इस्लामाबाद – पाकिस्तान से तालिबान को मिल रहे समर्थन का मुद्दा उपस्थित करके अफगानिस्तान सरकार ने अपनाई आक्रामक भूमिका की वजह से सोमवार के दिन पाकिस्तान में योजित ‘अमरिका-तालिबान शांति चर्चा’ रद्द की गई है। अफगान तालिबान ने इसके लिए अमरिका को जिम्मेदार कहा है और अगली बैठक कतार की राजधानी दोहा में ही होगी, यह ऐलान किया है। अमरिका ने इसपर दर्ज की प्रतिक्रिया में पाकिस्तान में योजित बैठक के लिए आमंत्रित ही नही किया था, ऐसा दावा किया है।
पिछले हफ्ते में अमरिका के साथ दुसरे स्तर की बातचीत करने के लिए अफगान तालिबान ने पाकिस्तान का चयन किया था। पाकिस्तान में अमरिकी प्रतिनिधियों से बातचीत हो सकती है, यह ऐलान तालिबान का प्रवक्ता ‘झबिउल्लाह मुजाहिद’ ने किया था। पाकिस्तान ने इस ऐलान का स्वागत करके यह चर्चा ‘गेम चेंजर’ साबित होगी, ऐसे संकेत दिए थे। लेकिन, चर्चा रद्द होने का निर्णय पाकिस्तान के लिए बडा झटका साबित हुआ है।
इसके पहले अमरिका और तालिबान के बीच पाकिस्तान में चर्चा हो और इसके लिए अपनी सरकार मध्यस्थता करने के लिए तैयार होने का ऐलान पाकिस्तान ने किया था। लेकिन, तालिबान ने पाकिस्तान का यह प्रस्ताव ठुकराया था। कतार में हुई बैठक के बाद पिछले हफ्ते में तालिबानी प्रतिनिधि मंडल की रशिया में दुसरी बडी बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद, सोमवार १८ फरवरी के दिन इस्लामाबाद में चर्चा होगी, यह घोषणा भी तालिबान का प्रवक्ता झबिउल्लाह मुजाहिद ने की थी।
तालिबान ने पाकिस्तान में बैठक योजित करने का ऐलान करने के बाद इसपर अफगानिस्तान ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज की थी। ‘पाकिस्तान में होनेवाली बैठक संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के ठराव का उल्लंघन होगी। इस बारे में सुरक्षा परिषद की तरफ तक्रार भी दर्ज की है। पाकिस्तान और तालिबान में शुरू गतिविधियों के बारे में अफगान सरकार के साथ विचार विमर्ष नही किया गया है’, ऐसी नाराजगी अफगान विदेश मंत्रालय ने दर्ज की थी।
पाकिस्तान में योजित चर्चा रद्द हो रही थी, तभी अमरिका के साथ अगली बातचीत २५ फरवरी के दिन कतार की राजधानी दोहा में होगी, ऐसी जानकारी तालिबान ने प्रसिद्ध की है। दोहा शहर में तालिबान का राजनीतिक दफ्तर है और इसी लिए अगली चर्चा के स्थान के तौर पर दोहा का चयन हुआ है, ऐसा कहा जा रहा है। अमरिका और तालिबान में हुई पहली स्तर की चर्चा भी दोहा में ही हुई थी।
अमरिका ने तालिबान के साथ चर्चा करने के लिए नियुक्त किए हुए विशेष प्रतिनिधि ‘झाल्मे खलिलझाद’ और तालिबान के प्रतिनिधि मंडल ने इस चर्चा में हिस्सा लिया था। तालिबान को अफगानिस्तान की मुख्य धारा में सम्मिलित करने के लिए यह चर्चा अहम साबित हुई थी। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने भी तालिबान के साथ हुई चर्चा सफल होने का ऐलान किया था।
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