मास्को/बीजिंग – रशिया और चीन की नौसेनाओं ने सोमवार के दिन ‘सी ऑफ जापान’ के समुद्री क्षेत्र में संयुक्त गश्त लगाने की जानकारी प्राप्त हुई है। ‘सी ऑफ जापान’ के रास्ते रशिया और चीन के युद्धपोतों ने पैसिफिक महासागर में प्रवेश करने की जानकारी दोनों देशों ने प्रदान की। इस तरह से दोनों देशों ने ‘सी ऑफ जापान’ में गश्त लगाने का यह पहला अवसर है। चीन और रशिया का यह सहयोग भविष्य में अमरीका पुरस्कृत गुट को चुनौती देगा, यह इशारा चीनी माध्यमों ने दिया है।
बीते हफ्ते के गुरूवार से रशिया के पूर्वीय समुद्री क्षेत्र में ‘रशिया-चीन जॉर्इंट सी २०२१’ नामक नौसेना के युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया है। इस युद्धाभ्यास के बाद सोमवार के दिन दोनों देशों के १० युद्धपोतों ने ‘सी ऑफ जापान’ में प्रवेश किया। जापान की मुख्य भूमि एवं इसके उत्तरी ओर के होक्कायडो द्विप के बीच स्थित ‘त्सुगारु स्टेट’ से रशिया और चीन के युद्धपोतों ने गश्त लगाई। इस समुद्री क्षेत्र से दोनों देशों के युद्धपोतों ने पैसिफिक महासागर में प्रवेश करने की बात जापान ने कही है। जापान दोनों देशों की गतिविधियों पर नज़र रखे हुए है, यह भी स्पष्ट किया गया है।
चीन और रशिया की यह संयुक्त गश्त अमरीका पुरस्कृत गुट को प्रत्युत्तर देने की कोशिश होने का इशारा चीनी माध्यमों ने दिया है। चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने चीन और रशिया का यह बढ़ता सहयोग अमरीका की ‘ऑकस डील’ जैसी योजनाओं को चुनौती देगा, यह इशारा भी दिया है। बीते वर्ष से रशिया और चीन की नौसेनाओं ने स्वतंत्र पद्धति से अमरिकी सीमा के करीबी क्षेत्र से यात्रा करने का दाखिला भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने इस दौरान दिया।
चीन की बढ़ती विस्तारवादी हरकतों को रोकने के लिए अमरीका ने बीते कुछ वर्षों से ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में रक्षा तैनाती बढ़ाने का निर्णय किया है। इस निर्णय के साथ ही इसमें अन्य मित्र एवं भागीदार देशों को भी शामिल करने की कोशिश हो रही है। अमरीका के इस ‘इंडो-पैसिफिक’ गुट में ऑस्ट्रेलिया, भारत, ब्रिटेन, फ्रान्स, कनाड़ा जैसे देश शामिल हुए हैं। इन देशों ने अपने युद्धपोत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रवाना किए हैं और नौसेनाओं के संयुक्त युद्धाभ्यास का भी आयोजन किया गया है।
अमरीका का यह गुट चीन की हुकूमत के लिए बड़ा अड़ंगा साबित हुआ है। चीनी हुकूमत लगातार इस गुट के देशों पर अलग अलग मार्ग से दबाव ड़ालने की और धमकाने की कोशिश कर रही है। तो दूसरी ओर रशिया जैसे मित्रदेश के साथ रक्षा सहयोग अधिक बढ़ाने के लिए भी चीन कदम बढ़ा रहा है। सोमवार के दिन ‘सी ऑफ जापान’ में लगाई गई गश्त इसका बड़ा अहम चरण बनता है। चीनी माध्यमों के बयान भी इसकी पुष्टी कर रहे हैं।
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