पैरिस – ‘फ्रान्स की जनता और अन्य लोग भी देश में हो रही हिंसा को दंगा बता रहे हैं। लेकिन, हम जैसे पुलिस अधिकारी हर दिन इस भयंकर हिंसा का मुकाबला कर रहे हैं। यह हिंसा यानी दंगे नहीं, बल्कि युद्ध ही हैं। सड़कों पर हिंसा कर रही भीड़ को हमारी कत्ल करनी हैं’, ऐसी चेतावनी फ्रान्स के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एरिक वर्गन ने दी। पिछले मंगलवार से फ्रान्स में काफी बड़ी हिंसा शुरू हुई है और पुलिस के साथ राजनीतिक नेता एवं सार्वजनिक इमारतें, ऐतिहासिक वास्तू, स्कूल, पर्यटन स्थानों को लक्ष्य किया जा रहा हैं।
पिछले हफ्ते राजधानी पैरिस के करीबी उपनगर नान्तेअर में पुलिस की कार्रवाई में १७ वर्ष के ‘नाहेल मर्झोक’ की मौत हुई। इस युवक की मौत के बाद फ्रान्स में हिंसा बड़ा दौर शुरू हुआ और लगातार सात दिन से फ्रान्स में लूट और आगजनी हो रही हैं। फ्रान्स की राजधानी पैरिस और प्रमुख शहर मार्सेलिस में सबसे अधिक हिंसा हो रही हैं। फ्रान्स की सुरक्षा यंत्रणा ऐसे में यह कहने लगी है कि, यह सिर्फ हिंसा नहीं, बल्कि युद्ध ही हैं।
शनिवार की रात राजधानी पैरिस के करीबी ल्हे-लेस-रोजेस शहर में ‘मेयर’ के घर पर हमला करने की कोशिश हुई। मेयर विन्सेंट जीनब्रुन हमले के समय घर पर नहीं थे। लेकिन उनकी पत्नी और छोटे बच्चे घर में ही थे। जीनब्रुन के घर पर जलती कार से हमला होने की बात स्पष्ट हुई। इस हमले के साथ अन्य घटनाओं का ज़िक्र करके ल्हे-लेस-रोजेस के पुलिस प्रमुख एरिक वर्गन ने गंभीर चेतावनी दी।
फ्रान्स के शहरों में हिंसा कर रहें नाहेल के नाम का सीर्फ इस्तेमाल कर रहें। उनके हाथों में मोलोटोव बम और बड़े पत्थर हैं। इससे हमले करके हमारी हत्या करने की मंशा वह रखकर हैं, इन शब्दों में वर्गन ने ऐसे संकेत दिए की स्थिति बेकाबू हो रही हैं। मेयर जीनब्रुन ने भी इस हिंसा पर तीव्र बयान किया है।
‘हमने दंगावरों का असली चेहरा देखा हैं। वह खुनी हैं। उन्हें हमारे परिवार की हत्या करनी थी। पिछले हफ्ते से देश में हो रही यह हिंसा जनतंत्र पर हुआ हमला है। अब हिंसा बर्दाश्त ना होने वाले नागरिकों ने बहुसंख्या में एकत्रित होने की ज़रूरत हैं’, ऐसा कहकर जीनब्रुन ने चेतावनी दी।
इसी बीच, फ्रान्स के ‘मेयर्स असोसिएश’ ने देश के नागरिकों से कानून और सूप्रशासन के समर्थन में एकत्रित होने का आवाहन किया है। इसी बीच, फ्रान्स के शीर्ष माध्यमों ने किए सर्वेक्षण में लगभग ७० प्रतिशत लोगों ने आपातकाल लागू करने के लिए समर्थन दर्शाया है। राजधानी पैरिस और मार्सेलिस शहर के साथ पूरे देश में लगभग ४५ हज़ार पुलिस और सुरक्षा सैनिक तैनात किए गए हैं। फ्रेंच पुलिस की कार्रवाई के दौरान अबतक तीन हज़ार से भी अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया हैं।
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