बायडेन प्रशासन दुनिया को परमाणुयुद्ध की ओर धकेल रहा है

- अमरीका की पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड का आरोप

वॉशिंग्टन/मॉस्को – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन का प्रशासन रशिया के विरोध में खुफ़िया युद्ध (प्रॉक्सी वॉर) छेड़कर दुनिया को परमाणुयुद्ध की तरफ़ धकेल रहा है, ऐसा गंभीर आरोप अमरीका की पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड ने किया। बायडेन प्रशासन तथा उसके नेताओं ने हमें किस हाल में ले जाकर छोड़ा है, इसका अमरिकी जनता ने गंभीरता से विचार करना चाहिए, ऐसा आवाहन भी गबार्ड ने किया। कुछ महीने पहले उन्होंने युक्रेन के मुद्दे की ओर निर्देश करके, अमरीका ही रशिया के साथ युद्ध पुकारना चाहती है, ऐसा दोषारोपण भी किया था।

दुनिया को परमाणुयुद्ध की

‘फॉक्स न्यूज’ इस अमरिकी न्यूज़ चैनल को दिये इंटरव्यू में गबार्ड ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की नीतियों की जमकर आलोचना की। ‘रशिया-युक्रेन युद्ध का अन्त कब और कैसे होगा, यह खुद वे भी नहीं जानते हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन स्वयं ही कह रहे हैं। लेकिन यह युद्ध कहाँ तक जायेगा, यह हम जानते हैं। यह युद्ध हमें रशिया के साथ के परमाणुयुद्ध के अधिक से अधिक क़रीब ले जानेवाला है। अमरीका का नेतृत्व इस मामले में बहुत ही लापरवाही की भूमिका अपना रहा है। रशिया के विरोध में होने जा रहे बड़े युद्ध को अनदेखा किया जा रहा है’, इन शब्दों में गबार्ड ने बायडेन को लक्ष्य किया।

दुनिया को परमाणुयुद्ध की

‘रशिया के विरोध में ठेंठ युद्ध होना यानी कुछ ख़ास बात नहीं है, ऐसे ग़ुरूर में अमरिकी नेता पेश आ रहे हैं। भूमिगत सुरंगों में रहकर हम कैसे युद्ध लड़ सकते हैं, इसकी योजनाएँ बनायीं जा रहीं हैं। ये ही बातें बायडेन प्रशासन की गंभीरता पर शक़ ज़ाहिर करनेवालीं हैं। हम कितना बड़ा ख़तरा मोल ले रहे हैं, इस बारे में ना सोचते हुए बायडेन तथा उनके प्रशासन के सहकर्मी ग़ैरज़िम्मेदारी से युद्ध आगे कैसे चलेगा, इसका नियोजन कर रहे हैं। यह बात बहुत ही विचित्र तथा बेचैन कर देनेवाली है’, ऐसा पूर्व सांसद गबार्ड ने चेताया।

अगर परमाणुयुद्ध हुआ, तो उसके लिए कारणीभूत रहनेवाले राष्ट्राध्यक्ष बायडेन, संसद सदस्य, हमारे देश के नेता तथा अमिरों के पास सुरक्षित रहने के लिए जगह उपलब्ध है। लेकिन अमरीका तथा रशिया के हम जैसे आम नागरिक परमाणुयुद्ध में नष्ट हो जायेंगे, इसका एहसास गबार्ड ने इस समय कराया। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन का हाल का खाड़ीदेशों का दौरा यानी ‘फार्स’ होने की फ़टकार भी तुलसी गबार्ड ने इंटरव्यू में लगाई।

रशिया-युक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले से ही गबार्ड ने बायडेन की नीतियों की डटकर आलोचना करना शुरू किया था। ‘रशिया के साथ नया संघर्ष अगर शुरू हुआ, तो उसका बहुत बड़ा फ़ायदा अमरीका में सबसे प्रभावशाली होनेवाले हथियारों के काराबर को होगा। इसमें हितसंबंध उलझे हुए कुछ लोग बायडेन प्रशासन पर नियंत्रण रखे हैं’, ऐसा आरोप उन्होंने किया था। उसके बाद, युक्रेनस्थित अमरीका की जैविक प्रयोगशालाओं के संदर्भ में होनेवाला वास्तव सार्वजनिक करें, ऐसी माँग भी गबार्ड ने की थी।

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