वॉशिंग्टन – अमेरिका की शीर्ष मोबाईल नेटवर्क कंपनियों पर साइबर हमला होने का वृत्त कुछ दिन पहले ही सामने आया था। इस साइबर हमले से अमेरिका में लाखों नागरिकों का मोबाईल नेटवर्क लगभग १२ से १३ घंटे बंद पड़ा था। इसके मास्टरमाईंड का अभी तक पता नहीं चल सका है। फिर भी चीन का अमेरिकी यंत्रणाओं पर होने वाला अगला हमला इससे १०० गुना अधिक तीव्रता का होगा, ऐसी चेतावनी वरिष्ठ सिनेटर मार्को रुबिओ ने दी है। ताइवान पर हमला करते हुए चीन इस तरह का बड़ा साइबर हमला करके अमेरिकी यंत्रणा नाकाम कर सकती है, ऐसा इशारा रुबिओ ने दिया है।
पिछले हफ्ते गुरुवार की सुबह से अमेरिका के शीर्ष मोबाईल नेटवर्क कंपनियों के सिग्नल बंद होना शुरू हुआ था। इसमें ‘एटी ॲण्ड टी’, ‘वेरिझॉन’, ‘यूएस मोबाईल’ और ‘टी मोबाईल’ जैसी कंपनियों का समावेश था। अमेरिका में लगभग १२ से १३ घंटे मोबाईल्स सिग्नल और इंटरनेट उपलब्ध नहीं था। इसके बाद सेवा सामान्य हुई है, फिर भी इस मामले के बाद अमेरिका में साइबर हमलों का मुद्दा फिर से सामने आया है।
कुछ दिन पहले अमेरिकी जांच एजेन्सी ‘एफबीआई’ के प्रमुख ख्रिस्तोफर रे ने जर्मनी के एक कार्यक्रम के दौरान साइबर क्षेत्र में चीन के उभरे खतरे पर ध्यान आकर्षित किया था। ‘अमेरिका के सामने खड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों पर गौर करे तो साइबर क्षेत्र में चीन का बना खतरा सबसे बड़ी चुनौती है। चीन की साइबर आर्मी विश्व के अन्य सभी देशों की एकत्रित साइबर आर्मी से भी अधिक बड़ी है। अमेरिका के निजी और कॉर्पोरेट क्षेत्र के साइबर हमले और उससे गोपनीय जानकारी की हो रही चोरी में भी चीन का योगदान सबसे अधिक हैं’, यह इशारा भी रे ने दिया था।
एफबीआई प्रमुख के इस इशारे के बाद चीन की एक कंपनी ने हासिल की गोपनीय जानकारी इंटरनेट पर प्रसिद्ध हुई। इसमें चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत साइबर हमलों के लिए देश की निजी साइबर कंपनियों के साथ हैकर की सहायता प्राप्त करने की बात स्पष्ट हुई। अमेरिका और ब्रिटेन सहित विश्व के प्रमुध देशों की विभिन्न तरह की जानकारी चोरी करने के लिए चीन ने निजी कंपनियों को ठेके प्रदान करने की जानकारी भी सामने आयी है। शांघाय की ‘आई-सून’ नामक कंपनी संबंधित सामने आयी इस जानकारी से चीन के साइबर हमलों का नया रूप सामने आने की बात कही जा रही है।
इस पृष्ठभूमि पर अमेरिका के वरिष्ठ सिनेटर मार्को रुबिओ की चेतावनी अहमियत रखती है। रुबिओ ने अपनी इस चेतावनी में चीन का साइबर हमला सिर्फ मोबाईल कंपनियों के लिए ही नहीं, बल्कि अमेरिका के बिजली, पानी और बैंकिंग जैसे संवेदनशील यंत्रणा नाकाम करने वाला होगा, यह इशारा भी दिया है। पिछले साल अमेरिका की गुप्तचर यंत्रणा ने ‘एन्युअल थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट’ पेश किया था। इसमें अमेरिका के सरकारी और निजी क्षेत्र में साइबर हमला करके चीन गड़बड़ी करने का खतरा होने का इशारा दर्ज़ किया गया था। अमेरिका की संवेदनशील यंत्रणा नाकाम करने की क्षमता के साइबर हमले चीन कर सकता हैं, ऐसा दावा भी इसमें किया गया था।
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