मायनट – कम से कम 14 हज़ार किलोमीटर लगातार उड़ान भरने की क्षमता रखनेवाले अमरीका के परमाणु वाहक ‘बी-52 एच बॉम्बर’ विमान खाड़ी क्षेत्र में दाखिल हुए हैं। निर्धारित मर्यादा से भी अधिक युरेनियम का संवर्धन करनेवाले ईरान को संदेश देने के लिए अमरीका ने इन बॉम्बर्स की तैनाती की है, ऐसा अमरिकी माध्यमों का कहना हैं। वहीं, अमरीका और इस्रायल ने ईरान में गुप्त लष्करी मुहिम चलाने की तैयारी की है, यह दावा इस्रायली समाचार चैनल ने किया है। इस वर्ष की शुरुआत में अमरीका ने ईरान के वरिष्ठ कमांडर कासेम सुलेमान को मार गिराने के बाद, अपने ‘बी-52 एच’ बॉम्बर्स का बेड़ा हिंद महासागर के लिए रवाना किया था।
खाड़ी क्षेत्र में अमरीका की लष्करी मुहिमों की ज़िम्मेदारी संभालनेवाली ‘सेंट्रल कमांड’ या ‘सेंटकॉम’ ने शुक्रवार के दिन ‘बी-52 एच बॉम्बर्स’ तथा सहायक विमानों का खेमा खाड़ी देशों के लिए रवाना होने की बात साझा की। खाड़ी क्षेत्र के कौनसे देश में इन विमानों की तैनाती हुई है या कितने बॉम्बर्स रवाना किए हैं, इससे संबंधित ब्यौरा ‘सेंटकॉम’ ने अभी जारी नहीं किया है। लेकिन, कम से कम समय में इन विमानों की तैनाती करके, अमरीका के मित्र और सहयोगी देशों को आश्वस्त करने का ज़िम्मा इन विमानों को दिया गया है, यह बात ‘सेंटकॉम’ ने स्पष्ट की।
पिछले सप्ताह में अमरीका के अस्थायी रक्षामंत्री ने अफ़गानिस्तान और इराक में तैनात सेना की वापसी करने का ऐलान किया था। अगले दो महिनों की अवधि में अमरीका इन देशों में तैनात अपनी सेना हटाएगी और इस पृष्ठभूमि पर, खाड़ी क्षेत्र में ‘बी-52एच बॉम्बर’ विमानों की शीघ्रता से तैनाती की गई है, यह दावा अमरिकी माध्यम कर रहे हैं। साथ ही, अमरीका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ कतार का दौरा कर रहे हैं और इसी दौरान इन अमरिकी बॉम्बर विमानों का खाड़ी क्षेत्र में दाखिल होना कुछ अलग ही संकेत देनेवाला है, यह दावा किया जा रहा है।
वहीं, अमरीका के पत्रकार और लष्करी विश्लेषकों ने, ‘बी-52 एच बॉम्बर्स’ की यह तैनाती ईरान से संबंधित होने का बयान किया है। खाड़ी क्षेत्र के देशों को धमका रहें एवं निर्धारित मर्यादा से 12 गुना अधिक युरेनियम का संवर्धन करनेवाले ईरान को स्पष्ट संदेश देने के लिए अमरीका ने ‘बी-52 एच बॉम्बर्स’ का दल खाड़ी क्षेत्र में रवाना किया है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ दिन पहले ही, ईरान के नातांज़ परमाणु केंद्र पर हमला करने के विकल्प पर विचार किया था। इस पृष्ठभूमि पर ‘बी-52 एच बॉम्बर्स’ की इस तैनाती की ओर देखा जा रहा है।
इससे पहले जनवरी महीने में अमरीका ने 6 ‘बी-52 एच बॉम्बर’ विमानों का दल, ईरान से तीन हज़ार मील की दूरी पर हिंद महासागर में स्थित दिएगो गार्सिया द्विप पर बने लष्करी अड्डे पर तैनात किया था। कासेम सुलेमान को ढ़ेर करने के बाद ईरान हमला करने की संभावना को मद्देनज़र रखते हुए अमरीका ने ‘बी-52 एच बॉम्बर’ विमानों की यह तैनाती की थी। अमरिकी बॉम्बर विमानों की खाड़ी क्षेत्र में हुई तैनाती, यह रणनीतिक रचना का हिस्सा होने की बात ये लष्करी विश्लेषक कह रहे हैं।
इसी बीच, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल खत्म होने के लिए अब दो महीने से भी कम अवधि शेष है। इस दौरान ईरान पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने की योजना अमरीका ने बनाई है। इसके साथ ही, अमरीका और इस्रायल ने ईरान के खिलाफ गुप्त लष्करी मुहिम चलाने की तैयारी की है, यह खबर इस्रायल के समाचार चैनल ने जारी की है। यदि अपने परमाणु केंद्र पर हमला हुआ, तो भयंकर युद्ध शुरू करने की चेतावनी ईरान ने पहले ही दी थी। इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका और इस्रायल से प्राप्त हो रहीं खबरों की गंभीरता बढ़ रही है।
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