अफ़गानिस्तान के संघर्ष में २८२ ढ़ेर

  • ताजिकिस्तान के करीबी सरहद पर तालिबान का कब्ज़ा
  • तुर्कमेनिस्तान के नेताओं से तालिबान की चर्चा

तालिबान की चर्चा

काबुल – अफ़गान सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच बीते २४ घंटों के दौरान हुए संघर्ष में २८२ लोग मारे गए। इनमें २७१ तालिबानी आतंकियों का समावेश होने की जानकारी अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने साझा की है। तालिबान ने बीते दस दिनों में अफ़गानिस्तान के १०० से अधिक जिलों पर कब्जा करने का दावा किया जा रहा है। उत्तरी ओर की ताजिकिस्तान की सीमा पर भी तालिबान का कब्ज़ा होने की खबरें प्राप्त हुई हैं। ऐसी स्थिति में काबुल पर तालिबान का कब्ज़ा होने से रोकने के लिए राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने सेना समेत प्रांतिक सरकारों और हथियारबंध गिरोहों का गठबंधन खड़ा किया है।

तालिबान ने बीते हफ्ते ईरान, पाकिस्तान और उत्तरी ओर की ताजिकिस्तान की सीमा के करीबी चौकियों पर कब्ज़ा करके सनसनी निर्माण की थी। इसके लिए हमें खून का एक कतरा भी बहाने की जरूरत महसूस नहीं हुई, यह दावा तालिबान ने किया था। इसके बाद अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने तालिबान पर कार्रवाई तीव्र की है। इस आतंकी संगठन के कब्ज़े में गया हुआ भूभाग फिर से अपने नियंत्रण में लाने की कोशिश हो रही है, यह ऐलान अफ़गान सेना ने किया है।

तालिबान की चर्चा

अफ़गानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार की सुबह जारी की हुई जानकारी के अनुसार अफ़गानिस्तान के १५ प्रांतों में कार्रवाई के दौरान २७१ तालिबानी आतंकी मारे गए हैं और १६२ घायल हुए हैं। इसमें कंदहार, हेरात, हेल्मंड, नांगरहार, कुंदूज़ और फराह प्रांतों का समावेश है। इनमें से हेल्मंड प्रांत में तालिबान के दो अलग अलग हमलों में ११ सैनिक मारे गए हैं।

इसके अलावा हेरात प्रांत में सलमा बाँध पर हमला करने की आतंकियों की साज़िश नाकाम की गई। अफ़गान सेना ने इस मामले में हिरासत में लिए आतंकियों में पाकिस्तानी नागरिक का समावेश होने की जानकारी सामने आ रही है। हेरात के इस सलमा बाँध का निर्माणकार्य भारत ने किया था। इसके लिए अफ़गानिस्तान ने भारत के प्रति आभार व्यक्त किया था। इस वजह से पाकिस्तान के आतंकवादी अफ़गानिस्तान में स्थित भारत से संबंधित ठिकानों को लक्ष्य करने की कोशिश में होने की बात सामने आ रही है।

तालिबान की चर्चा

इसके अलावा तालिबान ने गज़नी शहर को घेरा है और वहां पर अफ़गान सेना के साथ बड़ा संघर्ष जारी है। तालिबान के आतंकी अफ़गानियों के घरों में छुपकर सेना पर हमले कर रहे हैं, यह दावा किया जा रहा है। इस वजह से तालिबान पर हमले करने में कठिनाई होने की जानकारी स्थानीय अफसर ने प्रदान की। अफ़गानिस्तान के अन्य शहरों और गांवों में भी तालिबान ने इसी तरह से संघर्ष करने की खबरें सामने आ रही हैं।

तभी, कुछ हिस्सों में अफ़गान सेना के सामने गोली चलाने की आवश्‍यकता ना होने का दावा तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहिन ने किया। अफ़गान सेना का गनी सरकार पर भरोसा नहीं रहा, इस वजह से कुछ हिस्सों में अफ़गान सैनिक स्वयं आत्मसमर्पण करके तालिबान में शामिल हो रहे हैं, यह जानकारी तालिबान के प्रवक्ता ने प्रदान की। इस दावे की पुष्टी करनेवाले कुछ वीडियो भी सामने आए थे। अफ़गानिस्तान के उत्तर भाग में तालिबान ने इस तरह से कब्ज़ा करने के दावे किए गए थे।

तालिबान के इन हमलों से राजधानी काबुल और अन्य अहम ठिकाने सुरक्षित करने के लिए अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने सेना के साथ प्रांतिक सरकारों और गिरोहों का गठबंधन खड़ा किया है। काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए हवाई सुरक्षा यंत्रणा की तैनाती की गई है। इसी तरह का गठबंधन अफ़गानिस्तान के उत्तरी हिस्से में भी खड़ा किया गया है और वहां के गिरोह तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए गनी सरकार से हथियारों की माँग कर रहे हैं।

इसी बीच, ताजिकिस्तान की सीमा के करीब सुरक्षा चौकियाों पर भी तालिबान का कब्ज़ा होने की खबर ईरानी वृत्तसंस्था ने जारी की है। यहां की सीमा पर तालिबान ने पूरा नियंत्रण प्राप्त किया है और ताजिकिस्तान ने भी अपनी सेना को चौकन्ना रहने के आदेश दिए हैं। इसी बीच तालिबान के प्रतिनिधि अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए दो दिन पहले ही तुर्कमेनिस्तान में दाखिल हुए थे।

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