बीजिंग/वुहान – चीन में ‘वुहान व्हायरस’ की बिमारी काफी तेजी के साथ फैलने की जानकारी प्राप्त हुई है| इस बिमारी को रोकने के लिए अब चीन ने ‘वुहान व्हायरस’ के जडें पाए गए ‘वुहान’ शहर समेत पडोस के कुछ शहरों को भी ‘लॉक डाउन’ करने का निर्णय किया है| ‘वुहान’ के पडोसी ‘हुआनगैंग’ शहर में इस लॉक डाउन का ऐलान किया गया| गुरूवार की सुबह से इन शहरों में आनेवाले और शहर से बाहर जानेवाले रास्ते पुरी तरह से बंद किए गए है| साथ ही शहर के हर एक नागरिक की जांच करने के लिए विशेष मुहीम हाथ में ली गई है|
पिछले वर्ष के आखिरी दिनों में पहली बार देखी गई ‘वुहान व्हायरस’ की बिमारी अब काफी तेजी से फैल रही है और चीन के अलावा दुनिया के छह देशों में इस बिमारी के मरिज देखे गए है| गुरूवार की सुबह दी गई जानकारी के अनुसार ‘वुहान व्हायरस’ की चपेट में फंसे लोगों की संख्या लगभग ६५० तक जा पहुंची है| इसमें सीर्फ चीन में देखे गए ६२८ मरिजों का समावेश है और चीन में अबतक इस बिमारी के कारण १७ लोगों की मौत हुई है|
दुनिया भर के अधिकांश देशों ने स्वास्थ्य यंत्रणाओं को पुरी तैयारी रखने के?आदेश जारी किए है और हवाई अड्डे एवं बंदरगाहों पर विशेष जांच करने के प्रावधान किए है| रशिया के सूत्रों ने यह चेतावनी जारी की है की, ‘चीन की ‘वुहान व्हायरस’ की बिमारी देश के लिए ‘बायोलॉजिकल थ्रेट’ साबित हो सकता है|’ रशिया के इस चेतावनी ने सनसनी फैलाई है| चीन की यंत्रणाओं ने वुहान व्हायरस के चपेट में ६०० से भी अधिक मरिज होने की बात कही है, पर अंतरराष्ट्रीय गुटों ने यह संख्या गलत होने का दावा किया है|
मात्र, चीन में ही इस बिमारी के चपेट में १० हजार से भी अधिक लोग होंगे, यह डर व्यक्त किया गया है| ऐसे में यूरोप के वैज्ञानिक और वैश्विक स्वास्थ्य संगठन ने ‘वुहान व्हायरस’ के बारे में खास ध्यान रखने की आवश्यकता होने का निवेदन जारी किया है और इस बिमारी को रोकने के लिए लस विकसित करने की गतिविधियां शुरू की है, यह भी कहा जा रहा है|
चीन के वुहान शहर के सीफूड मार्केट?और नजदिकी क्षेत्र से इस बिमारी का फैलना शुरू होने की बात कही जा रही है| पर, इश बीमारी की जडों तक पहुंचना चीन की यंत्रणाओं को अभी भी मुमकिन नही हो सका है| इस वजह से वैश्विक स्वास्थ्य संगठन के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय गुटों ने नाराजगी व्यक्त की है| चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने भी चीन के वुहान व्हायरस के बढते दायरे पर ध्यान देकरक चीन जरूरी कदम उठाएगा, यह वादा भी किया है|
इससे पहले वर्ष २००२ में चीन में सार्स की बिमारी फैलने से सैकडों लोगों की मौत हुई थी|
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