नाटो की वापसी के बाद तालिबान अफ़गानियों का कतलेआम करेगी – अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बुश का इशारा

पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बुश

बर्लिन – ‘नाटो सेना की वापसी के बाद तालिबान अफ़गान जनता का कत्लेआम करेगी। अफ़गानी महिलाओं और लड़कियों को शब्दों में बयान करना मुमकिन नहीं होगा, इतनी भयंकर यातनाएँ भुगतनी पड़ेंगी’, ऐसा इशारा अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष जॉर्ज बुश ने दिया है। इससे पहले अमरीका की पूर्व विदेशमंत्री कॉन्डोलिसा राईस और हिलरी क्लिंटन ने भी यह इशारा दिया था कि, अफ़गानिस्तान से सेना हटाने के विपरित परिणाम सामने आएँगे। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बुश ने इस निर्णय के लिए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की सीधे आलोचना किए बगैर सेना हटाने के गंभीर परिणामों का अहसास नाटो को कराया।

अमरीका पर हुए ९/११ के हमले के बाद बुश ने ही अफ़गानिस्तान में आतंकवाद विरोधी युद्ध शुरू किया था। इस वजह से अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी के मुद्दे पर जॉर्ज बुश का यह इशारा ध्यान आकर्षित करता है। खास तौर पर अफ़गान जनता का कत्लेआम और अफ़गानी महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा को लेकर बुश का ड़र सच साबित होता हुआ स्पष्ट दिख रही है। हमारी हुकूमत में अफ़गान महिलाओं को शिक्षा एवं अन्य अधिकार प्रदान करने का ऐलान तालिबानी नेताओं ने किया था, यह सच्चाई है। लेकिन, अपने कब्ज़े वाले अफ़गानिस्तान के कुछ प्रांतों में तालिबान ने महिलाओं के अकेले घर से बाहर निकलने पर रोक लगाई है। इतना ही नहीं, अब तालिबान के आतंकियों के लिए १६ वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और लड़कियों का पंजीकरण करने की तैयारी भी तालिबान कर रहा है। एक पाकिस्तानी महिला पत्रकार ने ही यह जानकारी साझा की है।

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इसकी वजह से तालिबान के वादों पर भरोसा करना अधिक से अधिक कठिन हो रहा है। कुछ घंटे पहले ही अफ़गानिस्तान के फरयाब प्रांत की घटना का वीडियो प्रसिद्ध होने के बाद तालिबान के वादों पर भरोसा करनेवालों की आलोचना हो रही है। फरयाब प्रांत के संघर्ष में तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कनरेवाले अफ़गान सेना के २२ सैनिकों की आतंकियों ने बड़ी क्रूरता से गोलियां मारकर हत्या करने की बात इस वीडियो से स्पष्ट हुई। इसके अलावा अन्य एक घटना में तालिबानी आतंकी ने अफ़गान सैनिक का सिर कलम किया होने का दावा माध्यम कर रहे हैं। इसके अलावा बीते महीने में तालिबान ने काबुल शहर के करीबी महिला पाठशालाओं पर हमले भी किए थे। इस वजह से महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा का ऐलान तालिबान ने करने के बावजूद असल में तालिबान अफ़गानिस्तान में चरमपंथी हुकूमत स्थापित करने की तैयारी जुटा रही है, ऐसे आरोप होने लगे हैं।

पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बुश

अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन भी अफ़गानिस्तान में हो रही हिंसा पर और तालिबान के हमलों के कारण विस्थापित हो रहे लोगों की संख्या पर चिंता जता रही है। अमरीका के राजनीतिक दायरे में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के निर्णय की आलोचना होने लगी है। अफ़गानिस्तान गृहयुद्ध की दिशा में बढ़ रहा है, यह इशारा अमरिकी नेता और विश्‍लेषक दे रहे हैं।

इसी बीच, तालिबान के हमलों की वजह से सेंट्रल एशिया के ताजिकिस्तान, उज़बेकिस्तान जैसे रशिया के मित्रदेशों की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण हुआ तो इसके गंभीर परिणाम होंगे, यह इशारा अफ़गानिस्तान के मामलों के लिए रशियन राष्ट्राध्यक्ष के नियुक्त विशेषदूत ज़मिर काबुलोव ने दिया। कुछ दिन पहले रशिया के विदेशमंत्री ने यह संकेत दिए थे कि, ज़रूरत पड़ने पर रशिया अपनी सेना अफ़गानिस्तान के लिए रवाना करेगी।

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