मास्को/किव – रशियन सेना ने पिछले २४ घंटों में पूर्व यूक्रेन के विभिन्न शहरों पर मिसाइलों के साथ तोप और ड्रोन्स से जोरदार हमला किया। रशिया के इस हमले में यूक्रेन के २५० से अधिक सैनिकों के मारे जाने की जानकारी रशियन रक्षा विभाग ने प्रदान की। इस हमले में अमरिकी रॉकेट यंत्रणा, तोप एवं रड़ार्स को लक्ष्य किया गया, ऐसा रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा। तथा डोन्बास का निर्णायक क्षेत्र माने जाने वाले बाखमत की दिशा में रशिया का आगे बढ़ना जारी है और शहर की सीमा का एक हिस्सा ‘वैग्नर ग्रूप’ ने पाने का दावा किया गया है।
गुरूवार और शुक्रवार को रशिया ने यूक्रेन में मिसाइलों और ड्रोन्स के भारी हमले किए थे। इसके बाद रशिया ने शनिवार को फिर से पूर्व यूक्रेन के मोर्चे पर विभिन्न शहरों को लक्ष्य किया। इनमें ईशान कोण के खार्किवा से दक्षिणी ओर के खेर्सन तक के क्षेत्र का समावेश है। इस मोर्चे के कुछ शहरों पर फिर से मिसाइल और ड्रोन्स के हमले किए गए। खार्किव और करीबी क्षेत्र में तोप, रॉकेटस्, टैंक और हेलीकॉप्टर्स से हमले किए गए।
डोनेत्स्क प्रांत के क्रासि लिमन क्षेत्र में बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया। शनिवार से जारी इन हमलों में ढ़ाई सौ से अधिक यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की बात रशियन रक्षा विभाग के प्रवक्ता इगोर कोनाशेन्कोव ने साझा की। इन हमलों में अमरिकी यंत्रणाओं का भी भारी नुकसान होने का दावा रशियन प्रवक्ता ने किया।
लुहान्स्क, डोनेत्स्क एवं झैपोरिझिआ प्रांतों में यूक्रेनी ड्रोन और रॉकेट हमलों को नाकाम किया गया, ऐसा रशियन रक्षा विभाग ने स्पष्ट किया। दूसरी ओर डोनेत्स्क के निर्णायक बाखमत शहर पर कब्ज़ा करने के लिए जंग अधिक तीव्र हो रही है। शनिवार को रशिया की निजि सैन्य कंपनी ‘वैग्नर ग्रूप’ के दलों ने बाखमत के सरहदी इलाके के क्रान्साया गोरा क्षेत्र पर कब्ज़ा किया। यह क्षेत्र बाखमत शहर की उत्तरी सीमा से जुड़ा होने की बात ‘वैग्नर ग्रूप’ ने कही है। साथ ही यूक्रेनी सेना बाखमत बचाने की कड़ी कोशिश कर रही है, यह दावा भी इस गुट ने किया। बाखमत के संघर्ष पर गौर करें तो पूरे डोन्बास क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के लिए रशिया को कई महीने लग सकते हैं, ऐसा दावा ‘वैग्नर ग्रूप’ के प्रमुख प्रिगोझिने ने किया है।
इसी बीच, रशिया के इन भीषण हमलों की पृष्ठभूमि पर अमरीका और युक्रेन के रक्षा मंत्रियों के बीच चर्चा हुई, ऐसी जानकारी माध्यमों ने प्रदान की। रशिया का संभावित हमला और हथियारों की नई आपूर्ति का मुद्दा इस चर्चा का विषय थे, ऐसा दोनों देशों के सूत्रों ने कहा है।
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