वॉशिंगटन – इस्रायल ने सीरिया पर ईरान के ठिकानों पर किए हवाई हमलों के बाद इस्रायल और ईरान के बीच बना तनाव चरम सीमा तक जा पहुंचा है| आनेवाले समय में इस्रायल ने सीरिया में ईरान के ठिकानों पर नए हमलें किए तो उसे ईरान का जवाब मिलेगा और इस क्षेत्र में युद्ध का विस्फोट होगा, यह इशारा अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख ‘डैन कोटस्’ इन्होंने दिया है| अमरिकी सुरक्षा यंत्रणाओं के जैसे ही खाडी देशों के विश्लेषक भी लगातार यही दावा कर रहे है|
अमरिकी सुरक्षा एवं गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख ने सिनेट की समिती के सामने जानकारी देते समय खाडी क्षेत्र में विस्फोटक युद्ध की डरावनी संभावना जताई है| अमरिका की १६ गुप्तचर यंत्रणाओं ने प्राप्त की जानकारी के आधार पर कोटस् इन्होंने यह दावा किया है| ‘सीरिया में ईरान और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इस्रायल ने अबतक किए हमलों को ईरान ने प्रत्युत्तर नही दिया है| लेकिन, आनेवाले समय में यदि इस्रायल ने ईरान पर हमलें किए तो ईरान अपने मिसाइलों के साथ इस्रायल पर हमले करेगा’, यह कोटस् ने कहा है|
इस्रायल के हमलों के बाद भी ईरान लष्करी अड्डा सीरिया में बनाने की अपनी भूमिका पर अब भी कायम होने की बात स्पष्ट हो रही है, इस ओर कोटस् इन्होंने ध्यान आकर्षित किया| सीरिया में अड्डा बनाकर ईरान को लेबनान, सीरिया और इराक ऐसे शियापंथी हमलावरों का नेटवर्क खडा करना है, यह कोटस् ने बताया है| ईरान का यह नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए इस्रायल ने हवाई हमले किये है, फिर भी इन हमलों के बावजूद ईरान का नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त नही हो सका है, यह चिंता कोटस् इन्होंने व्यक्त की|
कोटस् इनका यह तर्क प्रसिद्ध होने के कुछ घंटे पहले ही इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष रिव्हलिन इन्होंने भी इस्रायल पर ईरान हमला कर सकता है, यह कहा था| पिछले हफ्तें इस्रायल ने सीरिया में किए हवाई हमलों के बाद ईरान ने इस्रायल पर राकेट हमले किए थे| लेकिन, गोलान की पहाडियों की सरहदी क्षेत्र में कार्यान्वित ‘आयर्न डोम’ ने ईरान के यह हमलें असफल किए थे| लेकिन, आनेवाले समय में ईरान इस्रायल पर और भी तेज हमले कर सकता है, ऐसे स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे है|
ईरान के लष्करी अधिकारियों ने इस संबंधी किए वक्तव्य यही संकेत दे रहे है| सीरिया पर हो रहे इस्रायल के हमलें रोकना है तो ईरान को इस्रायल पर हमलें करने होंगे, यह दावा ईरान के अधिकारी कर रहे है| अलग शब्दों में यही अधिकारी ईरान के नेतृत्व के सामने इस्रायल पर हमला करने की अनुमती मांग रहे है, यही इस से स्पष्ट हो रहा है|
यदि इस्रायल और ईरान के बीच युद्ध शुरू हुआ तो वह रोकना अन्य किसी भी दुसरे देश को मुमकिन नही होगा| साथ ही इस्रायल और ईरान में शुरू हुआ युद्ध सीर्फ इन दो देशों में सीमित रहना मुमकिन नही, इसमें हिजबुल्लाह, लेबनान और गाजापट्टी से हमास एवं अन्य संगठन और देश खिंचे जाएंगे| इस वजह से इस युद्ध का असर भयंकर रहेगा, इस ओर भी विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे है|
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