वॉशिंगटन – रशिया और चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका ने अपने रक्षादलों को लेजर्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, डायरेक्ट एनर्जी के प्रगत हथियारों से सज्जित किया है| भविष्य के युद्ध में यह हथियार सबसे अहम भूमिका निभाएंगे, ऐसा अमरिका के लष्करी अधिकारी और विश्लेषकों का कहना है| ऐसी स्थिति में इस युद्ध की तैयारी करने हेतू लेजर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियारों समेत युद्धाभ्यास करने की तैयारी अमरिका के रक्षादलों ने की है| इस तरह इन अतिप्रगत हथियारों के साथ जाहीर तौर पर हो रहा यह पहला ही युद्धाभ्यास साबित होगा|
पिछले कुछ महिनों में अमरिका के रक्षादलों ने लेजर, डायरेक्ट एनर्जी एवं इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेपन्स का किया परीक्षण कामयाब रहा है| अमरिका की विध्वंसक, लंबी दूरी के गश्ती विमान, स्टेल्थ लडाकू विमान और रायफल्स इन अतिप्रगत तकनीक से सज्जित किए जा रहे है| लेकिन, इस अतिप्रगत तकनीक से बनाए हथियार असल युद्ध में कितने प्रभावी और कामयाब होंगे, सैनिक इन हथियारों का इस्तेमाल कैसे करेंगे, इन के इस्तेमाल में होने वाली कमी और जरूरी सुधार का अभी अभ्यास हुआ नही है, ऐसा अमरिका के ‘एअर फोर्स रिसर्च लैब’ ने कहा है|
इसके लिए पिछले हफ्ते में ‘एअर फोर्स रिसर्च लैब’ ने इन अतिप्रगत हथियारों का एक साथ परीक्षण करने के लिए युद्धाभ्यास का आयोजन करने की मांग की है| इस युद्धाभ्यास की वजह से अमरिका के अतिप्रगत हथियारों की क्षमता की जांच होगी| इसके साथ ही अन्य देशों की तुलना में अमरिका कितनी आगे निकली है, यह भी स्पष्ट होगा ऐसा इस संस्था ने अपने निवेदन में आगे कहा है| नई पीढी के लेजर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, डायरेक्ट एनर्जी वेपन्स का निर्माण करनेवाली अमरिका की प्रमुख कंपनियां भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हो रही है| अगले महीने तक इस युद्धाभ्यास का चित्र स्पष्ट हो सकेगा, यह दावा हो रहा है|
इससे पहले रशिया ने लेजर से सज्जित हथियारों का युद्धाभ्यास में इस्तेमाल करने की चर्चा हो रही थी| लेकिन, इस बारे में अधिकृत जानकारी एवं फोटो रशिया ने प्रसिद्ध किए नही थे| वही, कुछ महीनों पहले चीन ने ‘ईस्ट चाइना सी’ के निकट विध्वंसक पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियार का परीक्षण करने का दावा जापान एवं दक्षिण कोरिया के माध्यमों ने किया था|
इस दौरान, अगले दिनों के युद्ध में ‘डायरेक्ट एनर्जी वेपन्स’ की अहमियत काफी बडी रहेगी, यह इशारा अमरिका के लष्करी अधिकारी एवं अभ्यासगुटों के विश्लेषक दे रहे है| अंतरिक्ष में छोडा गया उपग्रह भी इन अतिप्रगत लष्करी तकनीक से सुरक्षित नही रह सकता, इस वजह से दुनिया भर में अपने हितसंबंध एवं अंतरिक्ष में छोडे उपग्रहों की सुरक्षा के लिए ‘डायरेक्ट एनर्जी वेपन्स’ के निर्माण एवं तैनाती पर अमरिका खास ध्यान दे, यह सलाह एक विश्लेषक ने दी थी|
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