रशिया ने लगातार दूसरे दिन यूक्रेन पर किए मिसाइल हमले

- राजधानी किव समेत चेर्कासी और डिनिप्रो प्रांत को किया लक्ष्य

मास्को/किव – रशियन सेना ने लगातार दूसरे दिन यूक्रेन पर मिसाइल हमले किए। यूक्रेन की राजधानी किव समेत चेर्कासी और डिनिप्रो प्रांत पर हमले हुए और कम से कम २० लोग मारे गए है, यह कहा जा रहा है। गुरुवार रात एवं शुक्रवार सुबह इन हमलों को अंजाम दिया गया। इससे पहले रशिया ने दक्षिण यूक्रेन के माइकोलेव्ह, झैपोरिझिआ और खेर्सन प्रांत पर मिसाइल हमले किए थे।

सलग दुसऱ्या दिवशी

गुरुवार रात और शुक्रवार को रशियन रक्षा बलों ने यूक्रेन की राजधानी किव और उसके दक्षिणी ओर चेर्कासी प्रांत समेत मध्य यूक्रेन के डिनिप्रो प्रांत को लक्ष्य किया। कैस्पियन सी क्षेत्र में तैनात लड़ाकू विमानों से मिसाइल दागकर यह हमले किए गए। रशिया ने इन हमलों में २३ मिसाइलें और दो आत्मघाती ड्रोन्स का प्रयोग किया, ऐसी जानकारी यूक्रेनी यंत्रणा ने साझा की। यूक्रेनी सेना के ‘रिज़र्व फोर्स युनिटस्‌‍’ पर हमला करने की जानकारी रशियन रक्षा बल ने साझा की।

सलग दुसऱ्या दिवशी

रशिया के इन हमलों के कुछ मिसाइलों को ‘एअर डिफेन्स सिस्टिम्स’ ने रोक दिया, ऐसा यूक्रेन ने कहा है। राजधानी किव समेत अन्य दोनों प्रांतों में रिहायशी इलाकों पर हमले होने का दावा यूक्रेनी यंत्रणा ने किया। हमलों में कम से कम २० लोग मारे गए। मृतकों में महिलाओं के साथ आम नागरिकों का समावेश होने का बयान यूक्रेन ने किया है। इन हमलों पर यूक्रेन की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी हैं और रशिया के हमले यानी शांति प्रस्ताव पर दिया जवाब होने की फटकार यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने लगाई।

इसी बीच रशिया के इन मिसाइल हमलों की पृष्ठभूमि पर रशिया विरोधी जवाबी हमलों की तैयारी लगभग पुरी होने का दावा यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेझ्निकोव ने किया। यूक्रेन को जर्मनी एवं ब्रिटेन से प्राप्त हुए टैंक इन जवाबी हमलों के अभियान का हिस्सा होंगे, यह भी यूक्रेनी रक्षा मंत्री ने कहा। इसी बीच नाटो प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने नाटो के सदस्य और भागीदार देशों ने यूक्रेन के लगभग ३० हज़ार सैनिकों को प्रशिक्षित करने की जानकारी प्रदान की है।

सलग दुसऱ्या दिवशी

पश्चिमी देश यूक्रेन को भारी सहायता प्रदान करने के दावे कर रहे हैं। फिर भी साथ ही कुछ देशों से यूक्रेन के जवाबी हमलों के अभियान पर आशंका जताई जा रही है। अमरिकी सेना एवं राजनीतिक दायरे के सूत्रों ने यूक्रेन को प्राप्त हो रही सफलता सीमित रहेगी, ऐसे संकेत देना शुरू किया है। साथ ही यूक्रेन अभियान पुरी तरह से असफल हुआ तो नाटो सदस्य देशों के माध्यम से यूक्रेन में सेना उतारने की गतिविधियां भी शुरू होने के दावे किए जा रहे हैं।

दूसरी ओर रशिया के बढ़ रहे हमले पश्चिमी देशों के लिए चिंता का मुद्दा बना है। पिछले साल फ़रवरी महीने में रशिया ने तैनात की हुई फौज से भी अधिक तैनाती रशियन क्षेत्र में देखी जा रही है, ऐसा पश्चिमी अधिकारियों का कहना है। रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के एक वर्ष बाद रशियन रक्षाबलों का बड़ा नुकसान होने की एवं रशिया के हथियारों का भंड़ार काफी कम होने के दावे यूक्रेन एवं पश्चिमी माध्यम और यंत्रणाओं ने किए थे। लेकिन, रशियन सेना के बढ़ते हमले असल चित्र अलग ही होने की बात दिखा रहे हैं।

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