यमन में संघर्ष का विस्फोट होने के लिए ईरान का ‘ईंधन’- संयुक्त राष्ट्रसंघ का अहवाल

यमन में संघर्ष का विस्फोट होने के लिए ईरान का ‘ईंधन’- संयुक्त राष्ट्रसंघ का अहवाल

संयुक्त राष्ट्र – यमन में पिछले चार वर्षों से शुरू संघर्ष की आग में तेल डालने का काम ईरान ने किया है, ऐसा आरोप संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपने रपट में किया है| ईरान का ईंधन अवैध मार्ग से येमेन में ‘हौथी’ बागियों के कब्जे में होनेवाले बंदरगाह तक पहुंच रहा है और इसके द्वारा हर महीना कम से कम तीन करोड डॉलर्स बागियों को प्राप्त हो रहे है, ऐसा माना जा रहा है| पिछले महीने में ईरान के मिसाइल हौथी बागियों को प्राप्त हो रहे है, यह एक रपट ने स्पष्ट किया था| इसके साथ ही अब ईरान की हुकूमत ईंधन के माध्यम से भी हौथी बागियों की सहायता कर रही है, यह स्पष्ट होने से ईरान फिर से कठिनाई में आने की संभावना है|

हौथी बागियों को प्राप्त हो रहे ईरानी ईंधन के संबंधी ८५ पन्नों को रपट संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के सामने रखा गया है और जल्द ही इस पर चर्चा होने के संदेत दिए गए है| इस रपट में सउदी अरेबिया और सहयोगी देशों का गठबंधन से यमन में शुरू मुहीम का जिक्र किया गया है| हौथी बागियों के विरोध में शुरू कार्रवाई को सफलता प्राप्त हो रही है, फिर भी यमन पर सरकार का बिल्कुल नियंत्रण हो, ऐसी स्थिति बनाने में अभी तक मुमकिन नही हुआ है, इस ओर भी रपट में ध्यान आकर्षित किया गया है|

यमन और इसके अलावा कुछ देशों में बनी बोगस कंपनीयां ईरान के इस अवैध ईंधन व्यापार के लिए ‘फ्रंट’ के तौर पर काम कर रही है, ऐसा दावा इस रपट में किया गया है| बोगस कागजों की सहायता से ईरान के बंदरगाहों में खडे जहाजों में ईंधन भरा जाता है और यह ईंधन यमन और अन्य देशों में भेजकर उसकी बिक्री से प्राप्त हो रहे पैसों की हौथी बागियों के लिए आपुर्ति की जाती है, यह आरोप इस रपट में है|

ईरान ने यमन में शुरू संघर्ष में ‘हौथी’ बागियों को दी जा रही सहायता के संबंधी आरोप लगातार ठुकराए है| लेकिन, सुरक्षा परिषद के सामने रखे रपट में इस संबंधी पुख्ता सबूत मौजूद होने की बात कही जा रही है| इस वजह से ईरान को इन आरोपों पर जवाब देने में और भी कठिन होगा| यमन के संघर्ष में स्पष्ट हुआ समावेश ईरान की सत्तारूढ हुकूमत को और भी समस्या में ले जानेवाला साबित होगा, ऐसे संकेत सूत्रों से प्राप्त हो रहे है|

अमरिका और सउदी अरेबिया से यह मुद्दा अधिक आक्रामकता से रखा जाने की कडी संभावना है| साथ ही सउदी ने हौथी बागियों के विरोध में शुरू की हुई मुहीम भी अधिक आक्रामक हो सकती है| ईरान से हौथी बागियों को प्राप्त हो रहे हथियार, यह भी विवाद का मुद्दा है और इस वजह से ईरान का समर्थन कर रहे युरोपीय देश और अन्य सहयोगी भी तकलिफ में आ सकते है|

यमन में अबतक हुए संघर्ष में लाखों लोगों की बलि गई है और देश में भयंकर मानवतावादी आपत्ति निर्माण होने का दावा किया जा रहा है|

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