काबुल – अफगानिस्तान के कुंदूझ इस उत्तरी प्रांत में शिया पंथियों के प्रार्थना स्थल में हुए भयंकर विस्फोट में १०० से अधिक लोगों की जान गई है। इस विस्फोट में घायलों की संख्या भी २०० से अधिक बताई जाती है। लेकिन इस विस्फोट में मृतकों और घायलों की संख्या के बारे में तालिबान ने किए दावे और अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसियाँ दे रही जानकारी, इनमें बहुत बड़ा फ़र्क है। तालिबान का प्रवक्ता झबिउल्ला मुजाहिद ने इस हमले के लिए किसी पर भी आरोप नहीं किया है। तालिबान का पथक इस विस्फोट की जाँच के लिए रवाना हुआ है, ऐसा झबिउल्ला मुजाहिद ने कहा। लेकिन तालिबान की सत्ता आने के बाद अफगानिस्तान में शांति स्थापित होगी, ये दावे इस विस्फोट के कारण पूरी तरह खारिज हुए हैं।
ताजिकिस्तान सीमा से सटे कुंदूझ प्रांत की राजधानी कुंदूझ शहर में शुक्रवार को दोपहर लगभग डेढ़ बजे शक्तिशाली विस्फोट हुआ। यहाँ की शिया पंथियों के प्रार्थना स्थल में आत्मघाती आतंकवादी ने यह विस्फोट करने का दावा किया जाता है। वहीं, कुछ माध्यमों ने इसे बम विस्फोट बताया है। इस विस्फोट के समय प्रार्थना स्थल में कम से कम ३०० लोग थे। इनमें से १०० लोगों की जान गई होने का दावा रशियन न्यूज़ एजेंसी ने अफगानी सूत्रों के हवाले से किया। वहीं, फिलहाल तालिबान के नियंत्रण में गईं अफगानी न्यूज़ एजेंसियों ने, इस विस्फोट में ५० लोगों की मृत्यु हुई ऐसा बताया है।
इस विस्फोट की जिम्मेदारी का स्वीकार किसी भी संगठन ने नहीं किया है। अफगानिस्तान में बनी तालिबान की हुकूमत का विरोध करनेवाले ‘आईएस-खोरासन’ के आतंकवादियों ने यह विस्फोट करवाया होने का दावा किया जाता है। इस हफ्ते की शुरुआत में राजधानी काबुल के एक प्रार्थना स्थल में आईएस के आतंकियों ने विस्फोट करवाया था। तालिबान के आतंकवादियों को लक्ष्य करके करवाए गए इस विस्फोट में १२ लोगों की जान गई थी।
वहीं, इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान स्थित शिया पंथियों के प्रार्थना स्थल तथा अन्य स्थानों को लक्ष्य किया था। इस कारण शुक्रवार के विस्फोट के पीछे तालिबान का ही एक गुट होने की संभावना जताई जाती है। पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों पर तालिबान के हमले बढ़े हैं। हजारा समुदाय पर तालिबान के आतंकियों ने की कार्रवाई की जानकारी हाल ही में सामने आई थी।
इसी बीच, ताजिकिस्तान की सीमा से सटकर होनेवाले कुंदूझ प्रांत में हजारा, उझबेक, ताजिक इन अल्पसंख्यकों का वास्तव्य है। महीने भर पहले तालिबान ने कुंदूझ प्रांत पर कब्ज़ा करने के बाद यहाँ के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार शुरू किए होने की जानकारी सामने आई थी। वहीं, कुछ दिन पहले तालिबान ने ताजिकिस्तान की सीमा के पास आत्मघाती आतंकवादियों का पथक तैनात करने की खबर आई थी। इस पृष्ठभूमि पर, शुक्रवार के इस विस्फोट की ओर अधिक शक की निगाह से देखा जा रहा है।
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