उत्तर कोरिया ने लगभग २०० तोप गोले दागे

- दक्षिण कोरिया ने लगाए प्रतिबंध

सेऊल – अमरीका और दक्षिण कोरिया के बढ़ते सैन्य सहयोग की वजह से बेचैन हुए उत्तर कोरिया ने गुरूवार को लगातार दो घंटों तक दक्षिण कोरियन सीमा के करीब २०० तोप गोलों से हमले किए। साथ ही उत्तर कोरिया के दस सैन्य विमानों ने दक्षिण कोरिया की सीमा के करीब गश्त लगायी। उत्तर कोरिया ने इन गतिविधियों से सन २०१८ के सैन्य समझौते का उल्लंघन किया, ऐसा आरोप दक्षिण कोरिया ने लगाया। साथ ही उत्तर कोरिया की घेरने के लिए दक्षिण कोरिया ने नए प्रतिबंध भी लगाए हैं।

२०० तोपदक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष युन सूक-येओल ने अमरीका के साथ परमाणु भागीदारी करने के मुद्दे पर चर्चा शुरू करने की खबरें प्रसिद्ध हुई थीं। अमरीका के विमानवाहक युद्धपोत और परमाणु पनडुब्बी, सेऊल में तैनात करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष येओल उत्सुक होने का दावा दक्षिण कोरियन अखबार ने किया था। अमरीका और दक्षिण कोरियन सरकारों ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है। लेकिन, इस खबर के कारण बेचैन हुए उत्तर कोरिया ने गुरूवार देर रात बाद तकरीबन एक बजे तोप के हमले शुरू किए।

दक्षिण कोरियन सेना की जानकारी के अनुसार देररात बाद एक से तीन बजे के दो घंटों में उत्तर कोरियन सेना ने कम से कम १७० तोप गोले दागे। दोनों कोरियन देशों को विभाजित कर रहे मेरिटाईम बफर ज़ोन यानी प्रतिबंधक समुद्री क्षेत्र में यह तोपगोले गिरे। इसी बीच उत्तर कोरिया ने यह हमला करते हुए कम से कम ४५० तोपगोले दागे, ऐसा दावा कुछ अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने किया है। इससे पहले उत्तर कोरिया के १० सैन्य विमानों ने दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र के करीब बड़े खतरनाक ढ़ंग से उड़ान भरी।

२०० तोप

दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष येओल के दफ्तर ने उत्तर कोरिया की इन हरकतों की आलोचना की है। सन २०१८ में दोनों कोरियन देशों ने ‘कॉम्प्रिहेन्सिव मिलिटरी एग्रिमेंट’ (सीएमए) किया था। इसके अनुसार यह तय हुआ था कि, दोनों कोरियन देश बफर ज़ोन का उल्लंघन नहीं करेंगे। लेकिन, उत्तर कोरिया ने इसी क्षेत्र में तोपों से हमला करके चार साल पहले हुए सैन्य समझौते का उल्लंघन किया, ऐसा आरोप दक्षिण कोरिया लगा रहा है। इसी बीच, दक्षिण कोरिया के विपक्षी नेता राष्ट्राध्यक्ष येओल से माँग कर रहे हैं कि, ‘सीएमए’ समझौता तोड़ दें और उत्तर कोरिया की सीमा के करीब गतिविधियाँ बढ़ाएँ।

इसी बीच उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण करने का सिलसिला शुरू करने के साथ ही अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान के सैन्य अधिकारियों की बैठकों की संख्या बढ़ी है। उत्तर कोरिया के इस खतरे के खिलाफ अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान ने संयुक्त सैन्य नीति अपनाने के संकेत दिए हैं। साथ ही इस क्षेत्र में प्रगत युद्धपोत, अतिप्रगत लड़ाकू विमान और हवाई सुरक्षा यंत्रणा तैनात करने की गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। अमरीका की ऐसी सैन्य गतिविधियाँ चीन को बेचैन कर रही हैं।

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