सोव्हिएत रशिया के जैसे यूरोपीय महासंघ के भी टुकडे होंगे – धनिक निवेशक जॉर्ज सोरोस

सोव्हिएत रशिया के जैसे यूरोपीय महासंघ के भी टुकडे होंगे – धनिक निवेशक जॉर्ज सोरोस

वॉशिंगटन – ब्रिटेन, जर्मनी और इटली के साथ अन्य देशों में भी यूरोपीय महासंघ को विरोध करनेवाले गुट मजबूत हुए है। ऐसी स्थिति में यूरोपीय महासंघ के समर्थक गहरी निंद में दिखाई दे रहे है। उनकी निंद जल्द ही बिगडी नही तो, १९९१ में जैसे सोव्हिएत रशिया के टुकडे हुए थे, वैसे ही यूरोपीय महासंघ के हुए बिना नही रहेंगे, ऐसा इशारा प्रसिद्ध निवेशक जॉर्ज सोरोस इन्होंने दिया है।

यूरोपीय महासंघ के कडे समर्थक और एशिया एवं अफ्रीका से यूरोप में दाखिल हो रहे शरणार्थियों के समर्थक ऐसी जॉर्ज सोरोस इनकी पहचान है। उनकी इस भूमिका की वजह से यूरोपीय महासंघ की सदस्य देशों में शरणार्थियों का विरोध कर रहे नेता एवं गुट सोरोस इन्हें अपना और अपने देश का शत्रू समजते है। हंगेरी की सरकार ने अपनी संसद में शरणार्थियों के विरोध में विधेयक पारित करके इस विधेयक को ‘एण्टी सोरोस बिल’ यह नाम दिया था। वही, दुसरी बाजू में जॉर्ज सोरोस यूरोपीय देशों में बढती राष्ट्रवाद की भावना एवं शरणार्थियों के विरोधी गुटों के बढते प्रभाव से चिंता व्यक्त कर रहे है।

मई महीने में यूरोपीय महासंघ का सबसे बडा चुनाव होना है। ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रान्स, इटली, हंगेरी, पोलंड और अन्य यूरोपीय देशों में दक्षिणी विचारधारा की गुटों का बढता प्रभाव इस चुनाव पर खास प्रभाव करेगा, यह दावा हो रहा है। सोरोस और यूरोपीय महासंघ के नेताओं ने भी मई महीने में होनेवाले चुनाव में महासंघ के विरोधी गुट हावी होने की चिंता व्यक्त कर रहे थे। इस पृष्ठभूमि पर, ‘प्रोजेक्ट सिंडिकेट’ वेबसाईट के लिए लिखे लेख में सोरोस इन्होंने दुबारा यूरोपीय महासंघ के समर्थकों को एक होने का निवेदन किया है।

यह निवेदन करते समय सोरोस इन्होंने यूरोपीय महासंघ के नेतृत्त्व पर भी आलोचना की है। ‘यूरोपीय महासंघ का वर्तमान का नेतृत्व, सोव्हिएत रशिया बिखरा था, उस समय के नेतृत्व की याद दिला रहा है। वर्तमान में यूरोप क्रांती की डगर पर खडा है, यह समजने के लिए यूरोपीय महासंघ के नेता और जनता, इनमें से कोई भी समजने की स्थिति में नही है। यूरोप में होनेवाली इस क्रांती की वजह से कई संभावना खडी होंगी, इस वजह से यह क्रांती समय पर नही रोकी गई तो यूरोप में अस्थिरता निर्माण होगी’, ऐसा इशारा सोरोस इन्होंने दिया।

यूरोपीय देशों में मतदान की पद्धती अभी की पुराने तरीके से शुरू होने से महासंघ को विरोध करनेवाले गुट और भी मजबूत होंगे, ऐसा सोरोस ने कहा है। यूरोप में फिलहाल जनाधार पानेवालें गुटों का सामर्थ्य बढ रहा है और इन गुटों का यूरोपीय महासंघ गठित करने पर ही विरोध है। हंगेरी में विक्टर ऑर्बन और इटली में साल्विनी इनकी सरकार ने जाहीर तौर पर महासंघ भंग करने की मांग रखी है। जर्मनी-फ्रान्स से नियंत्रित हो रहे महासंघ की शरणार्थियों से जुडी नीति यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरा है, ऐसा इन नेताओं का कहना है।

शरणार्थियों को लेकर महासंघ ने किए निर्णय का सोरोस इन्होंने समर्थन किया था। लेकिन, शरणार्थियों के झुंड यूरोप में पहुंचाकर सोरोस इनके जैसे अमीर निवेशक यूरोप में अपने स्वार्थ के लिए यूरोप की समाज रचना में ही बदलाव करा रहे है, ऐसा आरोप हो रहा है। सोरोस पूरे यूरोप को बेहाल करके उसमें से बडा लाभ पाने के लिए षडयंत्र कर रहे है, ऐसे आरोप हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन इन्होंने किया था।

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