वॉशिंग्टन – ‘अफ़गानिस्तान में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के तहत फिर से हवाई हमले करने का पूरा अधिकार अमरीका को है और अमरीका इसका पूरा इस्तेमाल करेगी, ऐसी सख्त चेतावनी अमरिकी रक्षा मंत्रालय ने दी है। अमरीका के लोकप्रतिनिधि, मौजूदा एवं पूर्व लष्करी एवं गुप्तचर अफसरों ने तालिबान की आतंकी नीति की वजह से अमरीका फिर से असुरक्षित होने की चिंता जताई थी। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी रक्षा मंत्रालय की यह चेतावनी ध्यान आकर्षित करती है। कुछ दिन पहले अमरिकी सिनेटर लिंड़से ग्रैहम ने अमरीका को अफ़गानिस्तान में फिर से सेना की तैनाती करनी पड़ेगी, यह इशारा दिया था।
बीते कुछ दिनों से अफ़गानिस्तान में आयएस और अल कायदा जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। तालिबान ने अफ़गानिस्तान में आयएस के प्रभाव से इन्कार करने की कोशिश की। लेकिन, आयएस के आतंकियों ने अफ़गानिस्तान के जलालाबाद शहर में लगातार चार दिन बम विस्फोट करके तालिबान के आतंकियों को लक्ष्य किया। इन हमलों में अफ़गान नागरिक भी मारे गए। आयएस ने इन हमलों का ज़िम्मा खुलेआम उठाया था।
तो, तालिबान के मंत्रिमंड़ल में ओसामा बिन लादेन के दो अंगरक्षकों को प्राप्त हुआ स्थान अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों की चर्चा का विषय बना है। दो दशकों के बाद सत्ता हथियानेवाली तालिबान अभी भी अल कायदा के साथ सहयोग बनाए हुए है, इस ओर लष्करी विश्लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया। बिल्कुल इसी दौर में अल कायदा का प्रमुख अयमन अल जवाहिरी का वीडियो जारी होता है और इससे पश्चिमी देशों को धमकाया जाता है, यह भी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंताजनक होने का बयान विश्लेषकों ने किया था। अफ़गानिस्तान का इस्तेमाल करके अल कायदा अमरीका और यूरोपिय देशों पर नए हमले कर सकती है, ऐसे इशारे इन विश्लेषकों ने दिए हैं।
ऐसी स्थिति में अमरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने तालिबान को इशारा दिया है। अमरीका ने सेना हटाई है, फिर भी अफ़गानिस्तान में मौजूद आतंकियों पर हमले करने का अधिकार खोया नहीं है, ऐसा किर्बी ने स्पष्ट किया। साथ ही अमरीका कभी भी अफ़गानिस्तान में हवाई हमले कर सकती है और इससे अमरीका को कोई भी नियम रोक नहीं सकता, यह इशारा भी किर्बी ने दिया।
अमरिकी रक्षा मंत्रालय के इस इशारे पर तालिबान एवं पाकिस्तान से तीव्र प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो सकती हैं क्योंकि, अफ़गानिस्तान में हवाई हमले करने के लिए अमरीका भविष्य में भी पाकिस्तान की हवाई सीमा का इस्तेमाल करेगी। अमरीका को हवाई सीमा देने से इन्कार करने का साहस पाकिस्तान में नहीं है। इस वजह से अमरीका के हवाई हमलों की सहायता करने पर तालिबान द्वारा पाकिस्तान को भी लक्ष्य करने की कड़ी संभावना है। ऐसी धमकी भी तालिबान ने पहले ही स्पष्ट रूप से दी थी।
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