वॉशिंग्टन/किव – ‘यूक्रेन को शीघ्रता से नाटो की सदस्यता प्रदान करने के मुद्दे पर शुरू चर्चा समय से पहले हो रही हैं। यूक्रेन अभी भी नाटो की सदस्यता के लिए तैयार नहीं है। रशिया-यूक्रेन युद्ध खत्म हुए बिना नाटो गुट यूक्रेन को बतौर सदस्य स्वीकारने का विचार नहीं करेगा’, ऐसा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने कहा। इस वजह से यह समझा जा रहा है कि, इस हफ्ते आयोजित हो रहे नाटो समिट में यूक्रेन को नाटो द्वारा विशेष दर्जा एवं अन्य गारंटी प्रदान होने की संभावना खत्म हुई है। साथ ही स्वीडन को नाटो सदस्यता देने के प्रस्ताव को मंजूरी देनी है तो यूरोपिय महासंघ तुर्की की सदस्यता का मार्ग साफ करें, ऐसी आक्रामक मांग तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने उठायी है।
मंगलवार ११ जुलाई से पूर्व यूरोप के लिथुआनिया में नाटो की बैठक शुरू हो रही है। ११ और १२ जुलाई के दो दिन आयोजित हो रही इस बैठक में यूक्रेन और स्वीडन के नाटो सदस्यता के दो मुद्दे प्रमुखता से एजेंड़ा पर होने की बात कही जा रही है। इनमें से यूक्रेन को शीघ्रता से सदस्यता देने के मुद्दे को लेकर अमरीका और जर्मनी के साथ कुछ प्रमुख देशों ने स्पष्ट विरोध जताया है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किए बयान से यूक्रेन की सदस्यता का मुद्दा खत्म होता दिख रहा है। लकिन, यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी देने का प्रस्ताव पारित हो सकता है, ऐसे संकेत नाटो के सूत्रों ने दिए हैं।
इसी बीच, स्वीडन को नाटो सदस्यता प्राप्त होने की संभावना भी दूर जाती दिख रही है। स्वीडन का नाटो में समावेश करने के लिए अमरीका और नाटो ने पहल की है। इसका विरोध कर रहे तुर्की और हंगरी लगातार चर्चा कर रहे हैं और दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इसी बीच तुर्की ने ऐसा धमकाया है कि, हमारी मांगे पुरी होने तक स्वीडन को नाटो की सदस्यता देने के लिए मंजूरी नहीं होगी। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने सोमवार को आयोजित वार्ता परिषद से इस बात को फिर से रेखांकित किया।
राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने सीधे तुर्की की यूरोपिय महासंघ की सदस्यता का मुद्दा आगे करके अमरीका और यूरोप दोनों को मुश्किलों से घेरा होने की बात समझी जा रही है। तुर्की पिछले कई दशकों से महासंघ की सदस्यता पाने के प्रवेशद्वार पर खड़ा हैं और नाटो के अधिकांश सदस्य यूरोपिय महासंघ का हिस्सा हैं, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष ने अपनी मांग को अधिक आक्रामकता से आगे बढ़ाया है।
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