अफ़गान सेना की तालिबान पर हुई कार्रवाई में ३०० आतंकी ढ़ेर

  • कंदहार में लगातार दूसरे दिन हुए हवाई हमले
  • अफ़गान सेना ने तीन जिलों पर नियंत्रण पाया
  • दोहा में अफ़गान सरकार और तालिबान की चर्चा शुरू

अफ़गान सेना

काबुल – अफ़गानिस्तान की सेना ने बीते चौबीस घंटों के दौरान तालिबान के खिलाफ कार्रवाई करके करीबन ३०० आतंकियों को ढ़ेर किया। कंदहार, तखर प्रांतों में किए गए हवाई हमलों में ८१ से अधिक आतंकियों के मारे जाने की जानकारी अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने साझा की। इसके साथ ही तालिबान के आतंकियों को खदेड़कर अफ़गान सेना ने तीन जिलों पर फिर से नियंत्रण प्राप्त किया है। इसी बीच कतार की राजधानी दोहा में अफ़गान सरकार और तलिबान के नेताओं की चर्चा जारी है, फिर भी अफ़गानिस्तान में जारी संघर्ष नहीं रुका है।

अफ़गानिस्तान के ८५ प्रतिशत भूभाग पर हमने कब्ज़ा किया होने का दावा तालिबान के वरिष्ठ नेता ने कुछ दिन पहले ही किया था। इस वजह से अफ़गानिस्तान की स्थिति पर चिंता जताई जा रही थी। अगले कुछ हफ्तों में अफ़गानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान का नियंत्रण स्थापित होगा, यह ड़र जताया जा रहा था। लेकिन, कुछ ठिकानों पर पीछे हटने के लिए तालिबान मज़बूर हुआ है और ऐसे में हमें सेना तालिबान के विरोध में अच्छी सफलता हासिल कर रही है, यह दावा अफ़गान रक्षा मंत्रालय कर रहा है।

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तालिबान के आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए अफ़गान सेना ने हवाई हमलों का जोरदार इस्तेमाल किया है। इस देश के रक्षा मंत्रालय ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार शुक्रवार के हमलों में तालिबान के २८४ आतंकी मारे गए और २०५ घायल हुए। केवल जोज़वान प्रांत में हवाई हमले में ८१ आतंकी ढ़ेर हुए हैं। इसके अलावा शनिवार के दिन कंदहार, तखर और बलख प्रांत में किए गए हवाई हमलों में तालिबानी आतंकी बड़ी संख्या में मारे गए हैं, ऐसा अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने कहा।

इनमें से पाकिस्तान की सीमा के करीब कंदहार प्रांत में अफ़गान सेना द्वारा जोरदार हवाई हमले करने का दावा किया जा रहा है। तालिबान ने वहां की ‘स्पिन बोल्दाक’ सीमा चौकी पर कब्ज़ा किया था, वहां पर फिर से अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए अफ़गान सेना ने बड़ी मुहिम चलाई है। इससे पहले अफ़गान उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्लाह सालेह ने हाल ही में यह दावा किया था कि, यदि अफ़गान सेना स्पिन बोल्दाक से तालिबान को खदेड़ने की कोशिश करती है तो उन्हें हमारे हवाई हमलों का सामना करना पड़ेगा, ऐसा पाकिस्तान ने धमकाया था।

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इसके बाद अफ़गान सेना ने वहां पर कार्रवाई की तीव्रता बढ़ाने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। साथ ही अफ़गान सेना ने परवान, बामियान और निमरोज़ प्रांतों के तीन जिलों पर कब्ज़ा किया है। अफ़गानिस्तान में यह संघर्ष तीव्र हो रहा है और तभी कतार में अफ़गान सरकार और तालिबानी नेताओं की चर्चा शुरू हुई है। इसमें अफ़गानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.अब्दुल्ला अब्दुल्ला, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हमीद करज़ाई और तालिबान के वरिष्ठ कमांडर मुल्ला बरादर और सुहेल शाहिन शामिल हैं।

अफ़गानिस्तान में इस्लामी हुकूमत स्थापित करने की अपनी माँग पर तालिबान ड़टी होने का दावा किया जा रहा है। साथ ही अगले तीन महीनों के लिए अफ़गानिस्तान में युद्धविराम करने की तैयारी तालिबान ने जताई। लेकिन, इसके लिए अफ़गान सरकार को हमारे सात हज़ार सहयोगियों को रिहा करना पड़ेगा, यह माँग तालिबान ने रखी होने की जानकारी अफ़गान सरकार के अफसर ने दो दिन पहले ही सार्वजनिक की थी। यह माँग स्वीकारी गई तो तालिबान का संगठन अधिक मज़बूत होगा और इस आतंकी संगठन के अफ़गानिस्तान में हमले अधिक तीव्र होंगे, ऐसी चिंता अफ़गान अधिकारी ने जताई थी।

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