अमरिका के लडाकू विमान ‘लेजर’ से सज्जित होंगे

अमरिका के लडाकू विमान ‘लेजर’ से सज्जित होंगे

वॉशिंगटन – ‘पिछले डेढ दशक से रशिया और चीन ने हथियारों के निर्माण में प्राप्त की हुई बढत कम करने के लिए अमरिका ने बडा कदम उठाया है| अमरिकी वायुसेना के सामर्थ्य में बढोतरी करने के लिए और साथ ही हवाई सुरक्षा यंत्रणा और भी मजबूत करने के लिए जल्द ही अमरिका के लडाकू विमान ‘लेजर’ से सज्जित होंगे’, यह ऐलान अमरिकी वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने किया है| अमरिका के यह ‘लेजर’ से लैस लडाकू विमान रशिया और चीन की हायपरसोनिक मिसाइलों के लिए पुख्ता जवाब होगा, यह दावा अमरिकी विश्‍लेषक कर रहे है|

हथियारों के निर्माण पर आगे रहनेवाले अमरिका की ‘लॉकहिड मार्टिन’ इस कंपनी ने पहले ही अमरिकी युद्धपोतों पर लेजर यंत्रणा तैनात करने की तैयारी की है| पिछले कुछ वर्षों में अमरिकी नौसेना के ‘एर्ले बुर्के’ वर्ग की युद्धपोतों पर ‘एक्सएन-१’ लेजर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है| अगले कुछ वर्षों में अमरिकी युद्धपोत लेजर से सज्जित होंगे, यह दावा अमरिका के लष्करी विश्‍लेषक कर रहे है| साथ ही अमरिका के लंबी दूरी तक गश्त करनेवाले विमान भी ‘लेजर’ या ‘डेथ रे’ से सज्जित होने के समाचार इस दौरान प्राप्त हो रहे थे| लेकिन, अमरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस संबंधी अधिकृत जानकारी उजागर नही की है|

लेकिन, अमरिका के लडाकू विमान जल्द ही लेजर से सज्जित हो रहे है, यह जानकारी ‘एअर फोर्स रिसर्च लैबोरेटरी’ की प्रवक्ता ‘इव्हा ब्लेलॉक’ इन्होंने दी| ‘लेजर से सज्जित लडाकू विमान तेजीसे और सटिक लक्ष्य भेद सकेंगे| इस वजह से अमरिकी रक्षादलों की क्षमता में काफी तादाद में बढोतरी होगी’, यह दावा ब्लेलॉर इन्होंने किया| अमरिकी वायुसेना की इस प्रयोगशाला में लेजर वेपन्स का इस्तेमाल करने को लेकर फिलहाल तेजीसे प्रयोग हो रहे है और युद्धपोतों पर तैनात हो रहे ‘लेजर पॉड’ का आकार कम करके इसका इस्तेमाल लडाकू विमानों में करने की दिशा में हो रहा संशोधन अहम स्तर पर पहुंचा है|

प्राथमिक स्तर पर इस ‘लेजर पॉड’ का परीक्षण वायुसेना के ‘सी-१३०’ और ‘सी-१७’ इन भारी विमानों की सहायता से की जाएगी| इसके बाद इस लेजर पॉड की तैनाती ‘एफ-३५’ इस प्रगत स्टेल्थ लडाकू विमान पर की जाएगी, यह जानकारी ब्लेलॉक इन्होंने दी| लडाकू विमानों पर तैनात ‘गन पॉड’ की जगह पर यह नही यंत्रणा तैनात होगी| इस वजह से लडाकू विमानों की हमले की क्षमता भी बढेगी, यह दावा भी अमरिकी वायुसेना ने किया है| इस ‘लेजर पॉड’ के सफल परीक्षण के बाद वर्ष २०२१ में अमरिकी लडाकू विमान लेजर से सज्जित होंगे, यह कहा जा रहा है|

दौरान, रशिया और चीन ने हायपरसोनिक मिसाइल के निर्माण में बढत बनाई है, यह बात अमरिकी रक्षादल भी स्वीकार कर रहे है| अमरिका ने भी इस स्पर्धा में बढत प्राप्त करने के लिए हायपरसोनिक मिसाइल के निर्माण को गति देने की शुरूआत की है| ऐसी स्थिति में लेजर से सज्जित अमरिकी लडाकू विमान रशिया और चीन के लिए खतरे की घंटी साबित होंगे, यह दावा अमरिकी विश्‍लेषक और लष्करी माध्यम कर रहे है|

English मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info