तैपेई – चीन की लकड़ी विमानों ने लगातार दूसरे दिन ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैंठ की। इस घुसपैंठ का जवाब देने के लिए ताइवान ने हवाई सुरक्षा यंत्रणा कार्यान्वित करके चीन के विमानों को खदेड़ दिया, ऐसी जानकारी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दी। हफ्ते भर में चीनी विमानों ने ताइवान की सीमा में की यह चौथी घुसपैंठ है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी के अनुसार, पिछले दो दिनों से चीन के ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी एअर फोर्स’ के विमानों ने ताइवान की दक्षिणी हवाई सीमा में घुसपैंठ की। गुरुवार दोपहर को ‘वाय-८’ इन पनडुब्बीभेदी विमानों ने और शुक्रवार को इसी श्रेणी के दो विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा का भंग किया था।
इन दोनों समय पर ताइवान ने लड़ाकू विमान रवाना किए थे। साथ ही, रेडियो द्वारा चीन के विमानों को ताइवान की हवाई सीमा से निकल जाने की चेतावनी दी। फिर भी चीनी विमानों की घुसपैठ जारी रही, तो ताइवान ने हवाई सुरक्षा यंत्रणा कार्यान्वित की और उसके बाद चीनी विमान वापस लौट गए, ऐसी जानकारी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दी।
पिछले साल के सितंबर महीने से चीन के लड़ाकू, निगरानी और लष्करी विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैंठ जारी रखी थी। बायडेन प्रशासन ने अमरीका के सत्ता की बागडोर हाथ में लेने के बाद चीन की घुसपैंठ में बढ़ोतरी हुई है। पिछले महीने में एक ही दिन में चीन के २३ विमानों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की थी।
चीन से ताइवान की सुरक्षा को होनेवाला खतरा बढ़ रहा है, ऐसी चेतावनियाँ अन्तर्राष्ट्रीय नेता और विश्लेषक दे रहे हैं। आनेवाले कुछ सालों में, चीन लष्करी कार्रवाई द्वारा ताइवान को निगलेगा, ऐसा दावा ये नेता और विशेषक कर रहे हैं। अमरीका की इंडो-पॅसिफिक कमांड के तत्कालीन प्रमुख ऍडमिरल फिलिप डेव्हिडसन ने भी कुछ हफ्ते पहले, अमरिकी सीनेट की समिति के सामने बात करते समय, चीन ताइवान पर हमला कर सकता है, ऐसी चेतावनी दी थी। अमरीका के विदेश मंत्रालय ने भी वैसा डर ज़ाहिर किया था।
लेकिन चीन से ताइवान की सुरक्षा को केवल लश्करी ही नहीं बल्कि आर्थिक और राजनीतिक सर पर भी खतरा होने का दावा ताइवान के नेता कमा अधिकारी और जनता कर रहे हैं। चीन ताइवान के संदर्भ में अपप्रचार, हाइब्रिड युद्धतंत्र और ग्रे झोन युद्धतंत्र का इस्तेमाल कर रहा होने का आरोप ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलियन न्यूज़ चैनल को दे दिए इंटरव्यू में किया था।
ताइवान की सत्ताधारी ‘डेमोक्रॅटिक प्रोग्रेसिव्ह पार्टी’ के वरिष्ठ नेता और संसद की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के उपाध्यक्ष वँग टिंग-यू निधि चीन के बारे में बड़ा बयान किया था। ‘राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग अपने नेतृत्व का बड़प्पन चीनी जनता के सामने साबित करना चाहते हैं। उसके लिए, ताइवान पर हमला करना यह एक विकल्प हो सकता है। चीन के पास बड़ा युद्ध छेड़ने की क्षमता भी है, लेकिन वह युद्ध चीन जीतेगा ही, ऐसा आत्मविश्वास चीन के पास नहीं है’ ऐसी फटकार वँग टिंग-यू ने लगाई थी। इसी कारण ताइवान विरोधी युद्ध जीतने के लिए चीन विभिन्न मार्गों का अवलंब कर रहा है, ऐसा वँग ने कहा था।
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