स्विस बैंक ‘क्रेडिट स्यूस’ और ‘यूबीएस’ के विलय के बावजूद अंतरराष्ट्रीय शेअर बाज़ार की फिसलन जारी

- सोना २ हज़ार डॉलर्स पर जबकि कच्चे तेल की किमतों में गिरावट

बर्न/लंदन/वॉशिंग्टन – विश्व की सबसे बड़ी बहुराष्ट्रिय बैंकों में से एक स्विस बैंक ‘यूबीएस’ ने प्रतिद्वंद्वी ‘क्रेडिट स्यूस’ बैंक पर कब्ज़ा करने को स्वीकृति प्रदान की है। स्वित्झर्लैण्ड सरकार और स्विस सेंट्रल बैंक की मध्यस्थता से इससे संबंधित प्रस्ताव पर सहमति होने का ऐलान रविवार को हुआ। लेकिन, इस विलय के बावजूद अंतरराष्ट्रीय शेअर बाज़ार की फिसलन जारी रहीं और निवेशकों को महसूस हो रहा ड़र अभी कम ना होने की बात सामने आयी है। सोमवार को अमरीका, यूरोप और एशिया के प्रमुख शेअर बाज़ारों में बड़ी गिरावट देखी गई। साथ ही कच्चे तेल की किमतों में भी ३ प्रतिशत गिरावट हुई हैं। आर्थिक अनिश्चितता के दौर में सुरक्षित निवेश के विकल्प कहे जा रहे सोने की किमतें उछाल के साथ प्रति औंस २ हज़ार डॉलर्स तक पहुंचे हैं।

‘यूबीएस’

यूरोप के सबसे पुराने बैंक में से एक ‘क्रेडिट स्यू’ बैंक को साल २०२२ में लगभग आठ अरब डॉलर्स घाटा हुआ था। पिछले महीने यह जानकारी सामने आने के बाद बैंके के शेअर्स की गिरावट शुरू हुई थी। इसके बाद मार्च महीने में प्राप्त हुई रपट में बैंक ने अपने हिसाब किताब में कुछ कमज़ोर मुद्दे देखें जाने का ऐलान किया था। इसके बाद बैंक के प्रमुख निवेशकों ने आर्थिक सहायता मुहैया करने से इन्कार किया। इस पृष्ठभूमि पर बैंक के शेअर्स पिछले हफ्ते कुल २५ प्रतिशत फिसले थे।

‘यूबीएस’

एक लाख करोड़ (ट्रिलियन) डॉलर्स से भी अधिक निधी का व्यवस्थापन, ५५० अरब डॉलर्स से भी अधिक मुल्य की संपत्ति, ५० हज़ार से भी अधिक कर्मचारी रखनेवाली ‘क्रेडिट स्सूस’ बैंका विश्व की सबसे बड़ी १० बैंकों में समावेश होता हैं। ‘जी २०’ गुट ने स्थापित किए ‘फायनान्शिअल स्टैबिलिटी बोर्ड’ यंत्रणा ने इसी स्विस बैंक का ज़िक्र ‘ग्लोबली सिस्टेमेकली इम्पॉर्टन्ट बैंक’ के तौर पर किया है। इस सुचि में अमरीका, यूरोप और एशिया की ३० बड़ी बैंकों का समावेश हैं। इन बैंकों को ‘टू बिग टू फेल’ के तौर पर भी जाना जाता हैं। ऐसी पृष्ठभूमि प्राप्त स्विस बैंक मुश्किलों में फंसने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनसनी फैली थी।

कोरोना की महामारी और इसके बाद शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से उछली महंगाई की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान पहुंचेगा, ऐसी चेतावनी बार बार दी जा रही हैं। मंदी की संभावना की पृष्ठभूमि पर ‘क्रेडिट स्यूस’ जैसी प्रचंड़ आकार की बैंक मुश्किलों से घिरना वैश्विक अर्थव्यवस्था की कठिनाईयां और बढ़ाएगा। इस वजह से स्विस सरकार और स्विस नैशनल बैंक ने शीघ्रता से हस्तक्षेप करके दूसरी बड़ी ‘यूबीएस’ बैंक की सहायता से ‘क्रेडिट स्यूस’ को बचाने का निर्णय करने की बात कही जा रही है।

‘यूबीएस’

रविवार के ऐलान के अनुसार ‘यूबीएस’ ने ३.२४ अरब डॉलर्स चुकाकर ‘क्रेडिट स्यूस’ पर कब्ज़ा पाया है। प्राथमिक समझौते के अनुसार ‘स्विस नैशनल बैंक’ अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराएगी। साथ ही क्रेडिट स्यूस के लगभग ९ हज़ार कर्मचारियों को हटाया जाएगा, ऐसा दावा सूत्रों ने किया है। ‘यूबीएस’ और ‘क्रेडिट स्यूस’ के विलय के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों को राहत मिलेगी, यह उम्मीद अभी भी नाकाम हुई है।

स्विस बैंकिंग क्षेत्र सख्त नियम और गोपनीयता के लिए जाना जाता है। लेकिन, क्रेडिट स्यूस की असफलता ने इसे नुकसान पहुंचाया है और स्विस बैंकिंग के साथ यूरोपिय बैंकिंग को लेकर बना भरोसा भी

हिल जाने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसी से सोमवार को विश्वभर के शेअर बाज़ारों को नुकसान पहुंचा। अमरीका, यूरोप और एशिया के शेअर निदेशांकों की आधे प्रतिशत से भी ज्यादा गिरावट हुई। सबसे अधिक नुकसान बैंकों के शेअर्स को पहुंचा और क्रेडिट स्यूस के शेअर्स ६० प्रतिशत से भी ज्यादा फिसले। कच्चे तेल की कीमते तीन प्रतिशत से भी ज्यादा गिरावट दर्ज़ हुई। ऐसे में सोने की कीमतों का उछाल जारी रहा और सोमवार के कारोबार में सोने की किमतें प्रति औंस दो हज़ार डॉलर्स तक उछलती दिखाई पड़ी।

इसी बीच, बैंकिंग क्षेत्र के मौजूदा संकट की पृष्ठभूमि पर विश्वभर की छह प्रमुख बैंकों ने अर्थव्यवस्था में अमरिकी डॉलर्स की सप्लाई कायम रखने के लिए ‘स्वैप लाईन’ का ऐलान किया। इससे पहले साल २००८-०९ के मंदी और हाल ही के कोरोना दौर में इसका इस्तेमाल किया गया था। इस ‘स्वैप लाईन’ में अमरीका की ‘फेडरल रिज़र्व’ समेत यूरोपियन सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैण्ड, बैंक ऑफ कनाड़ा, बैंक ऑफ जापान और स्विस नैशनल बैंक का समावेश हैं।

English      मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info