ब्रुसेल्स/वॉशिंग्टन – रशिया-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को समर्थन देकर अपनी एकजुट दिखा रहे पश्चिमी गठबंधन में सबकुछ ठीक-ठाक ना होने की बात स्पष्ट हुई है। शुक्रवार को यूरोपिय महासंघ के मंत्रियों की बैठक में सदस्य देशों मंत्री एवं महासंघ के अधिकारियों ने अमरीका की कड़ी आलोचना की। रशिया-यूक्रेन युद्ध में हथियार और ईंधन की बिक्री करके अमरीका अपना फायदा करा रही है, ऐसा आरोप यूरोपि के एक मंत्री ने लगाया। महासंघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमरीका यूरोप का सहयोगी नहीं रहा, ऐसे कडे शब्दों में अपनी नाराज़गी जताई। पिछले कुछ दिनों में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने भी अमरीका की नीति की आलोचना की थी।
रशिया ने यूक्रेन पर हमला करने के बाद पश्चिमी देशों ने रशिया पर बड़ी मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे। यूरोपिय देशों ने रशिया से ईंधन आयात काफी घटाई है और कुछ देशों ने यह पूरी तरह से रोक दी है। यूरोपिय देश अब अमरीका से ईंधन आयात कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें लगभग चार गुना ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है। यूरोपिय देशों ने यूक्रेन को बडे पैमाने पर हथियारों की आपूर्ति भी की है और आनेवाले दिनों में उन्हें रक्षा तैयारी के लिए अमरिकी हथियारों पर निर्भर रहना पडेगा। यूरोप को ईंधन और हथियार दोनों की बिक्री करके अमरीका लाभ उठा रही है, यह आरोप यूरोपिय मंत्रीगण एवं अधिकारी लगा रहे हैं। अमरिकी अधिकारियों ने यह आरोप खारिज किए हैं, फिर भी यूरोपिय देशों में इस मुद्दे को लेकर संदेह दूर करने में बायडेन प्रशासन कामयाब नहीं हुआ है।
इसी बीच अमरीका का नया कानून भी यूरोप को बेचैन कर रहा है। बायडेन प्रशासन ने अगस्त में ‘इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट’ पारित किया और ऊर्जा एवं पर्यावरण के लिए ३६९ अरब डॉलर्स का प्रावधान किया है। इस कानून के माध्यम से अमरीका में इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ कुछ क्षेत्र की कंपनियों को बडे पैमाने पर अनुदान दिया जा रहा है। यह बात अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नियमों का उल्लंघन है और अमरीका की ‘ग्रीन इकॉनॉमी’ को अनुचित ढ़ंग से समर्थन दिए जाने का दावा यूरोप कर रहा है।
इस कानून की पृष्ठभूमि पर यूरोप में सक्रीय कई कंपनियां अमरीका में स्थानांतरण करने की तैयारी में हैं। इसकी वजह से यूरोप का उद्योगक्षेत्र खत्म होगा, यह चिंता यूरोपिय देशों को सता रही है। शुक्रवार की बैठक के दौरान महासंघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने नए कानून के कारण यूरोप और अमरीका के संबंधों में बदलाव हो रहे हैं, इस बात को माना। साथ ही अमरीका अपना सहयोगी है या नहीं, यह सवाल यूरोपिय देश कर रहे हैं, इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।
महासंघ के शीर्ष देश फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने भी अमरिकी कानून की कड़ी आलोचना की थी और यह कानून यूरोप के हित में नहीं है, ऐसी फटकार भी लगाई थी। ‘बायडेन प्रशासन ने अमरीका के कुछ क्षेत्रों को लगभग ८० प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की है। इसी दौरान यूरोपिय देशों को ऐसे निर्णय लेने से रोका गया है। यह बात भी अमरीका का दोगला रवैया दर्शाती है। ऐसे निर्णयों की वजह से अमरीका-यूरोप व्यापार की विश्वस्नीयता पर असर होता है’, ऐसा इशारा फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने दिया था। मैक्रॉन की इस भूमिका को यूरोप में समर्थन मिलने की बात भी शुक्रवार की बैठक से स्पष्ट हुई।
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