ज़ौपोरिज़िया परमाणु प्रकल्प के मुद्दे पर रशिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ में परमाणु अप्रसार का प्रस्ताव रोक दिया

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न्यूयॉर्क/मास्को – यूक्रेन के ज़ौपोरिज़िया परमाणु प्रकल्प के मुद्दे पर रशिया और यूक्रेन एक-दूसरे पर आरोप-प्रतिआरोप लगा रहे हैं और इसी बीच रशिया ने इस मुद्दे पर अधिक आक्रामक भूमिका अपनायी है। संयुक्त राष्ट्र संगठन में परमाणु अप्रसार के मुद्दे पर बैठक के दौरान परमाणु हथियारों के अप्रसार से संबंधित समझौते का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन, रशिया ने इस पर आपत्ति जतायी और इसे पारित होने से रोका। इस प्रस्ताव में यूक्रेन के परमाणु प्रकल्प और रशिया के हस्तक्षेप का ज़िक्र होने से इस पर आपत्ति जताने की बात रशिया ने स्पष्ट की।

अगस्त की शुरूआत से ही न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र परमाणु हथियारों के अप्रसार के मुद्दे पर बैठक कर रहा है। इस मुद्दे पर चर्चा करके सहमित पाने का इस परिषद का उद्देश्य है। परिषद के अन्त में इस संयुक्त प्रस्ताव को पारित किया जाना था। इसमें यूक्रेन के ज़ौपोरिज़िया परमाणु प्रकल्प में रशिया की सैन्य तैनाती एवं प्रकल्प का कब्ज़ा यूक्रेन के पास ना होने के मुद्दों का समावेश किया गया था। यह ज़िक्र राजनीतिक होने का बयान करके रशियन प्रतिनिधि ने इस पर आपत्ति जतायी।

परमाणु अप्रसार

यह आपत्ति जताते समय प्रस्ताव के लिए हमारी मंजूरी ना होने का ऐलान भी रशिया ने किया। रशिया स्थायी सदस्य देशों में से एक होने के कारण इसके विरोध के चलते यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। रशिया की इस भूमिका पर अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने नाराज़गी व्यक्त की। प्रस्ताव पर सहमति ना होने से चीन ने भी नाराज़गी व्यक्त करने की बात सामने आयी। साल १९७० में रखे गए परमाणु अप्रसार समझौते का लगभग १९० देशों ने समर्थन किया है फिर भी इसके सुधार को लेकर सहमति नहीं हो सकी है। रशिया ने ज़ौपोरिज़िया पर जताई आपत्ति इसी का हिस्सा है।

परमाणु अप्रसार

ज़ौपोरिज़िया परमाणु ऊर्जा प्रकल्प यूक्रेन समेत यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा प्रकल्पों में से एक है और यह कुल छह हज़ार मेगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता रखता है। इस प्रकल्प में बड़ी मात्रा में संवर्धित यूरेनियम एवं परमाणु ईंधन का भंड़ार है। फिलहाल इस प्रकल्प में यूक्रेनी कंपनी के कर्मचारी ही कार्यरत हैं। फ़रवरी में यूक्रेन पर हमला करने के कुछ ही हफ्तों में रशिया ने ज़ौपोरिज़िया परमाणु प्रकल्प पर नियंत्रण पाया था। यूक्रेन ने पिछले महीने दक्षिण यूक्रेन में रशिया के कब्ज़े वाले क्षेत्र पर जवाबी हमले किए थे। इस पृष्ठभूमि पर पिछले कुछ दिनों में यह प्रकल्प फिर से चर्चा का मुद्दा बना था।

पिछले गुरूवार को इस परमाणु प्रकल्प के करीबी कोयले के क्षेत्र में आग लग गई। इससे परमाणु प्रकल्प का नैशनल ग्रिड से संपर्क तोड़ना पड़ा था। इससे यह प्रकल्प बंद होने का खतरा भी था। ऐसा होता तो इस प्रकल्प से परमाणु और रेडिएटिव घटकों का रिसाव होने का खतरा था। लेकिन, कुछ समय बाद प्रकल्प की मुश्किलें दूर की गईं और शुक्रवार को यहां पर काम फिर से शुरू हुआ, ऐसा कहा गया है। इसके बाद इस परमाणु प्रकल्प के करीब फिर से हमले हुए, ऐसे आरोप रशिया और यूक्रेन इन दोनों देशों ने लगाए हैं। प्रकल्प का नियंत्रण कर रही यूक्रेनी कंपनी ने चेतावनी दी है कि, अगले कुछ दिनों में कभी भी यहां से रेडियोएक्विट रिसाव शुरू हो सकता है।

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