बीजिंग – आनेवाले दौर में ‘ईस्ट तथा साऊथ चायना सी’ के सागरी क्षेत्र के लिए ख़तरनाक साबित होनेवाले विदेशी जहाज़ों पर ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ का तटरक्षकबल ठेंठ कार्रवाई करनेवाला है। चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने वैसा क़ानून पारित करके तटरक्षक बल को आदेश दिये हैं। चीन का यह क़ानून यानी इस सागरी क्षेत्र का इस्तेमाल करनेवाले देशों के लिए चेतावनी होने का दावा किया जाता है। कुछ ही घंटे पहले जापान ने ‘साऊथ चायना सी’ में चल रही चीन की मग़रूरी की आलोचना की थी। साथ ही, जापान ने यह आवाहन भी किया था कि चीन के विरोध में अमरीका के नये राष्ट्राध्यक्ष बायडेन सहयोग करें।
कुछ घंटे पहले चीन की ‘नॅशनल पिपल्स काँग्रेस’ की बैठक संपन्न हुई। इसमें चीन के तटरक्षकबल के लिए विशेष क़ानून पारित किया गया है। इसके अनुसार चीन के तटरक्षक बल को विदेशी जहाज़ों के खिलाफ़ शस्त्र का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गयी है। ‘ईस्ट एवं साऊथ चायना सी क्षेत्र में विदेशी संगठन अथवा व्यक्तियों द्वारा यदि चीन की सार्वभूमता, सार्वभूम अधिकार अथवा सागरी क्षेत्रों को ख़तरा निर्माण किया गया, तो उनके विरोध में शस्त्र का इस्तेमाल करो’, ऐसे आदेश इस क़ानून के तहत चीन ने दिये हैं। चीन के सरकारी मुखपत्र ने इस संदर्भ में ख़बर प्रकाशित की है।
इसमें कुछ विपरित न होकर, चीन की सार्वभूमता की सुरक्षा के लिए तटरक्षकबल को ये अधिकार दिये होने की जानकारी चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने दी। साथ ही, जापान का प्रशासन होनेवाले सेंकाकू द्विपसमूह पर भी चीन का अधिकार होने का दावा चुनयिंग ने इस समय किया। चीन के मुखपत्र से संबंधित लष्करी विश्लेषकों ने भी, सागरी सुरक्षा के बारे में आन्तर्राष्ट्रीय क़ानूनों में विशेष नियम नहीं हैं, ऐसा बताकर चीन की हुक़ूमत के क़ानूनों का समर्थन किया। उसीके साथ, एक विश्लेषक ने ऐसा भी सुझाव दिया है कि चीन का तटरक्षकबल सेंकाकू के द्विपसमूह के परिसर में इसके आगे नियमित रूप में गश्ती करें।
कुछ ही घंटे पहले अमरीका और जापान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाक़ात संपन्न हुई थी। इस मुलाक़ात के दौरान जापान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिगेरू कितामूरा ने ‘ईस्ट एवं साऊथ चायना सी’ में चीन अपना रहे आक्रामकता का मुद्दा उपस्थित किया। साथ ही, आनेवाले समय में भी बायडेन का नया प्रशासन, अमरीका और जापान के बीच सागरी सुरक्षाविषयक सहयोग बरक़रार रखें, ऐसा आवाहन कितामूरा ने किया। वहीं, अमरीका ने भी इस सागरी क्षेत्र में युद्धपोत रवाना किया था। कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने किये फ़ैसले का समर्थन करते समय, चीन के मुखपत्र ने इन दोनों घटनाओं का ज़िक्र किया।
इसी बीच, तटरक्षक बल को लष्करी कार्रवाई के अधिकार देनेवाले चीन ने, ‘साऊथ चायना सी’ में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए बड़ीं गतिविधियाँ कीं होने का दावा एक अमरिकी अभ्यासगुट ने किया है। पॅरासेल और स्प्रार्टले द्वीपसमूहों के सागरी क्षेत्र में जारी गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के लिए चीन ने हैनान बंदरगाह में पनडुब्बी का बड़ा अड्डा विकसित किया है। चीन के इस बंदरगाह के सैटेलाईट फोटोग्राफ्स इस अभ्यासगुट ने प्रकाशित किये हैं। यह नौसेना अड्डा ‘साऊथ चायना सी’ में चीन का वर्चस्व बढ़ानेवाला साबित होगा, ऐसी चेतावनी इस अभ्यासगुट ने दी है।
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