बीजिंग/जकार्ता – पूर्व एवं आग्नेय एशियाई देशों ने पिछले कुछ दिनों से चीन के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई है। इससे बौखलाए चीन अब यह आरोप लगा रहा है कि, अमरीका हमारे विरोध में नया शीत युद्ध छेड़ रही हैं। जापान, दक्षिण कोरिया और आग्नेय एशियाई देशों ने अमरीका ने शुरू किए इस शीत युद्ध का विरोध करना चाहिये, ऐसा आवाहन चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने आसियान की बैठक में किया। वहीं, चीन विरोधी छिड़ा नया शीतयुद्ध अमरीका के लिए ही आत्मघात साबित होगा, ऐसी चेतावनी चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दी है।
इंडोनेशिया के जकार्ता में आग्नेय एशियाई देशों की ‘आसियान २०२३’ बैठक शुरू है। हर वर्ष की तरह आसियान ने अतिथि देश के तौर पर अमरीका, भारत, चीन, रशिया, जापान और दक्षिण कोरिया के नेतृत्व को आमंत्रित किया था। लेकिन, अमरीका, चीन और रशिया के राष्ट्रप्रमुख इस बैठक में अनुपस्थित हैं और उन्होंने अपनी जगह अपने प्रतिनिधि भेजे हैं। इस बैठक के अवसर पर अमरिकी उप-राष्ट्राध्यक्षा कमला हैरिस ने चीन को फटकार लगाई है।
चीन ने पिछले हफ्ते ही नया और विवादित नक्शा जारी किया था। हर साल की तरह चीन ने इस नए नक्शे में पड़ोसी देशों के अधिक क्षेत्र पर दावा ठोक दिदया था। भारत, रशिया, वियतनाम, फिलीपीन्स और ताइवान की सीमा पर चीन ने अपना अधिकार जताया था। भारत में इसपर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई और इसके बाद रशिया एवं अन्य देशों ने भी चीन के इस नए नक्शे की आलोचना की थी। कागज पर रेखाएं खिंचकर दूसरे देश पर दावा ठोका नहीं जा सकता, ऐसा इन पड़ोसी देशों ने चीन को सुनाया था।
आसियान बैठक के अवसर पर अमरिकी उप-राष्ट्राध्यक्षा कमला हैरिस ने विवादित नक्शा, साउथ चाइना सी का विवाद, फुकूशिमा परमाणु प्रकल्प के जल को लेकर जापान के साथ जारी मतभेद और उत्तर कोरिया के बैलेस्टिक मिसाइलों के परीक्षण का समर्थन कर रहे चीन की आलोचना की। साथ ही चीन की बढ़ती आक्रामकता के विरोध में अमरीका इस क्षेत्र में अपने मित्र एवं सहयोगी देशों के पक्ष में खड़ी होने का ऐलान अमरिकी उप-राष्ट्राध्यक्ष ने किया।
इससे बेचैन हुए चीन ने अमरीका को निशाना बनाया। आग्नेय एशियाई देशों में अमरीका ही चीन के विरोध में गलतफहमी फैला रही हैं। चीन विरोधी हितसंबंधों को अहमियत देकर अमरीका चीन के अंदरुनि कारोबार में हस्तक्षेप बढ़ा रही हैं। इस वजह से वर्णित क्षेत्र में तनाव निर्माण होने का आरोप चीन के प्रधानमंत्री ने लगाया। इससे बचना हैं, तो जापान, दक्षिण कोरिया और आग्नेय एशियाई देशों ने अमरीका का पक्ष उठाना बंद करना होगा, ऐसी फटकार ली कियांग ने इस बैठक के दौरान लगाई। आगे के कुछ ही घंटे बाद जकार्ता में ही ‘ईस्ट एशिया समिट’ का आयोजन हो रहा हैं औड़वहां भी चीन और अमरीका के बीच संघर्ष हो सकता हैं।
चीन के प्रधानमंत्री आसियान की बैठक से अमरीका की आलोचना कर रहे थे तभी चीन के सरकारी मुखपत्र ने अमरीका को फिर से लक्ष्य किया। अमरीका और चीन का सहयोग विश्व के लिए काफी अहम हैं। इसके बावजूद अमरीका ने राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार, प्रौद्योगिकी और सैन्यकी मोर्चे पर चीन को दबाने की कोशिश की। यह दूसरा-तिसरा कुछ नहीं, बल्कि शीतयुद्ध ही हैं। लेकिन, अमरीका काफी समय तक इसमें कामयाब नहीं होगी और यह शीतयुद्ध अमरीका के लिए ही आत्मघात साबित होगा, ऐसी चेतावनी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दी है। अमरिकी शीतयुद्ध की पोलखोल करने के लिए दुनियाभर के विश्लेषक चीन की सहायता करें, ऐसा आवाहन इस मुखपत्र ने किया है।
इसी बीच, आग्नेय एशियाई देशों के इंडोनेशिया और मलेशिया के अलावा अन्य पड़ोसी देश चीन के खिलाफ खुलेआम भूमिका अपनाने लगे हैं। इसका सीधा असर चीन में जिनपिंग की हुकूमत पर हो रहा हैं। गलत आर्थिक एवं व्यापारी नीति के कारण राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की आलोचना हो रही हैं। इसी बीच नक्शे के मुद्दे पर वियतनाम, फिलीपीन्स जैसे देश भी चीन को धमकाने लगे हैं और इस वजह से चीन में जिनपिंग के विरोध में नाराज़गी बढ़ रही हैं।
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