मास्को/किव – डोन्बास क्षेत्र के बाखमत शहर के लिए संघर्ष में पिछले २४ घंटों के दौरान तकरीबन ४५० सैनिकों की मौत होने की बात कही जा रही है। रशिया और यूक्रेन की सेनाओं के दावों से यह जानकारी सामने आयी है। रशियन सेना ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार बाखमत के संघर्ष में २१० यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं और यूक्रेन के दावे के अनुसार इस दौरान २२० से अधिक रशियन सैनिक मारे गए हैं। इसके अलावा ३०० से अधिक सैनिकों के घायल होने का दावा भी यूक्रेन ने किया है। पश्चिमी यंत्रणा और अन्य गुटों ने वास्तव में मारे गए सैनिकों की संख्या इससे कहीं अधिक होने का बयान किया है।
कुछ दिन पहले बाखमत पर कब्ज़ा करने के लिए संघर्ष अब अधिक तीव्र हुआ है। हर दिन सैंकड़ों सैनिक मारे जाते हैं और इन शहरों में यूक्रेन की सैन्य ताकत और रसद भी खत्म होने की कगार पर है। लेकिन, यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने बाखमत शहर यानी पूर्व यूक्रेन की मज़बूत तटबंदी होने का दावा करके इसके लिए आखरी पल तक लड़ने की चेतावनी दी है। इसकी वजह से शहर के प्रति इंच के लिए लड़ाई जारी है और दोनों में से किसी ने भी पीछे हटने के संकेत नहीं दिए हैं।
रशिया ने ‘वैग्नर ग्रूप’ समेत वायु सेना के ‘असॉल्ट युनिट्स’ बाखमत संघर्ष में उतारे हैं। पिछले हफ्ते बाखमत शहर के पूर्व हिस्से पर कब्ज़ा करने का दावा ‘वैग्नर ग्रूप’ के प्रमुख येवगेनी ने किया था। साथ ही यह मोर्चा हम जीतकर दिखाएंगे, यह इशारा भी उन्होंने दिया था। प्रिगोज़िन के नए दावे के अनुसार ‘वैग्नर ग्रूप’ के दल बाखमत के केंद्रीय ठिकाने से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर हैं। ऐसे में रशियन वायु सेना के दलों ने बाखमत के औद्योगिक केंद्र के क्षेत्र के अहम हिस्सों पर नियंत्रण पाने की बात कही जा रही है।
नमक और जिप्सम की खदानों के लिए प्रसिद्ध बाखमत सामरिक नज़रिये से काफी अहम स्थान पर बसा हुई शहर जाना जाता है। पूर्व यूक्रेन के कई शहरों को जोड़नेवाले मार्ग बाखमत से गुजरते हैं। इसकी वजह से बाखमत रशिया के हाथ लगने पर पूर्व यूक्रेन के शहरों पर हमले करना रशिया के लिए कुछ हद तक आसान हो सकता है। बाखमत पर कब्ज़ा करने के बाद रशिया चैसिव यार, स्लोविआन्स्क और क्रैमाटोर्स्क शहरों पर हमले कर सकती है। इसका नतीजा बताया जा रहा है कि, यूक्रेन को डोनेत्स्क प्रांत के साथ डोन्बान क्षेत्र का नियंत्रण खोना पड़ सकता है। इसकी वजह से बाखतम की जंग रशिया और यूक्रेन दोनों के प्रतिष्ठा के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बनी हुई है।
इससे पहले पिछले अगस्त में रशियन सेना ने बाखमत पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी पर, उसे सफलता हासिल नहीं हुई थी। लेकिन, पिछले दो महीनों में रशिया ने बाखमत को प्राथमिकता देते हुए इस शहर के अधिकांश हिस्से पर कब्ज़ा करने में सफलता पाई है। लेकिन, इसके बाद का संघर्ष अधिक तीव्र और प्रखर होने की जानकारी फिर से हुए जीवित नुकसान से सामने आ रही है।
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