पर प्रतिबंध लगाए थे| इसके बाद गुरूवार को रशिया की सेना ने यूक्रैन में प्रवेश किया तो पश्‍चिमी देशों ने फिर से प्रतिबंधों का ऐलान किया है| अमरीका, ब्रिटेन, कनाड़ा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपिय महासंघ ने रशिया के ईंधन क्षेत्र पर के अलावा अन्य सभी क्षेत्रों पर और संबंधितों पर प्रतिबंध लगाए थे| लेकिन, यह प्रतिबंध ज्यादा प्रभावी ना होने की आलोचना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जा रही थी| इस पृष्ठभूमि पर अमरीका और मित्रराष्ट्रों ने ‘न्यूक्लियर ऑप्शन’ के तौर पर जानी जा रही ‘स्विफ्ट’ का इस्तेमाल ध्यान आकर्षित कर रहा है|

‘स्विफ्ट’

‘सोसायटी फॉर वर्ल्डवाईड इंटरबैंक फाइनान्शियल टेलिकम्युनिकेशन’ नामक यह यंत्रणा विश्‍वभर के आर्थिक कारोबार की रीढ़ मानी जाती है| वर्ष १९७३ में स्थापित की गई इस यंत्रणा में २०० से अधिक देशों के ११ हज़ार से अधिक बैंकों एवं वित्तसंस्थाएं जुड़ी हुई हैं| अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में पैसों का कारोबार शीघ्रता से और सुरक्षितरूप से पूरा करने के लिए ‘स्विफ्ट’ का ज़रिया है| हर रोज चार करोड़ से अधिक संदेशों के माध्यम से ट्रिलियन डॉलर्स से अधिक राशि का कारोबार ‘स्विफ्ट’ के माध्यम से होता है| इनमें रशिया का हिस्सा एक प्रतिशत से भी अधिक होने की बात कही जाती है|

‘स्विफ्ट’

रशिया की लगभग सभी प्रमुख बैंकस् ‘स्विफ्ट’ से जुड़ी हुई हैं| इस वजह से अमरीका और मित्रराष्ट्रों का यह निर्णय रशिया की बैंकिंग व्यवस्था को जोरदार नुकसान पहुँचा सकता है| लेकिन, शनिवार को किए गए निर्णय में सभी रशियन बैंकों का समावेश नहीं है और कुछ बैंकों को इससे अलग रखा गया है| इसलिए ‘स्विफ्ट’ से बार किए गए बैंकों के नाम सामने आने के बाद रशिया के खिलाफ किए इस निर्णय का सच्चा दायरा सामने आ सकता है| ‘स्विफ्ट’ के विकल्प का इस्तेमाल रशियन नागरिक एवं निवेशकों को आर्थिक नुकसान पहुँचा सकता है, यह भी कहा जा रहा है| लेकिन, साथ ही रशिया ने ‘स्विफ्ट’ के लिए विकल्प के तौर पर ‘एसपीएफएस’ नामक यंत्रणा का निर्माण किया है, इसका अहसास रशियन विश्‍लेषक दिला रहे है|

स्विफ्ट के निर्णय के बाद रशिया की सेंट्रल बैंक को भी लक्ष्य करने के संकेत दिए जा रहे हैं| इस बैंक के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी कारोबार पर पाबंदी लगाई जाएगी, ऐसा कहा जा रहा है| ऐसा होने पर रशिया की सेंट्रल बैंक को विदेशी मुद्रा भंड़ार का पूरा इस्तेमाल करना मुमकिन नहीं होगा, यह बात रशिया की सरकार को झटका देनेवाली साबित होगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं|

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