कैनबेरा – ऑस्ट्रेलिया में हुए चुनाव में प्रधानमंत्री ‘स्कॉट मॉरिसन’ इन्होंने जीत प्राप्त की है| उनकी यह जीत यानी सियासी चमक्तार होने का दावा हो रहा है| इस चुनाव में मॉरिसन को की हार तय है, यह समझा जा रहा था| लेकिन, विश्लेषकों के सभी अंदाजों को चकमा देकर मॉरिसन दुबारा बतौर प्रधानमंत्री बन रहे है| चीन की सरकारी माध्यमों ने मॉरिसन की जीत से ऑस्ट्रेलिया-चीन संबंध और भी खराब होने की चिंता व्यक्त की है|
स्कॉट मॉरिसन इस चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री नही रहेंगे, यह दावा अधिकांश विश्लेषक और माध्यमों ने किया था| यह सारे अंदाज गलत साबित करके मॉरिसन प्रधानमंत्री फिर एक बार प्रधानमंत्री बन रह है और उनकी लिबरल पार्टी सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाएगी, यह तय हुआ है| उनकी इस जीत पर ऑस्ट्रेलिया में उदारनीति रखनेवाला वर्ग नाराज है और नकारात्मक प्रचार के कारण उन्होंने यह जीत प्राप्त की है, यह आलोचना उदारनीति का वर्ग कर रहा है|
इससे भी अहम बात यह है की चीन ने मॉरिसन की जीत पर कडी प्रतिक्रिया दर्ज की है| चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने स्कॉट मॉरिसन इनकी जीत घातक होने का दावा करके इस से चीन चिंतीत होने की बात कही है| पिछले कुछ महीनों से चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंध काफी तनाव में है| ऐसे में मॉरिसन ने जीत हासिल करने से यह संंबंध और भी बिगडने का डर ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने व्यक्त किया है|
स्कॉट मॉरिसन इनकी सरकार ने चीन से ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा के लिए खतरा है, यह इशारा देकर चीन के विरोध में कडी भूमिका अपनाई थी| चीन की ‘हुवेई’ कंपनीपर मॉरिसन सरकार ने पाबंदी जारी की थी| साथ ही चीन को रोकने के लिए कई अन्य निर्णय भी किए थे| वही, मॉरिसन इनके सियासी विरोधक चीन के साथ संबंध सुधारने के लिए कोशिश करने के संकेत दे रहे?थे| चीन पर आरोप कर रहे ऑस्ट्रेलिया के गुप्तचर विभाग के अधिकारियों को हटाने की जरूरत होने का दावा भूतपूर्व प्रधानमंत्री पॉल कियाटिंग इन्होंने किया था|
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