मॉस्को/किव – युक्रेन बुधवार को स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और इस पृष्ठभूमि पर रशिया ने ज़बरदस्त हमले शुरु किए हैं। इसमें युक्रेन के लश्करी तल, रसद का मार्ग, बिजली निर्माण केंद्र तथा शस्त्रों के भंडार को लक्ष्य किया गया है। तो अमेरिका ने आनेवाले कुछ दिनों में रशिया बडे और अधिक आक्रमल स्वरूप के हमले करेगी, ऐसा इशारा दिया है।
पिछले कुछ दिनों में युक्रेन के फौजियों ने रशिया के कब्ज़े वाले हिस्सों पर जवाबी हमले किए थे। पश्चिमी देशों से मिलनेवाली बढ़ती सहायता के आधार पर युक्रेन ने रशिया के खिलाफ मुहिम तीव्र की थी। इसके अंतर्गत रशिया के कब्ज़े वाले क्रिमिया प्रांत पर भी हमले किए गए। खेर्सन प्रांत के कुछ भाग युक्रेन ने फिर से पाने के दावे भी किए गए थे। इसी दौर में डोन्बास क्षेत्र पर भी रशिया आगे बढ़ने में विफल रही थी। एक के बाद एक झटकों की वजह से रशियन दायरे में खलबली मची थी।
पर पिछले दो-तीन दिनों में रशिया द्वारा पासा पलटा हुआ दिख रहा है। ईशान कोण युक्रेन के खार्किव से दक्षिण युक्रन के ओडेसा तक हमलों की तीव्रता एवं व्याप्ति बढाई गई है। पिछले दो दिनों से निरंतररूप से दक्षिण युक्रेन में मिसाईल्स, रॉकेट्स तथा तोपों की बौछार जारी है। मिसाईल हमलों के लिए रशिया ने ’एसयु-35′ नामक लड़ाकू विमान समेत ’कीच-59’ मिसाईल्स तथा ’एस-300′ प्रणाली का इस्तेमाल किए जाने की बात कही जा रही है। युक्रेन की यंत्रणाओं ने भी रशिया के बढते हुए हमलों की बात मानी है और रशियन फोजों को किसी हद तक सफलता मिलने की बात कही है।
रशिया के इन बढ़ते हुए हमलों के पीछे बुधवार 24 अगस्त को युक्रेन का स्वतंत्रता दिवस एक कारण है, ऐसा कहा जा रहा है। इस दिवस की पृष्ठभूमि पर रशिया बडे एवं तीव्र स्वरूप के हमले करेगी, ऐसा इशारा युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने पहले ही दिया था। अमेरिका ने इस बात समर्थ करते हुए युक्रेन स्थित अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया। इसमें रशियन हमलों से सावधानी बरतने तथा संभव हो तो स्वदेश लौटने के निर्देश दिए हैं।
इस दौरान, युरोपीय महासंघ के प्रमुख देश एवं युक्रेन के पडोसी पोलैंड के राष्ट्राध्यक्ष ऐंडेज डुडा ने मंगलवार को युक्रेन पहुंचे। तब उन्होंने युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की के साथ लश्करी सहयोग समेत आर्थिक एवं मानवतावादी सहायता के बारे में चर्चा करने की जानकारी सूत्रों ने दी है। पोलैंड युक्रेन का समर्थक देश के नाम से जाना जाने लगा है और नाटो एवं युरोप रशिया के खिलाफ आघाडी बनाएं, इसके लिए ज़ोरदार कोशिश कर रहा है।
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