ब्रिस्बेन – परमाणु वाहक क्षमता के और शत्रु के राड़ार को चकमा देने की क्षमता वाले अमरीका के ‘बी-२’ बॉम्बर विमान ऑस्ट्रेलिया में उतरे हैं। ऑस्ट्रेलियन पायलटस् को प्रशिक्षण एवं आगे के युद्धाभ्यास के उद्देश्य से इनकी यह तैनाती होने का ऐलान अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने किया है। लेकिन, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता के विरोध में अमरीका ने ऑस्ट्रेलिया में बॉम्बर्स तैनात किए हैं, यह दावा हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री ने अमरीका का दौरा करने के बाद ‘बी-२’ बॉम्बर विमानों का ऑस्ट्रेलिया पहूँचना अलग संकेत दे रहा है।
अमरीका के मिसौरी हवाई अड्डे से पिछले हफ्ते ४ ‘बी-२’ स्पिरीट बॉम्बर विमानों ने उड़ान भरी थी। इनमें से दो बॉम्बर विमान शनिवार को ऑस्ट्रेलिया में उतरे। लगभग १४ हज़ार किलोमीटर की यात्रा करके यहां पहुँचे यह विमान ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन स्थित एम्बर्ली हवाई अड्डे पर तैनात किए गए हैं। अमरीका और ऑस्ट्रेलिया के युद्धाभ्यास की पृष्ठभूमि पर इन विमानों की तैनाती होने की बात दोनों देशों ने स्पष्ट की।
साथ ही अमरीका ऑस्ट्रेलियन पायलटस् को इस बॉम्बर विमान पर प्रशिक्षण देगी। साल २०१७ में अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने ‘फोर्स पोश्चर एग्रीमेंट’ किया था, इसी के अनुसार यह सहयोग हो रहा है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है। इसके अनुसार अमरीका के ‘बी-२’ बॉम्बर स्वतंत्र और मुक्त इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए अहम भूमिका निभाएँगे, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इसी वजह से युद्धाभ्यास के लिए पहुँचे अमरीका के यह बॉम्बर्स ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय तक तैनात रह सकते हैं, ऐसे संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के खिलाफ अमरीका ने ऑस्ट्रेलिया में बॉम्बर्स उतारे, ऐसा अंतरराष्ट्रीय माध्यमों का कहना है। पिछले कुछ हफ्तों में चीन ने ऑस्ट्रेलिया के गश्त विमान और विध्वंसक को चुनौती देने के प्रकार किए हैं। इससे पहले साऊथ चायना सी क्षेत्र में चीन के लड़ाकू विमान ने ऑस्ट्रेलियन गश्त विमान पर शैफ का प्रयोग किया था। चीन की बढ़ती दबंगाई के जवाब में अमरीका ने इन बॉम्बर्स की तैनाती करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। साथ ही कुछ दिन पहलें अमरीका के ‘बी-२’ बॉम्बर्स ने गुआम द्विपों पर उड़ान भरी थी।
इसी दौरान, इन परमाणु वाहक स्टेल्थ बॉम्बर्स की तैनाती अमरीका की ‘इंडो-पैसिफिक’ योजना का हिस्सा होने की चर्चा हो रही है। अमरीका के दौरे पर आएअ ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री मार्लेस ने अमरीका के सहयोग से नया रक्षा मोर्चा स्थापित करने का ऐलान किया था। पेंटॅगॉन में अमरिकी रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन से मुलाकात के बाद रक्षामंत्री मार्लेस ने यूक्रेन का अनुभव लेकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा से समझौता ना करने का ऐलान किया था।
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