अमरीका के समक्ष परमाणु हथियारों से तैयार चीन और रशिया की चुनौती

- अमरीका की ‘स्ट्रैटेजिक कमांड’ के प्रमुख का इशारा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘मौजूदा समय में अमरीका के समक्ष परमाणु हथियारों से तैयार दो देशों की चुनौती है| यह देश विश्‍व के किसी भी क्षेत्र में युद्ध छेड सकते हैं और इसके लिए उनके सामर्थ्य का हिस्सा होनेवाले किसी भी साधन का इस्तेमाल कर सकते हैं| इतिहास में कभी भी अमरीका के समक्ष ऐसी चुनौती खड़ी नहीं हुई थी’, इन शब्दों में अमरीका की ‘स्ट्रैटेजिक कमांड’ के प्रमुख एडमिरल चार्ल्स ए. रिचर्ड ने चीन और रशिया के बढ़ते परमाणु खतरे का इशारा दिया|

अमरीका के समक्ष

अमरीका की संसदीय समिती के सामने फिलहाल रक्षा नीति और खर्च के मुद्दे पर सुनवाई जारी है| इस दौरान अमरीका की ‘स्ट्रैटेजिक कमांड’ एवं ‘स्पेस कमांड’ के प्रमुख ने रशिया और चीन के बढ़ते सहयोग से निर्माण हो रही चुनौतियों का ज़िक्र किया| ‘अवसर पाकर एवं एक-दूसरे के सहयोग से किया गया हमला तीव्र चिंता का मुद्दा है| चीन और रशिया की परमाणु क्षमता और उसका दायरा पुख्ता किस स्तर तक है, इसकी जानकारी अमरीका को नहीं है’, ऐसा इशारा ‘स्ट्रैटेजिक कमांड’ के प्रमुख एडमिरल चार्ल्स ए.रिचर्ड ने दिया|

इससे पहले अमरीका को सिर्फ रशिया की परमाणु तैयारी का विचार करके नीति बनाने की जरुरत पडती थी| लेकिन, अब ‘थ्री पार्टी स्टेबिलिटी’ का विचार करके कदम उठाने होंगे, इस ओर एडमिरल चार्ल्स ए.रिचर्ड ने ध्यान आकर्षित किया| अपनी सुनवाई में ‘स्ट्रैटेजिक कमांड’ के प्रमुख ने अमरीका के ‘न्युक्लियर ट्रायड’ के आधुनिकीकरण का मुद्दा भी उठाया| चीन और रशिया के बढ़ते खतरे पर गौर करके अमरीका ने अपने ‘न्युक्लियर ट्रायड’ में बदलाव करने के लिए तेज़ी से कदम उठाने होंगे, यह आवाहन एडमिरल चार्ल्स ए.रिचर्ड ने किया|

अमरीका के समक्ष

अमरीका की ‘स्पेस कमांड’ के प्रमुख जनरल जेम्स डिकिन्सन ने चीन और रशिया ने अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़त एवं उनके बीच जारी सहयोग को लेकर चिंता जताई| अंतरिक्ष क्षेत्र ही अब अमरीका के लिए सुरक्षित आश्रयस्थान नहीं रहा, यह दावा भी उन्होंने किया|

अमरीका और रशिया ने परमाणु हथियारों की संख्या सीमित रखने के लिए शुरू की हुई कोशिशों का हिस्सा होने से चीन ने इन्कार किया है| अमरीका और रशिया के बेड़े में फिलहाल विश्‍व के कुल ९० प्रतिशत परमाणु हथियार हैं और उन्होंने अपने परमाणु हथियारों का भंड़ार कम करके चीन जितना किया तो ही चीन परमाणु हथियार कम करने से संबंधित बातचीत में शामिल होगा, यह भूमिका चीन ने अपनाई है| पिछले वर्ष अमरीका और यूरोप के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन मंडलों ने जारी की हुई रपट अनुसार चीन के पास ३५० परमाणु हथियार होने की बात कही गई है| लेकिन, इस दशक के अन्त तक चीन अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाकर हज़ार तक करेगा, यह दावा किया गया है और इसके लिए जोरदार तैयारी जारी है, ऐसा विशेषज्ञों ने कहा है|

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