क्युबा के प्रदर्शनों के बाद अमरीका ने अपनाई भूमिका लष्करी हमले के संकेत देनेवाली

क्युबा का आरोप

हवाना/वॉशिंग्टन – क्युबा में बीते हफ्ते हुए प्रदर्शनों के बाद अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और प्रशासन द्वारा किए जा रहे बयान लष्करी हमले के संकेत देते हैं, ऐसा आरोप क्युबा के वरिष्ठ अधिकारी ने लगाया है। क्युबा के राष्ट्राध्यक्ष मिगेल डिआज-कैनल ने कुछ दिन पहले ही यह दावा किया था कि, क्युबा अस्थिर और खतरनाक बनाने का चित्र खड़ा करने में अंतरराष्ट्रीय साज़िश है। क्युबा में बीते हफ्ते शासक कम्युनिस्ट हुकूमत के कारोबार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए गए। सत्ताधारी हुकूमत के खिलाफ हुए यह प्रदर्शन सबसे बड़े होने की बात कही जा रही है।

लष्करी हमले

क्युबा में हुए इन व्यापक प्रदर्शनों को अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने समर्थन प्रदान किया था। यह प्रदर्शन क्युबन जनता का आक्रोश है और इसे दबाने के बजाय क्युबा की हुकूमत को लोगों की आवाज़ सुननी चाहिये, इस तरह की प्रतिक्रिया बायडेन ने दर्ज़ की थी। अमरीका के कई सांसदों ने क्युबा की हुकूमत के विरोध में प्रदर्शनों का समर्थन करके हस्तक्षेप करने की माँग की थी। क्युबन-अमरिकी नागरिकी गुटों ने ऐसा गंभीर इशारा दिया था कि, बायडेन प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया तो क्युबा में खून की नदियां बहेंगी। लेकिन, रशिया और लैटिन अमरीका के कुछ देशों ने क्युबा में विदेशी हस्तक्षेप बर्दाश्‍त ना करने का इशारा दिया था।

इस पृष्ठभूमि पर क्युबा की सरकार ने अमरीका पर नए से आलोचना की है। क्युबा के विदेश विभाग के ‘यूएस अफेअर्स’ विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जोहाना तब्लादा ने अमरिकी प्रशासन क्युबा की स्थिति का गलत चित्र खड़ा कर रहा है, यह आरोप लगाया। ‘हॉलिवुड के वॉल्ट डिज्नी ने खराब हुकूमत और आज़ादी के लिए लड़ रही जनता का कथानक बनाया है। क्युबा में कभी भी कदम ना रखनेवालों को इस कथानक का खास किरदार बनता देखकर ड़र तो लगेगा ही। इसका कारण यह कथानक सच्चाई को तोड़मोड़कर और घमंड़ी स्वभाव से तैयार किया गया है’, ऐसी फटकार तब्लादा ने लगाई।

लष्करी हमले

‘अमरीका की क्युबा के खिलाफ लष्करी मुहिम के लिए किसी भी तरह की गतिविधियाँ शुरू होने की कोई भी बात फिलहाल सामने नहीं आयी हैं। लेकिन, अमरिकी प्रशासन बड़ी आक्रामक भूमिका अपना रहा है और यह भूमिका लष्करी हमले के संदेश देती है। इससे पहले, लीबिया और इराक में लष्करी दखलअंदाज़ी करने से पहले भी इसी तरह की भूमिका अपनाई गई थी। ११ जुलाई के प्रदर्शनों के बाद अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी लगातार क्युबा के प्रति गलत बयान कर रहे है’, ऐसा आरोप जोहाना तब्लादा ने लगाया।

बायडेन प्रशासन ने क्युबा की हुकूमत पर पहले लगाए गए प्रतिबंध जारी रखे हैं। साथ ही क्युबन जनता को इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए गतिविधियां भी शुरू की हैं। अमरीका स्थित क्युबन समुदाय क्युबा में भेज रहे पैसों को लेकर लगाए गए नियम शिथिल करने के संकेत भी दिए गए हैं। अमरीका की रिपब्लिकन पार्टी ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की क्युबा संबंधित नीति कमज़ोर होने का आरोप लगाया है और डेमोक्रैट पार्टी के नेता ही क्युबा की कम्युनिस्ट हुकूमत का समर्थन कर रहे हैं, इस ओर ध्यान आकर्षित किया है।

वर्ष १९५९ में क्युबा में क्रांती के बाद फिडेल कैस्ट्रो के नेतृत्व में कम्युनिस्ट हुकूमत ने सत्ता संभाली थी। कैस्ट्रो की हुकूमत का तख्ता पलटने की अमरीका ने कई कोशिशें की थीं। लेकिन, वे कोशिशें असफल हुईं थी। अमरीका ने क्युबा पर बड़ी मात्रा में आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए थे। वर्ष २०१५ में भूतपूर्व अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने क्युबा पर लगाए प्रतिबंध कुछ हद तक हटाने का निर्णय किया था। लेकिन, डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में क्युबा को आतंकी समर्थक देशों की सूचि में शामिल करके नए प्रतिबंध लगाए गए थे।

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