मास्को/किव – लुहान्स्क प्रांत पर कब्ज़ा पाने के बाद रशियन रक्षाबलों ने अपने हमलों की तीव्रता और दायरा काफी मात्रा में बढ़ाया है। रशियन सेना ने एक ही समय पर डोन्बास क्षेत्र के स्लोवियान्स्क, क्रैमाटोर्स्क और बाखमत शहर की ओर आगे बढ़ना शुरू करने की बात कही जा रही है। इसी दौरान पश्चिम एवं दक्षिण यूक्रेन में मिसाइल हमलों की संख्या भी बढ़ाने की जानकारी यूक्रेन ने प्रदान की। इसी बीच, यूक्रेन के ड्रोन्स हमलों को रोकने के लिए प्रगत ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेपन्स सिस्टिम’ का इस्तेमाल करने की जानकारी रशियन सूत्रों ने साझा की। इस युद्ध में ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेपन्स’ का इस्तेमाल होने का यह पहला ही अवसर है।
लुहान्स्क प्रांत पर कब्ज़ा पाने के बाद रशियन रक्षाबलों ने अपना रूख डोन्बास क्षेत्र के डोनेत्स्क प्रांत की ओर किया है। पिछले हफ्ते लुहान्स्क पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के बाद रशियन सेना और समर्थक विद्रोहियों ने डोनेत्स्क के अहम शहरों पर हमलें शुरू किए। इनमें स्लोविआन्स्क, क्रैमाटोर्स्क और बाखमत का समावेश है। रशियन सेना का पहला लक्ष्य स्लोविआन्स्क है और इसपर टैंक, तोंप और रॉकेटस् से जोरदार हमला किया गया। मंगलवार को हुए हमलों में स्लोविआन्स्क में कुछ लोगों के मारे जाने की जानकारी भी सामने आयी है। ब्रिटेन के रक्षा विभाग ने साझा किए वृत्त में यह कहा गया है कि रशियन सेना इस शहर से मात्र १० मील दूरी पर पहुँची है।
इन बढ़ते हमलों की वजह से स्थानीय प्रशासन ने शहर के नागरिकों को स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं। सोमवार से शहर के बाहर निकलने के लिए बस एवं यातायात के अन्य प्रावधान किए गए हैं और २४ घंटों में हज़ारों नागरिक बाहर निकले हैं, ऐसा कहा जा रहा हैं। स्लोविआन्स्क के अलावा यूक्रेन के अन्य हिस्सों में भी रशिया ने हमलें किए। इनमें पश्चिम यूक्रेन के ख्मेल्नित्स्की प्रांत समेत सुमी और मायकोलेव शहरों का समावेश है। इन शहरों पर मिसाईल हमलें होने की जानकारी यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने प्रदान की।
इसी बीच, यूक्रेन युद्ध में पहली बार प्रगत ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेपन सिस्टिम’ का इस्तेमाल होने की जानकारी रशियन रक्षाबलों ने प्रदान की। यूक्रेन के ड्रोन्स के खिलाफ रशिया ने ‘स्टुपर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक गन्स’ का इस्तेमाल किया। इन गन्स की सहायता से ड्रोन और ड्रोन ऑपरेटर का संपर्क तोड़ा जाता हैं, ऐसा रशियन सूत्रों ने कहा। डोन्बास प्रांत के संघर्ष में इसका इस्तेमाल होने के संकेत रशियन सूत्रों ने दिए। इससे पहले रशिया ने, हायपरसोनिक मिसाइल एवं लेज़र वेपन्स का इस्तेमाल करने का भी ऐलान किया था।
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