वॉशिंग्टन/मास्को – रशिया ने यूक्रैन पर हमाल करने की कोशिश की तो रशिया को अंतरराष्ट्रयी स्तर के आर्थिक कारोबार की यंत्रणा से तोड़ा जाएगा, यह इशारा अमरीका ने दिया है| इससे रशियन उद्योग और जनता के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने की, यात्रा एवं व्यापार की क्षमता पर गंभीर असर पड़ेगा, यह इशारा अमरिकी विदेश विभाग की अधिकारी विक्टोरिया नूलैण्ड ने दिया| अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन की बैठक की पृष्ठभूमि पर नूलैण्ड का यह इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा हैं|
रशिया ने यूक्रैन पर हमला करने के लिए भारी मात्रा में सैन्य जमावड़ा करने की बात स्पष्ट हुई है| बीते दशक में क्रिमिया और पूर्व यूक्रैन पर किए गए हमलों की तरह फिर से हमला करके यूक्रैन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की जाएगी, ऐसे दावे पश्चिमी देश कर रहे हैं| लेकिन, रशिया ने इन दावों को नकारा है और जवाब में पश्चिमी देशों की गतिविधियॉं उकसानेवाली होने का बयान किया है| लेकिन, पश्चिमी देशों ने अपनी भूमिका अधिक आक्रामक की है और रशिया को इसकी बड़ी कीमत चुकाने के लिए मज़बूर किया जाएगा, यह इशारा भी दिया है|
सोमवार के दिन अमरीका के साथ मित्रदेशों ने रशिया को चेतावनी देते हुए गंभीर परिणामों का अहसास कराया था| इसमें सैनिकी जवाब देने के साथ ही सख्त प्रतिबंधों का भी समावेश था| मंगलवार के दिन अमरीका और रशिया के राष्ट्राध्यक्षों की चर्चा के दौरान भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने सख्त आर्थिक प्रतिबंधों का ज़िक्र किया| अमरिकी माध्यमों ने भी इससे संबंधित खबर देते हुए रशिया को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग यंत्रणा ‘स्विफ्ट’ से तोड़ने की संभावना जताई थी| विदेश विभाग की अधिकारी नूलैण्ड के बयान से इसकी पुष्टी हो रही है|
‘रशिया को लक्ष्य करने के लिए कई राजनीतिक विकल्पों का सुझाव दिया गया है| आर्थिक कारोबार की यंत्रणा से रशिया को पूरी तरह से अलग करना, एक विकल्प है| इसका असर रशियन उद्योग और जनता को भुगतना पड़ेगा| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने की और यात्रा एवं व्यापार करने की उनकी क्षमताओं पर प्रतिबंध लगेंगे’, यह इशारा नूलैण्ड ने दिया| इससे पहले, वर्ष २०१४ में रशिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के साथ उसे ‘स्विफ्ट’ यंत्रणा से तोड़ने का विकल्प सामने था| इसके बाद रशिया ने भी चीन की सहायता से विकल्प के तौर पर स्वतंत्र यंत्रणा शुरू करने की संभावना को परखना शुरू किया था|
इसी बीच, अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने रशिया अब चीन की पूँछ बनकर रहने का खतरा होने का इशारा दिया है| अमरीका और रशिया के बीच कई मतभेद हैं फिर भी चीन जैसे मुद्दों पर दोनों देशों की चर्चा हो सकती है, यह दावा भी उन्होंने इस दौरान किया| कुछ दिन पहले ही बोल्टन ने यह इशारा दिया था कि, अमरीका और यूरोप के बजाय चीन के साथ नज़दीकियॉं बढ़ाना रशिया की बहुत बड़ी गलती है| भविष्य में सदी का शेष समय चीन के साथ बिताने का निर्णय रशिया के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं होगा, यह दावा भी अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने किया था|
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