चीन के वुहान समेत ४० शहरों में ‘डेल्टा वेरियंट’ का भयंकर उद्रेक – चीन की कोरोना विरोधी मुहिम शंका के घेरे में

बीजिंग – चीन की राजधानी बीजिंग और कोरोना के उद्गम के वुहान शहर समेत ४० शहरों में ‘डेल्टा वेरियंट’ का उद्रेक की बात सामने आयी है। चीन के विभिन्न शहरों में शुक्रवार के दिन कोरोना के १२४ मामले सामने आए हैं और इसके साथ ही कोरोना की इस नई लहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर ५०० तक जा पहुँची है। चीन की इस नई लहर ने देश की कोरोना विरोधी मुहिम पर सवाल खड़े किए हैं।

‘डेल्टा वेरियंट’

चीन के वुहान शहर में वर्ष २०१९ के अन्त में कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद कुछ महीने लॉकडाउन, मास टेस्टिंग, बड़े अस्पतालों का निर्माण एवं स्थानीय स्तर पर विकसित किए गए वैक्सीन के बलबूते पर कोरोना की महामारी नियंत्रित करने का दावा चीन की हुकूमत ने किया था। कोरोना के उद्गम स्थान वुहान समेत अन्य शहरों में पार्टी एवं अन्य कारणों के लिए उमड़ी भीड़ के फोटो भी जारी किए गए थे।

अपने देश में महामारी को नियंत्रित करने के दावे कर रहे चीन ने पश्‍चिमी एवं अन्य देशों द्वारा जारी कोरोना विरोधी मुहिम की आलोचना की थी। साथ ही चीनी हुकूमत ने अपने नागरिकों का बड़ी मात्रा में टीकाकरण करने की जानकारी भी सार्वजनिक की थी। चीनी यंत्रणाओं के दावों के अनुसार अब तक देश में कोरोना वैक्सीन के १.७ अरब टीके लगाए गए हैं। लेकिन, पुख्ता कितने नागरिकों को टीका लगाया गया है, यह जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।

इस पृष्ठभूमि पर कोरोना की महामारी का नया उद्रेक चीन की हुकूमत समेत स्थानीय यंत्रणाओं के लिए नई चुनौती साबित होने की बात कही जा रही है। चीन में पाए गए कोरोना के इस नए उद्रेक में अधिकांश संक्रमण के मामले ‘डेल्टा वेरियंट’ के हैं और इस वेरियंट का संक्रमण काफी तेज़ी से फैल रहा हैं। चीन की यंत्रणाओं ने इस खतरे को ठिक से समझा नहीं है, यह दावा विशेषज्ञों ने किया है। चीन की वैक्सीन ‘डेल्टा वेरियंट’ के खिलाफ सक्षम होने के दावे किए गए हैं, फिर भी इसके वैज्ञानिक सबूत सामने नहीं आए हैं। इस वजह से चीन का टीकाकरण किस हद तक लाभकारी साबित होगा, इस पर भी आशंका जताई जा रही है।

चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और इसी बीच देश के प्रमुख वैज्ञानिक शी झेंग्ली ने कोरोना के नए विषाणु को लेकर चेतावनी जारी की है। ‘कोरोना संक्रमितों की संख्या प्रचंड़ मात्रा में बढ़ रही है। इस वजह से कोरोना के विषाणुओं में अंदरुनि बदलाव होने के अवसर उपलब्ध होंगे। कोरोना के विषाणुओं के नए नए प्रकार सामने आते रहेंगे’, यह इशारा झेंग्ली ने दिया है। झेंग्ली ने बीते दशक से भी अधिक समय से कोरोना विषाणु से संबंधित शोधकार्य किया है और इस वजह से उनका इशारा ध्यान आकर्षित करता हैं। पश्‍चिमी देशो के ‘सेज’ नामक गुट ने भी कुछ दिन पहले ही कोरोना के नए वेरियंट को लेकर गंभीर इशारा दिया था। कोरोना का नया वेरियंट ३५ प्रतिशत संक्रमितों की मौत का कारण बनने तक घातक साबित हो सकता है, यह इशारा ‘सेज’ ने दिया था।

इसी बीच, चीन की शीर्ष अनुसंधान संस्था का एक वैज्ञानिक कोरोना संक्रमित होने की जानकारी सामने आयी है। एक अमरिकी वेबसाईट ने इससे संबंधित दावा किया है। चीन की ‘नैशनल इन्स्टिट्यूट फॉर वायरल डिसिज कंट्रोल ऐण्ड प्रिवेंशन’ (एनआयवीडीसी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक वर्ष २०२० के शुरू में ही कोरोना संक्रमित हुए थे। चीन के कुछ वैज्ञानिकों के ई-मेल्स से यह जानकारी सामने आयी है। इससे पहले वर्ष २००४ में चीन से फैली ‘सार्स’ की महामारी भी ‘एनआयवीडीसी’ से ही शुरू होने की बात स्पष्ट हुई थी। इस वजह से यह घटना ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हुई है।

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