वॉशिंगटन – ‘९/११ के आतंकी हमले के बाद सीआईए ने अगले कई वर्ष अपना लक्ष्य आतंकवादविरोधी मुहीम पर ध्यान केंद्रीत किया था। इस वजह से अन्य मुद्दों पर हम पीछे हुए है। लेकिन, इसके बाद अब सीआईए ने अपना ध्यान दुबारा रशिया और ईरान पर केंद्रीत किया है और इस हिस्से में निवेश बढाया है। इस मोर्चे पर अभी तक काफी काम होना है फिर भी सीआईए ने इसपर अच्छा काम किया है’, इन शब्दों में ‘सीआईए’ की प्रमुख जिना हॅस्पेल इन्होंने अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा इसके आगे रशिया और ईरान के विरोध में कार्रवाई पर ज्यादा ध्यान देगी, यह संकेत दिए है।
अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआईए’ की प्रमुख हॅस्पेल इन्होंने अलाबा में हुए एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा और गुप्तचर यंत्रणा की भूमिका को लेकर वक्तव्य किया। इसी में नजदिकी समय में ‘सीआईए’ के उद्देश्य में हो रहे बदलाव, चुनौती, अमरिका के सामने बने खतरें ऐसे कई मुद्दों का भी समावेश था। इस दौरान ‘सीआईए’ की प्रमुख ने आनेवाले समय में आतंकविरोधी कार्रवाई के बजाय अमरिका की प्रतिस्पर्धी देशों के विरोध में पारंपरिक हेरगिरी कार्रवाईयों पर जोर दिया जाएगा, यह संकेत दिए।
पिछले शतक के आखिरी दशक में अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने खास तौर पर रशिया और रशिया के समर्थक देशों पर अपना ध्यान केंद्रीत किया था। वर्ष २००१ में अमरिका पर हुए आतंकी हमले के बाद ‘सीआईए’ ने आतंकविरोधी कार्रवाई एवं काडी देशों पर जोर दिया था। इस वजह से अमरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकते है ऐसे अन्य मुद्दों की ओर नजरअंदाजी हुई, यह दावा अमरिका में किए गए।
‘सीआईए’ की नजरअंदाजी से रशिया वर्ष २०१४ में क्रिमिआ में हमला कर सकती थी एवं वर्ष २०१६ में अमरिका में हुए चुनाव के दौरान हस्तक्षेप हुआ, यह आरोप भी विश्लेषक लगातार कर रहे है। इस पर ध्यान देकर अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने फिर एक बार चीन के साथ रशिया और चीन पर ध्यान देना शुरू किया है और इन देशों पर बारीकीसे नजर रखने के संकेत दिए है। पिछले वर्ष हुए एक कार्यक्रम के दौरान चीन अमरिका का प्रभाव कम करने की कोशिश कर रहा है, यह कहकर चीन की इन गतिविधियों पर सीआईए नजर जमाए है, यह इशारा हॅस्पेल ने दिया था।
इसके बाद अब रशिया और ईरान पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, यह वक्तव्य करके अमरिकी सुरक्षा को ‘चीन-रशिया-ईरान’ इस त्रिकम का सबसे अधिक खतरा होने का एहसास ‘सीआईए’ ने दिलाया है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इनके प्रचार के दौरान रशिया का हस्तक्षेप हुआ नही था, यह अहवाल सामने आ रहा था तभी हॅस्पेल ने रशिया और ईरान पर ध्यान केंद्रीत करने के संकेत देना अहम समझा जा रहा है।
इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:
https://twitter.com/WW3Info | |
https://www.facebook.com/WW3Info |