चीन की नई लेजर यंत्रणा पनडुब्बी विरोधी युद्ध का स्वरूप बदलेगी – चीन की वृत्तसंस्था का दावा

चीन की नई लेजर यंत्रणा पनडुब्बी विरोधी युद्ध का स्वरूप बदलेगी – चीन की वृत्तसंस्था का दावा

शांघाय – अपनी रक्षा सामर्थ्य में काफी बढोतरी कर रहे चीन ने नई लेजर यंत्रणा विकसित की है| इस लेजर की सहायता से समुद्र तल पर छिपी पनडुब्बी को आसानी से ढुंढना मुमकिन है, यह दावा चीन की सेना से जुडी कंपनी ने किया है| इस वजह से पनडुब्बीयों पर हमला करना और भी आसान होगा और इससे पनडुब्बी विरोधी युद्ध का स्वरूप ही बदलेगा, ऐसा दावा चीन की इस वृत्तसंस्था ने अपनी खबर में किया है| वही, फिलहाल रक्षा क्षेत्र में आगे रहनेवाले देशों के हाथ में भी इस तरह की लेजर यंत्रणा ना होने का दावा भी चीन की इस कंपनी ने किया है|

चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ से जुडी ‘शांघाय इन्स्टिट्युट ऑफ ऑप्टिक्स एण्ड फाईन मेकानिक्स’ (सीऑम) कंपनी के एक दल ने इस वर्ष के शुरू में ‘साउथ चाइना सी’ में इस लेजर का परीक्षण किया| लगभग छह महीनों तक इस परीक्षण को लेकर गोपनीयता रखने के बाद चीन की कंपनी ने इससे जुडी जानकारी स्थानिय माध्यमों के सामने रखी| ‘साउथ चाइना सी’ के कौन से हिस्से में यह परीक्षण किया, इस का ब्यौरा वर्णित कंपनी ने घोषित नही किया है| लेकिन, हरे और निले ऐसी हलकी लेजर बीम का इस दौरान इस्तेमाल करने की जानकारी चीन की वृत्तसंस्था ने अपनी खबर में दी है|

‘सीऑम’ कंपनी ने एक छोटे प्रवासी विमान से यह परीक्षण किया| इस दौरान समुद्र में १६० मीटर गहराई तक लेजर का हमला किया गया था| यह प्राथमिक परीक्षण है और अगले दिनों में लगभग ५०० मीटर गहराई तक लेजर से हमला करने का प्लैन कंपनी ने किया है| सूरज की किरनें तक समुद्र में २०० मीटर गहराई तक ही पहुंच सकती है| इस वजह से अपने लेजर सूरज की किरणों से भी अधिक भेदक होने का दावा चीन की इस वृत्तसंस्था ने किया है|

इससे पहले चीन ने लेजर की सहायता से समुद्र का तल ढुंढने की कोशिश की थी| वर्ष पहले चीन की सेना ने और एक कंपनी ने इस लेजर यंत्रणा का परीक्षण किया था| लेकीन, सीऑम कंपनी ने किया परीक्षण ‘ऑप्टिकल सायन्स’ क्षेत्र की बडी गतिविधि होेने का दावा चीन की कंपनी कर रही है| इस वजह से समुद्र के तल पर मौजुद पनडुब्बीयों की खोज करना आसान होगा, ऐसा इस कंपनी का कहना है| साथ ही यह परीक्षण पनडुब्बी विरोधी तकनीक में भारी बदलाव करनेवाला है, यह दावा चीन के विश्‍लेषक ने वर्णित माध्यम से बोलते समय किया है|

फिलहाल किसी भी पनडुब्बी की खोज करने के लिए ‘सोनार’ तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है| संबंधित समुद्री क्षेत्र में जहाजों की बडी यातायात होने से पनडुब्बी से निकलनेवाला ध्वनि पकडना मुश्किल होता है| ऐसी स्थिति का लाभ उठाकर शत्रु की पनडुब्बी समुद्र के तल पर आसानी से सफर कर सकती है| ऐसे में ‘सीऑम’ कंपनी ने विकसित किए लेजर से सज्जित विमान या इस ‘लेजर’ समेत अंतरिक्ष में तैनात किए सैटेलाईट की सहायता से पनडुब्बी की खोज करना आसान होगा’, इस ओर ऑस्ट्रेलियन विश्‍लेषक मनब्रता गुहा ने ध्यान आकर्षित किया है|

इस दौरान, शांघाय स्थित ‘सीऑम’ कंपनी ने विकसित की हुई यह लेजर यंत्रणा चीन के रक्षा सामर्थ्य में बढोतरी करनेवाली है, यह दावा भी गुहा ने किया| ‘अमरिका की पनडुब्बीयों ने चीन की सागरी सीमा में प्रवेश किया तो आगे क्या, यह चिंता चीन को सता रही है| ऐसे में इस लेजर तकनकी की सहायता से चीन की सेना अमरिकी पनडुब्बीयों की आसानी से खोज करने में सफल होगी’, यह इशारा गुहा ने ऑस्ट्रेलियन समाचार चैनल से बात करते समय दिया|

English    मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info